Monday, 30 July 2012

''क्यो करो ? या क्यो मरो ?''


''क्यो करो  ?   या   क्यो मरो ?''
प्रेमळ बंधू - भगिनीनो, 
                               आपल्याला मनातून असे वाटते न कि सरकारी क्षेत्रातील  सर्व कामे एक पैसा देखील लाच न देता, वेळेवर होण्याची सक्षम व्यवस्था आपल्या देशात असावी आणि आपला देश पूर्ण पणे भ्रष्टाचारमुक्त असावा.    
निश्चितच हे शक्य आहे.  या साठी   फक्त न घाबरता अण्णा हजारे यांच्या आंदोलनात आपली स्वत:ची आणि आपल्या घरातील सदस्यांची व्यक्तिगत उपस्थिती - पाठींबा आणि आत्मिक सहयोग पाहिजे.  आपल्या याच कामा साठी अर्थात आपली ईच्छा पूर्ण व्हावी म्हणून  देशासाठी तळमळणारे व प्राणपणाने झिजणारे विख्यात समाजसेवी ७४ वर्षाचे आदरणीय अण्णा हजारे आणि त्यांच्या टीमने कठोर  सक्षम " जन लोकपाल कायदा तयार केला आहे , पण सरकार हा कायदा लागू करण्यास तयार नाही."    अर्थातच  
 सरकार आपल्या मनातल्या म्हणजे जनतेच्या ईच्छा पूर्ण करायला तयार नाही हे उघड दिसून येते. खरे तर आपल्या देशाच्या घटनेत (संविधानात) स्पष्ट लिहिले आहे कि सरकारने देशाचे राज्य लोकतंत्र पद्धतीने चालवायचे आहे. "  लोकतंत्र म्हणजे जनतेच्या ईच्छानी चालणारे तंत्र  किंवा लोकांच्या ईच्छेने चालणारे शासन.   म्हणूनच  जेष्ठ समाजसेवी अण्णा हजारे साहेब जनलोकपाल कायदा लागू करवून आपली [जनतेची]  ईच्छा पूर्ण व्हावी म्हणजेच देशात खरोखर लोकतंत्र [ गणतंत्र ] स्थापित व्हावे असे प्रामाणिक प्रयत्न करीत आहे. या साठी अण्णाचे सहकारी गेल्या २५ जुलाई २०१२ पासून आपला मृत्यू हातावर घेवून आमरण उपोषण करीत आहे. इतकेच नव्हे स्वत: अण्णा २९ जुलाई १२ पासून बेमुदत उपोषण करीत आहेत. 
                      प्रिय बंधू-भगिनीनो, खालील बिंदूवर निष्पक्ष विचार करा, स्वत: आपल्या मनातून ठरवा - निर्णय घ्या |  आजच निश्चय करा कि आज आपल्या सर्वाना काय करायला हवे
आता वेळ नाही,   आता फक्त आणि फक्त एकच  "   करो   या   मरो 
विचार करा :--  
(१) काय आपल्या असंख्य पूर्वजांनी जीवनाची आहुती देवून दिलेलं "स्वराज्य" आणि भारतीय संविधानातून प्राप्त '' गणतन्त्र [ लोकतंत्र ] " खऱ्या अर्थाने अर्थाने आज व्यवहारातून आढळतो आहे का ?
(२) काय खरे 'स्वराज्य' आणि यथार्थ लोकतंत्र [ गणतंत्र ]  याचे रक्षण करायचे का ?
(३)  काय खरे 'स्वराज्य' आणि यथार्थ लोकतंत्र / गणतंत्र  याचे रक्षण करणे आपला राष्ट्रीय धर्म आणि कर्तव्य आहे ? किंवा  नाही ? 
(४) काय निर्भिक होवून अण्णा आणि त्यांच्या सहकार्या सोबत स्वत: लढा लढायचा ?
(५) " काय शासनाचा कैवार घ्यायचा ?"   किंवा   " स्वत: घाबरट पणा सोडून तुमच्या-आमच्या  परिवाराच्या रक्षणासाठी स्वत:चे बलिदान देण्यास आहूत असणार्याना प्रत्येक पातळीवर सहकार्य देवून शासनास तात्काळ  जनलोकपाल कायदा लागू करण्यास भाग पाडायचे ?
" त्या साठी काय व्यवस्था परिवर्तनाचा हठ्ठहास धरायचा ?
 
