०३ / १२ / २०१३.
तत्काल सोचिये,१० दिसंबर २०१३ के पूर्व और बाद में
" प्रतिदिन बलात्कार- रेप, घोटाले, ह्त्या के साथ नैसर्गिक साधनों तथा धन की लूट की असीमित
घटनाओं कों देखते हुवे क्या अब यह जरूरी नहीं हो गया है कि श्री अन्ना हजारे जी का जनलोकपाल
क़ानून देश में तुरंत लागू हो जिससे भारत का हर नागरिक जो किसी भी पद पर स्थापित हो, एक साल
के अंदर अनैतिक या भ्रष्ट्र आचरण के कारण कठोरतम सजा पाए यहाँ तक कि वह स्थायी रूप से जेल की
हवा खाए ? क्या इस क़ानून के चलते अपराधियों कों डर पैदा हो व अपराध रुकें ? " क्या अपनें बच्चों
की सुरक्षा के लिए इस क़ानून कों तत्काल लागू करानें हेतु हम नागरिकों कों सरकार पर दबाव बढ़ाना
जरुरी नहीं है ? यदि यह आवश्यक है, तो हम पीछे क्यों रहें ?
अन्ना जी के जनलोकपाल क़ानून के प्रभाव से भारत में व्याप्त असीमित से व्यभिचार, अनाचार,
अत्याचार और भ्रष्ट्राचार पर ६० % रोक लगेगी | जब दो वर्ष पूर्व इस लोकपाल क़ानून के लिए माननीय
अन्ना हजारे जी नें अन्न - जल त्याग दिया तो देश के प्रधानमंत्री जी नें संसद की स्वीकृति से अन्ना जी
कों शीघ्र ही जनलोकपाल क़ानून लागू करनें का लिखित वचन दिया, यहाँ विश्वासघात हुआ | दो वर्ष बाद
भी यह क़ानून नहीं बना, इसलिए अब ७६ वर्षीय वृद्ध अन्ना अपने जीवन की पर्वा न करके भावी पीढी
की सुरक्षा के लिए फिर एक बार १० दिसंबर २०१३ से जनलोकपाल क़ानून की स्थापना के लिए 'रालेगन
सिद्धि' महाराष्ट्र में भूखहडताल कर रहे है |
क्या इस सप्ताह प्रारम्भ हो रहे संसद सत्र में लोकपाल क़ानून की तुरंत स्वीकृति हो इस हेतु मा.
अन्ना हजारे जी के १० दिसंबर २०१३ से प्रारम्भ होनेंवाले भूखहडताल के समर्थन में हमें राष्ट्रपति,
प्रधानमंत्री, सत्तापक्ष की नेता श्रीमती सोनिया गांधी, विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज व श्री
अरुण जेटली जी सहित सभी सांसदों कों पत्र लिखना तथा अपने निवास क्षेत्र में सामूहिक भूख
हडताल करना अनुचित होगा ?
क्या अपनें परिवार की सुरक्षा के लिए निर्भीक होकर यह कदम उठाना
हमारा धर्म, इंसान होनें का अर्थ और राष्ट्रीय कर्त्तव्य नहीं है ?
यदि आपका उत्तर हां में है, तो उठिए और अपने परिवार पर संभावित संकट कों सुरक्षित करनें के लिए
स्वयं खड़े हो जाइए तथा मित्रों व शुभचिन्तको कों आपका साथ देनें के लिए प्रेरित कीजिये | जयहिंद |
तत्काल सोचिये,१० दिसंबर २०१३ के पूर्व और बाद में
मुझे स्वयं कों क्या करना होगा ?
" प्रतिदिन बलात्कार- रेप, घोटाले, ह्त्या के साथ नैसर्गिक साधनों तथा धन की लूट की असीमित
घटनाओं कों देखते हुवे क्या अब यह जरूरी नहीं हो गया है कि श्री अन्ना हजारे जी का जनलोकपाल
क़ानून देश में तुरंत लागू हो जिससे भारत का हर नागरिक जो किसी भी पद पर स्थापित हो, एक साल
के अंदर अनैतिक या भ्रष्ट्र आचरण के कारण कठोरतम सजा पाए यहाँ तक कि वह स्थायी रूप से जेल की
हवा खाए ? क्या इस क़ानून के चलते अपराधियों कों डर पैदा हो व अपराध रुकें ? " क्या अपनें बच्चों
की सुरक्षा के लिए इस क़ानून कों तत्काल लागू करानें हेतु हम नागरिकों कों सरकार पर दबाव बढ़ाना
जरुरी नहीं है ? यदि यह आवश्यक है, तो हम पीछे क्यों रहें ?
