----------------- चुनावो के करतब ----------------------

चुनावी उम्मीदवारों के साथ कब तक
कैसे लगता लोगों का अस्थाई मेला
कैसे लगता लोगों का अस्थाई मेला
यह भी जानें, उम्मीदवारों के पास
कैसे आता स्थाई समाज मिलनेंवाला |
कैसे आता स्थाई समाज मिलनेंवाला |
चाहे हों बड़ी रैली अथवा हों कोई भी रेला
भीड़ तंत्र का होता यह, एक अस्थाई मेला
जब तक स्वार्थ - सत्ता के लिए मन होंगा मतवाला
तब तक चाटुकारों का होगा अस्थाई छद्म बोलबाला
आगे होगा संघर्ष, आपसी फुट व टांगखिचाई करनेवाला |
किन्तु जब कोई नेता होगा सत्ता को केवल सेवा का साधन माननेवाला
तदानुरूप उक्त नेता का सच्चा व्यवहार होगा, केवल राष्ट्र जोड़नेवाला
भारत में जो भी होगा, केवल और केवल राष्ट्रहित के लिए जीनेवाला
पटेल-लाल, दिना-अटल, अब्दुल कलाम के पदचिन्हों पर चलनेवाला
उसी नेता को मिलेगा स्थाई समाज, उसका साथ कभी ना छोडनेंवाला
जनता को सुरक्षा, प्रगति, शांती, समरसता, आनंद व समाधान देनेंवाला |
नेपानगर विधानसभा के सभी उम्मीदवार
कृपया हमारी उपरोक्त बात को समझे
कृपया हमारी उपरोक्त बात को समझे
किसी दल-व्यक्ति या समूह तक सिमित रहकर,
केवल स्वजीवन तक ही ना उलझे .
केवल स्वजीवन तक ही ना उलझे .
जीत या हार बड़ी नहीं, आप चाहे जीते या हारें,
मात्र नागरिक सुरक्षा व उत्थान के सूत्र हों सारे |
इति शुभ - विजयी भव |
....... वाजपेयी काका
जेष्ठ नागरिक, औरंगाबाद (महाराष्ट्र)
Email : chandrakantvjp@gmail.com
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