(६)  काय स्वातंत्र्याच्या ६५ वर्षानंतर सुद्धा जनतेचे काम लाच खोरी शिवाय तसेच वेळेवर होऊ नये असे आपले मन आणि मत आहे का ? काय या पद्धतीला समर्थन आणि संरक्षण देणार का ?
         आग्रह करतो कि कृपाकरून आपण आपल्या शुद्ध व्यवहारातून हे प्रमाणित करा  कि :--
" तुम्ही खरोखर  भारत-मातेचे  निष्ठावान पुत्र / पुत्री आणि स्वतंत्र भारताचे खरे नागरिक आहात. " 

निवेदक :- चंद्रकांत वाजपेयी, +919730500506.  chandrakantvjp@gmail.com
    जय हिंद    -     भारत माता की  जय    -   वंदे  मातरम   -   इन्कलाब जिंदाबाद. 

Monday, 23 July 2012

२५ जुलाई के पहिले इसे पढ़ना-समझना अनिवार्य है अन्यथा भारतीय हो जायेंगे " झिरो. "

22 / 07 / 2012 




२५ जुलाई के पहिले इसे पढ़ना-समझना अनिवार्य है 


 अन्यथा भारतीय हो जायेंगे " झिरो. "



'असीमित भ्रष्टाचार',  निश्चित रूप से देश में व्याप्त अनाचार-अनैतिकता 


महंगाई दु:ख लाचारी-बेबसी का कारक है।' भ्रष्टाचार ही देश के प्रत्येक 


नागरिक को दु:खी कर रहा है और इसी कारण इसकी पूर्ण समाप्ति आज 


हर व्यक्ति की पहली आवश्यकता बन चुकी है। 


'कर्क रोग की तरह व्याप्त भ्रष्टाचार रोकने का सर्वोत्तम उपाय "अण्णा 


के जनलोकपाल क़ानून को लागू करना है परन्तु शासनकर्ता अर्थात 


आजके राजनीतिक दलों से जुड़े लोग अपनें कर्तव्य के अनुसार इसे लागू 


करानें से कतरा रहे है। वे इसकी स्थापना में रूकावटे डालते है। यदि वे 


ऐसा नहीं करते है तो फिर वे केवल सत्ता से ही दूर नहीं होंगे बल्कि जेल 


भी जायेंगे। 

अब आप ही सोचिये " क्या राजनीतिक दलों के लोग स्वयं के पैरों पर 


कुल्हाड़ी मारेंगे? देश में भ्रष्टाचार को इमानदारी से समाप्त करना चाहेंगे?"


क्या ये लोग सच्चे राष्ट्रनिष्ठ - देशभक्त या देश के 'आम आदमी ' के हित


- चिन्तक हो सकते है ?



आम आदमी के हितो की रक्षा करने,भ्रष्टाचारमुक्ति के लिए जनलोकपाल 



कानून बनाने तथा देश के दागदार-भ्रष्ट शासन कर्ताओं पर लगे आरोपों 


की जांच के लिए " अति तीव्र-जांच प्रकोष्ठ '' की स्थापना करनें की मांग 


को लेकर अण्णा टीम के तीन युवा सर्वश्री अरविंद केजरीवाल, मनीष 


सिसोदिया और गोपाल रॉय "२५ जुलाई २०१२ से अपने प्राण न्योंछावर 


करनें पर आमादा हुवे है। ये तीनों युवा सकारात्मक निर्णय नहीं होनें 


तक पूरी तरह से भूख हड़ताल करनें जा रहे है । इनकी केवल इतनी 


अपेक्षा है की आम नागरिक अपने स्वयं के बच्चो-परिवारजनों की रक्षा 


व सुख के लिए निर्भीक होकर सड़क पर उतरे और उनकी मांगो का 


लिखित समर्थन करके सरकार को मजबूर करे। 
देशवासियों, मेरा आत्मिक निवेदन है कि स्वयं सोचिये आपको क्या 


