Sunday, 24 June 2012

अब मुस्लिम राष्ट्रपति के पक्ष में नहीं हैं सोनिया 1# तो चुप क्यों हो ? कुछ करो देश बचाओ।”



CHANDRAKANT VAJPEYI

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चुप कैसे बैठूं ? क्यों ना सोचूं ? 

आप भी ज़रा सोचिये ……


(१) ”राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हेतु जाती और 

     धर्म के आधार पर प्रत्याशियों के चयन  
     को कॉंग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी   
     प्रश्रय क्यों दे रही है ? अन्य दल भी इस 
     धारा में क्यों बह रहे है ?
(२) क्या यह प्रक्रिया भारतमें धर्म  
      निरपेक्षता को इंगित करती है ?


(३) क्या यह प्रक्रिया संविधान की दृष्टी अनुचित 
    होकर अपराधजन्य नहीं है ?

(४) क्या भारतीय संविधान में उक्त आधार पर 
     प्रत्याशी चयन करनें व विशिष्ट जाती विशिष्ट
    धर्म के प्रत्याशी’ की प्रस्तुति के आधार पर 
    वोट मांगनें की व्यवस्था को अनुमति प्राप्त है ?

(५) यदि श्रीमती सोनिया गांधी एवं कॉंग्रेसदल के
    कर्ता -धर्ता संवैधानिक व्यवस्था के विरूद्ध
    कार्य को प्रभावी कर रहें है तो प्रशासन और 
    न्यायालय [क़ानून] उनके विरुद्ध अपनी
    जिम्मेदारी क्यों नहीं निभा रहा है ?

(६) क्या आपको नहीं लगता की जात – धर्म के
    आधार पर राजनेताओं द्वारा वोट बैंक बनाने 
    की प्रक्रिया से विभिन्न समाजों में परस्पर 
    स्नेह - सहयोग अर्थात आपसी सहिष्णुता की 
    भावना कमजोर होती है और देश में अशांति
    की निर्मिती के साथ-साथ सामाजिक विघटन 
    होता है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है 
    जिससे देश के विकास गति पर प्रतिकूल 
    प्रभाव पड़ता है ?
    यदि उपरोक्त सब सही है,
तो 
     चुप क्यों हो         

  कुछ करो देश बचाओ।”

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