Monday 11 August 2014

" अर्थक्रांती " पर लालकिले से प्रधानमंत्रीजी कुछ कहें इस हेतु प्रसार माध्यमों को प्रार्थना |

11 - 08 - 2014.
Chandrakant Vajpeyi <chandrakantvjp@gmail.com> 5:11 PM (2 hours ago) 


समस्याओं के निदान के मंत्र  अर्थक्रांती  पर 

श्री मोदीजी १५ अगस्त पर लालकिले से बोले, 

अत: प्रसार माध्यमो को विशेष प्रार्थना | 

[ संचार माध्यमों, संगठनों व देशहित में सोचनेवाले नागरिकों को ईमेल विनंती पत्र ]  
तत्काल कार्यवाही हेतु निवेदन 


आदरणीय महानुभाव,
देश की आर्थिक, सामाजिक, अपराधिक समस्याओं से तुरंत छुटकारा पानें के लिए और देश में विकास योजनाओं का सफल प्रामाणिक भ्रष्टाचारमुक्त - समयबद्ध क्रियान्वयन करने / कराने के लिए देश के आदरणीय लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी सहित केंद्र सरकार के सभी मंत्री, भाजपा कार्यकर्ता, विभिन्न दलों के नेता-कार्यकर्ता, निस्वार्थ गैरराजनीतिक कार्यकर्ता, प्रसार माध्यम, और सर्वसामान्य नागरिक चिंतित होकर विभिन्न स्तरों पर कर्त्तव्य कर रहे है |

उक्त सन्दर्भ में सभी समस्याओं के समाधान का विश्वसनीय रामबाण उपाय  "अर्थक्रांती"   श्री अनिल बोकील सर नें ढूंढ निकाला है |   आम चुनावों और सरकार बनाने के पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी स्वयं श्री बोकील जी के सामने अर्थक्रांती को योग्य व्यवस्था कहकर इसे देश में लागू करने की बात कह चुके है |

अत: प्रसार माध्यमों से देशहित में विनम्र निवेदन है कि कृपया
" अर्थक्रांती "  पर अधिकतम चर्चा / लेख आदि का प्रदर्शन / प्रकाशन करे और  १५ अगस्त २०१४ को अर्थक्रांती लागू करने के विषय पर प्रधान
मंत्री जी स्वयं कुछ कहें ऐसा वातावरण बनाए |


मेरे द्वारा निजी रूप से एक जेष्ठ नागरिक की राष्ट्रिय जवाबदारी का विचार करके देशभर में अच्छे सच्चे आर्थिक व्यवस्था संचालन के उपाय सामने आयें, इस उद्देश्य से "एनडीटीवी"  के  आदरणीय श्री रवीश कुमार जी को ट्वीट करते हुवे उपरोक्त निवेदन नीचे दिएनुसार सभी के लिए किया है | 
  
कृपया सभी   " इलेक्ट्रोनिक  एवं  प्रकाशन संचार माध्यम "  और  देश का हित सोचनें वाले सभी महानुभाव / संगठन  मेहरबानी करके मेरे उक्त निवेदन पर तुरंत कार्यवाही करें, मै सदैव आभारी रहूंगा | सभी देशहित चिंतकों को अग्रिम धन्यवाद  एवं   शुभकामनाएं |
..................................................................  चंद्रकांत वाजपेयी.

आज दिनांक ११ अगस्त को किये चार ट्वीट्स निम्नानुसार है :---                                                         
  CHANDRAKANT VAJPEYI @chandrakantvjp  ·  1m
@ravishndtv May media raise discussion & decision-point on ARTHAKRANTI, wid Anil Bokil Sir, Govt. & others so d PM h've words in next speech

Replied to 0 times
  CHANDRAKANT VAJPEYI @chandrakantvjp  ·  4h
@ravishndtv श्री अनिल बोकिल जी की "अर्थक्रांती" देश को आर्थिक समृद्धि के साथ विभिन्न सामाजिक व अपराधिक समस्याओं से निजात देने की व्यवस्था है

Replied to 0 times
  CHANDRAKANT VAJPEYI @chandrakantvjp  ·  4h
@ravishndtv देशकी सभी समस्याओं की जड में असीमित अनियंत्रित व अपारदर्शी नगदी पैसेखर्च करने का नागरिक अधिकार है व मात्र अर्थक्रांती ही उपाय है

Replied to 0 times
  CHANDRAKANT VAJPEYI @chandrakantvjp  ·  5h
@ravishndtv क्यों न महंगाई रिश्वतखोरी कालेधन भ्रष्टाचार-घोटाले अपराध व सजामुक्ति की मूल जड असीमित व अपारदर्शी नगदी खर्च को प्रतिबंधित करें ?
Replied to 0 times

Regards,

CHANDRAKANT  VAJPEYI.
Sr. ctzn & Non Political Social Worker, 
Aurangabad. [ Maharashtra ]
Email : chandrakantvjp@gmail.com

Plz read and go to www.arthkranti.org if required.  Thanks. 
Yours sincerely,  

CHANDRAKANT VAJPEYI.
Sr.ctzn & Non Political Social Worker, Aurangabad.

Thursday 7 August 2014

संसद की गरिमा और देश में शान्ति व सौहाद्रता

_____________________________

संसद की गरिमा  और  
देश में शान्ति व सौहाद्रता

 
देश में कुछ स्थानों पर सत्ता का प्रभाव ही नैतिक अनुशासन 
शुन्य बनाकर शासन प्रशासन को लुंजपुंज करते हुवे सामाजिक संतुलन 
व आपसी सौहाद्रता को नेस्तनाबूत कर चुका है | परस्पर आरोपों व 
प्रत्यारोपों नें सारी मर्यादाओं को तार-तार कर दिया है | अत: " दूध का 
दूध और पानी का पानी करना जरुरी है |
मोदी सरकार की स्थापना पश्चात पंजीबद्ध हुए दंगे 
और दंगा क्षेत्रों  के शासक दलोंकी जानकारी अब सार्वजनिक होंना चाहिए,जिससे नागरिक  भ्रमित न हो व देश में अशान्ति न फैले ।

इस प्रकार की जानकारी मिलनें से नागरिक खुद ही समझ जायेगे
कि कौन से राजनीतिक दल और उनकी सरकारे 
प्रामाणिकता के साथ  जनता की सेवा व प्रगति कर रही है ? और कौन से दल आरोपों प्रत्यारोपों के माध्यमसे जनता को भ्रमित करके देश में अशांति पैदा करते हुवे सत्ता हथियानें में जुटे हुए है ? 

संसद, हंगामा करनें व अपना ही राग आलापनें का दालान नहीं है, यहाँ सांसदों को बोलनें के समान अवसर, 
पक्ष-विपक्ष द्वारा शांतिपूर्वक सुसभ्य भाषा के उपयोग 
देश व जनहितों की सुरक्षा व प्रगति के विषयों पर  
तर्क संगत सच्चे आकडो की प्रस्तुती करके एकमत से निर्णय लेनें हेतु जनप्रतिनिधित्व करनें का स्थल है |
क्या देश का जनमानस सांसदों को उक्त व्यवस्थाओंसे 
जोडनें के लिए स्वयं आगे बढकर शान्ति व 
सौहाद्रता निर्मित करनें में सफल होगा ?
___________________________________