करना चाहिए ? आपका क्या कर्त्तव्य है ?  कृपया नीचे लिखे दोनों 


विकल्पों  और  मेरी प्रार्थना-अपील का अध्ययन करें, तत्पश्चात

 स्वयं को जो उचित लगे उसका पालन करें. :---



(१) " क्या आपको अपने बच्चो के सुखद भविष्य के लिए प्राणों की 



       बाजी लगनें वाली अण्णा टीम का साथ इमानदार और निर्भीक


       नागरिक बनकर देना चाहिए और २५ जुलाई २०१२ से सड़क 


       पर उतरकर सरकार की कार्यप्रणाली के विरुद्ध निडरता के साथ


       खड़े रहना चाहिए ?
                                    अथवा



(२)   डरपोक रहकर, आम व्यक्ति के दु:ख - कष्ट बढानें वाली सरकार की


       भ्रष्टाचारी व्यवस्था को साथ देनें वाले नागरिक की भूमिका प्रस्तुत 


       करना चाहिए ? क्या सरकार का साथ देनें वाले आचरण से 


       भ्रष्टाचारियों को जो संरक्षण मिलेगा उसे देखककर आपके अपनें


       बच्चे आपके विरुद्ध खड़े होंगे / आपके सम्मान विरुद्ध शब्द प्रयोग


       करेंगे, क्या यह उचित होगा?


देशवासियों से देशहित में मेरी प्रार्थना और आग्रह है कि :--

" कृपया त्याग, तपस्या व बलिदान के लिए आहूत तथा अच्छाई- 


सच्चाई के लिए लड़नेंवाले अण्णा टीम के सभी महानुभावों का पूर्ण साथ 


दें। " २५ जुलाई २०१२ को स्वयं अनेक साथियो के साथ सड़क पर 


उतरकर अण्णा टीम को समर्थन देवें। स्वयं डरपोक व बिकाऊ ना बनें 


और अपनें बच्चों की रक्षा भ्रष्टता को संरक्षण देकर ना करें।
देशवासियों,  इस हेतु आपका अग्रिम हार्दिक आभार ।


--- चंद्रकांत वाजपेयी {जेष्ठ नागरिक व सामाजिक कार्यकर्ता} औ.बाद 

मो.+९१९७३०५००५०६. ई -मेल: chandrakantvjp@gmail.com





Friday, 20 July 2012

"क्या जन-प्रतिनिधि अब तभी बनेंगे, जब वे यह सिध्द कर दिखाएँगे?"


20/07/2012. 


WHY THE 25th JULY & 9th AUGUST 2012 , ARE MOST


IMPORTANT DAYS TO ALL THE LEADERS OF INDIA ?




"क्या जन-प्रतिनिधि अब तभी बनेंगे,  जब वे यह सिध्द कर 
दिखाएँगे?" 