हम राजनीतिक दबाव या डर से ऊपर उठकर क्यों न जिये ?
अन्ना जी के जनलोकपाल क़ानून के प्रभाव से भारत में व्याप्त असीमित से व्यभिचार, अनाचार,
अत्याचार और भ्रष्ट्राचार पर ६० % रोक लगेगी | जब दो वर्ष पूर्व इस लोकपाल क़ानून के लिए माननीय
अन्ना हजारे जी नें अन्न - जल त्याग दिया तो देश के प्रधानमंत्री जी नें संसद की स्वीकृति से अन्ना जी
कों शीघ्र ही जनलोकपाल क़ानून लागू करनें का लिखित वचन दिया, यहाँ विश्वासघात हुआ | दो वर्ष बाद
भी यह क़ानून नहीं बना, इसलिए अब ७६ वर्षीय वृद्ध अन्ना अपने जीवन की पर्वा न करके भावी पीढी
की सुरक्षा के लिए फिर एक बार १० दिसंबर २०१३ से जनलोकपाल क़ानून की स्थापना के लिए 'रालेगन
सिद्धि' महाराष्ट्र में भूखहडताल कर रहे है |
क्या इस सप्ताह प्रारम्भ हो रहे संसद सत्र में लोकपाल क़ानून की तुरंत स्वीकृति हो इस हेतु मा.
अन्ना हजारे जी के १० दिसंबर २०१३ से प्रारम्भ होनेंवाले भूखहडताल के समर्थन में हमें राष्ट्रपति,
प्रधानमंत्री, सत्तापक्ष की नेता श्रीमती सोनिया गांधी, विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज व श्री
अरुण जेटली जी सहित सभी सांसदों कों पत्र लिखना तथा अपने निवास क्षेत्र में सामूहिक भूख
हडताल करना अनुचित होगा ?
क्या अपनें परिवार की सुरक्षा के लिए निर्भीक होकर यह कदम उठाना
हमारा धर्म, इंसान होनें का अर्थ और राष्ट्रीय कर्त्तव्य नहीं है ?
यदि आपका उत्तर हां में है, तो उठिए और अपने परिवार पर संभावित संकट कों सुरक्षित करनें के लिए
स्वयं खड़े हो जाइए तथा मित्रों व शुभचिन्तको कों आपका साथ देनें के लिए प्रेरित कीजिये | जयहिंद |
………….…. चंद्रकांत वाजपेयी.
जेष्ठ नागरिक एवं गैर राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता, औरंगाबाद. ,
Email : chandrakantvjp@gmail.com




![कॉंग्रेसचा खोटारडेपणा उघडकीस आला .
राजीव गांधी जीवनदायिनी योजनेच्या पहिल्या गरीब लाभार्थी ज्यांना सोनियाजींच्या हस्ते कार्ड मिळालं त्या श्रीमती भगत ८ खोल्याच्या टुमदार बंगल्यात राहतात. घरी AC आहे आणि टीव्ही देखील.
हाच का तो सोनियाजींचा 'आम आदमी'?
ABP माझा चे अभिनंदन !
Congratulations @[179725075270:274:ABP Majha] for exposing the blatant lie of #Congress Party. The first card issued by the hands of Soniaji #Gandhi of much hyped 'Rajeev Gandhi Jeevandayini Yojana' for poor is given to a lady who lives in 8 room bungalow with AC, TV, etc
Is this the AAM AADMI of Congress?
News link:
http://www.youtube.com/watch?v=URgKuWmjSYw](https://m.ak.fbcdn.net/sphotos-b.ak/hphotos-ak-ash4/s403x403/1457485_258911187595154_880017106_n.jpg)




