भारत का यह नकारात्मक चरित्र " केवल पैसा और सत्ता की भूख " के कारण हो रहा है | सच्चे राष्ट्रप्रेम और नैतिक चारित्र्य के अभाव के कारण देश की यह दुर्गति बनी है | आइये, इस चरित्र को बदलें सच्ची देशभक्ति का आदर्श स्थापित करें | देश का यह नकारात्मक चरित्र बदलनें के लिए निर्भीक होवें और " अर्थक्रांती जनसंसद के ५ प्रस्ताव " समझकर अपनें देश व परिवाजनों की सुरक्षा तथा भावी सुखद भविष्य के लिए देश के आर्थिक नियोजन पद्धती को पूरी तरह से बदलनें का एक मंगलकारी काम करें :----आज देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है | प्रचलित अर्थव्यवस्था से विश्व कर्ज का बोझ अधिकतम, डॉलर की अधिक किंमत, और भारतीय रुपये का अवमूल्यन हुआ है | परिणामत: भयंकर महंगाई व जीडीपी ग्रोथ में गिरावट | यह कटु सत्य है कि इस स्थिति के उदगम का कारण देश में भ्रष्ट्राचार व अनैतिकता का हाबी होंना तथा सत्ता-पद और पैसे द्वारा इन दुष्कृत्यों को पूरा संरक्षण मिलना है, अन्यथा क्यों सर्वोच्च न्यायालय को विधायिका के कार्यों पर कठोर टिपण्णी करना और संसदीय कार्यों में हस्तक्षेप करके कठोरतम आदेश प्रसारित करना आवश्यक होता ? | प्रिय बंधू - भगिनी, हम इस पर राजनीति नहीं करे परन्तु देश अवश्य बचाएं ।इसलिए निम्न ५ प्रस्तावों के पत्र भेजे जा रहे है | आप भी भेजे / मित्रों - शुभचिंतकों से भिजवाएं |
...............…………………….….……. अर्थक्रांती जन संसद, औरंगाबाद.
परिणाम : देश का सुदृढ आर्थिक कोषं व राष्ट्र का सच्चा विकास ।……… अर्थक्रांती जनसंसद, औरंगाबाद द्वारा देशहित में प्रसारित ।
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