       नेताओं,  याद  रखिये  कि  यदि  " जन लोकपाल  विधेयक  को 


आपका  पूर्ण  समर्थन  नहीं मिलेगा,  अण्णा हजारे के भ्रष्टाचार  विरोधी 


आन्दोलन  /  २५ जुलाई २०१२ को  केंद्र के १५ दागी मंत्रियो व १६२ 


भ्रष्ट-दागी  सांसदों  के  विरुद्ध  जंतर-मंतर  या  आपके  निवास  के 


निकटस्थ  स्थानीय  केंद्र  पर  इस  बाबद  आयोजित  आमरण  भूख 


हड़ताल में आपकी सहभागिता नहीं रहेगी, और बाबा रामदेवजी के ९ 


अगस्त २०१२  के  आन्दोलन  में  आपकी  अनुपस्थिति  या  दूरी पायी 


जायेगी तो फिर  आप  निश्चित  ही  नेता या जन -प्रतिनिधि बननें के 


लायक नहीं है।


जब आप उक्त सब कर दिखाएँगे तभी सब  कहेंगे की आप नेता है और


उम्मीदवारी की प्राथमिक परीक्षा में सफल हुवे है । आप हमारे भी 


नेता है, बशर्ते आप उम्मीदवारी की उपरोक्त प्राथमिक परीक्षा में 


सफल होते है, देश के कानून का उल्लंघन नहीं करते, आपके विरुद्ध 


कोई अपराधिक मुकदमा / ऍफ़आयआर दर्ज नहीं है और भविष्य में 


भी यही स्थिति बनाकर रखेंगे, आप सभी सार्वजनिक हित के कार्यों 


में खुले दिल से सहकार्य करते हैं, आप स्नातक तक पढाई कर चुके 


है, आपकी आयु ६०वर्ष से ज्यादा नही है, आप किसी धर्म, जाती, 


भाषा या प्रांत के प्रति विशेष आसक्त न होकर समभाव रखते है. 


इतना ही नहीं आपअपने स्वयं के और खून के रिश्ते दारो के आर्थिक 


आय-व्यय को हर चार माह में वेब साईट पर सार्वजनिक करनें तथा 


कोई आर्थिक, भावनिक अथवा शारीरिक अपराध घटित नहीं होनें 


देनें के लिए वैधानिक तरीके से वचन बद्ध है तो, आगामी चुनाव में 


आप हमारे उम्मीदवार ही नहीं जन प्रतिनिधि होंगे. 


देश को आपकी ही जरूरत है. इसलिए २५ जुलाई और ९ अगस्त


२०१२ को अपनें प्राणों की बाजी लगाएं - देश के लिए जियें । 



क्या आप देश के लिए जियेंगे ? क्या उपरोक्त कर दिखाएँगे ? 

" आपकी जय हो. जय हिंद. जय भारत. "



राष्ट्रहितार्थ प्रतिबद्ध , 



चंद्रकांत वाजपेयी.  { जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता. } 



Coordinator : 



" Movement for Corruptionfree India thru


 Science & Technology" Aurangabad. Maharashtra. 



Mobile  No.  :   +919730500506. 


Email: chandrakantvjp@gmail.com

Tuesday, 10 July 2012

IT PROVES " WHY TO APPLY " RIGHT TO RE-CALL " & ": आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं की स्थापना.

IT PROVES " WHY TO APPLY " RIGHT TO RE-CALL " & ": आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं की स्थापना.:     From: Chandrakant Vajpeyi < chandrakantvjp@gmail.com > Date: 2012/7/10 Subject: आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं की स्थापना.  म.प्र. ...

आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं की स्थापना.

   
From: Chandrakant Vajpeyi <chandrakantvjp@gmail.com>
Date: 2012/7/10
Subject: आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं की स्थापना.  म.प्र. को देश का पथप्रदर्शक राज्य बनाने विषयक.



 १० / ०७ / २०१२.      विज्ञान व प्रौद्योगिकी समावेशित
                भ्रष्टाचारमुक्त भारत निर्माण आंदोलन
                    गैर राजनीतिक व गैर व्यापारिक ज्ञान-विज्ञान विकास समूह ]
                                                                                                         समुह का पंजीयन प्रतीक्षित )
                    { संयोजक : चंद्रकांत वाजपेयी. जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता }
      मोबा. क्रमांक : +९१ ९७३०५००५०६.  ई-मेल : chandrakantvjp@gmail.com   
  एल १/५कासलीवाल-विश्वउल्कानगरी,पार्वतीनगर, गारखेडाऔरंगाबाद. ४३१००५.  

प्रतिष्ठा में,
                ( १ )    माननीय शिवराज सिंह चौहान साहेब. ( मुख्यमंत्री )
                         मुख्यमंत्री कार्यालय, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल म.प्र. 

                 ( २ )                    माननीय मुख्य सचिव महोदय, 
                           म.प्र. शासन.  मुख्य  सचिव कार्यालय, भोपाल (म.प्र.)  




   माध्यम : -   जिलाधीश  ग्वालियर,  मध्य प्रदेश.


