CHANDRAKANT VAJPEYI ------------------------------------------- |
Submitted on 2012/06/07 at 3:48 pm
चुप कैसे बैठूं ? क्यों ना सोचूं ?
आप भी ज़रा सोचिये ……
(१) ”राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हेतु जाती और
धर्म के आधार पर प्रत्याशियों के चयन
को कॉंग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी
प्रश्रय क्यों दे रही है ? अन्य दल भी इस
धारा में क्यों बह रहे है ?
(२) क्या यह प्रक्रिया भारतमें धर्म
निरपेक्षता को इंगित करती है ?
(३) क्या यह प्रक्रिया संविधान की दृष्टी अनुचित
होकर अपराधजन्य नहीं है ?
(४) क्या भारतीय संविधान में उक्त आधार पर
प्रत्याशी चयन करनें व विशिष्ट जाती विशिष्ट
धर्म के प्रत्याशी’ की प्रस्तुति के आधार पर
वोट मांगनें की व्यवस्था को अनुमति प्राप्त है ?
(५) यदि श्रीमती सोनिया गांधी एवं कॉंग्रेसदल के
कर्ता -धर्ता संवैधानिक व्यवस्था के विरूद्ध
कार्य को प्रभावी कर रहें है तो प्रशासन और
न्यायालय [क़ानून] उनके विरुद्ध अपनी
जिम्मेदारी क्यों नहीं निभा रहा है ?
(६) क्या आपको नहीं लगता की जात – धर्म के
आधार पर राजनेताओं द्वारा वोट बैंक बनाने
की प्रक्रिया से विभिन्न समाजों में परस्पर
स्नेह - सहयोग अर्थात आपसी सहिष्णुता की
भावना कमजोर होती है और देश में अशांति
की निर्मिती के साथ-साथ सामाजिक विघटन
होता है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है
जिससे देश के विकास गति पर प्रतिकूल
प्रभाव पड़ता है ?
यदि उपरोक्त सब सही है,
तो
चुप क्यों हो ?
कुछ करो देश बचाओ।”
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अब
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