  विषय :-              आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं की स्थापना.  
                म.प्र.  को  देश का   पथ-प्रदर्शक  राज्य बनाने विषयक. 
आदरणीय मुख्य मंत्री जी, 
                                                 यह हर्ष और संतोष का विषय है कि सुराज व्यवस्थाओं की स्थापना में  म.प्र. द्रुत गती से अग्रेसरित हो रहा है |   प्रामाणिक प्रशासनिक व्यवस्थाये,  सरकार द्वारा आम आदमी के लाभ से जुडे कार्याक्रमो की प्रस्तुती,  " मा. मुख्यमंत्रीजी की   एक सच्चे जनसेवक के रूप में व्यावहारिक प्रस्तुती " और सत्ता पक्ष के  कार्यकर्ताओं की सकारात्मक भूमिका ही उपरोक्त हर्ष भरे सकारात्मक परिणामो की निर्मिती कर रही है 


                     "  प्रदेश सरकार को हार्दिक बधाई और अभिनंदन. " 


मान्यवर,  यह  सुस्पष्ट हो चुका है कि आज मनुष्य का धन पर अनियंत्रित लोभ और देशभर में स्थापित राजनीतिक माहौल,  किसी भी प्रामाणिक व्यक्ति अथवा ईमानदार शासन को आर्थिक अपराध या भ्रष्टाचार में लिप्तता के आरोपो से मुक्त रखने कि स्थिती  में नही है |  अत: राष्ट्रपतीजी से लेकर हर राष्ट्रभक्त नागरिक  /  समाजसेवी  और  शासक  केवल  चिन्तित  ही  नही  है ,  अपितु  इस  कठोरतम  समस्या  के  निदान  के  लिये   रात-दिन  एक  कर  रहे  है  | 


              विगतवर्ष  १९ जून २०११  को   ई-मेल  /  निम्न  लिंक  के माध्यम  से "लोकपाल  मसौदा समिती"  (अण्णा टीम व  केंद्र सरकार के मंत्रियो की टीम) के सामने   " देश  में  भ्रष्टाचार मुक्ती  "  विषय पर  निवेदनकर्ता ने  आग्रह  किया था कि   : --
  "  ६ माह के भीतर प्रत्येक  सरकारी  एवं  गैरसरकारी  प्रतीष्ठानो  को  अनिवार्यत:  उनकी  वेबसाईट बनाना, उनके सभी आर्थिक व्यवहार केवल ई - बँकिंग पद्धती से करना ( केवल प्लास्टिक मनी पद्धती द्वारा करना ) और  कागजी कैशबुक के साथ-साथ  ई - कैशबुक संचालन करना  अनिवार्य और  बंधनकारी किया जावे.

 ( लिंक नीचे दी गयी है, कृपया यथावश्यकता अवलोकन करे.)                             
[image]scan0001.pdfhttps://mail-attachment.googleusercontent.com/attachment/?ui=2&ik=0f7d479db7&view=att&th=130a7b9f87e17524&attid=0.1&disp=safe&realattid=file0&zw&saduie=AG9B_P_4UXjujToWNjHeCrnaDgKI&sadet=1340950598727&sads=B4nxsGCAsH2jDWR81vjKB6KFsho&sadssc=1




  •                                          इस पत्र  /  ई-मेल द्वारा मध्य प्रदेश शासन से आग्रह पूर्ण निवेदन है कि  मध्य प्रदेश में   "  ६  माह  के  भीतर  प्रत्येक   सरकारी   एवं   गैर  -सरकारी   प्रतीष्ठानो   को अनिवार्यत:  उनकी  वेबसाईट बनाना, उनके सभी आर्थिक व्यवहार केवल ई-बँकिंग पद्धती से करना ( केवल -प्लास्टिक -मनी पद्धती द्वारा करना ) और  कागजी कैशबुक के साथ-साथ ई - कैशबुक संचालन करना  अनिवार्य और  बंधनकारी किया जावे.   इस प्रकार   म. प्र.  को  आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं  की स्थापना करने वाला देश का पथ-प्रदर्शक राज्य बनाया जावे।                                                                                                                                                              है  
  •               विश्वास है कि  ग्वालियर के सम्माननीय जिलाधीश जी देशहित का विचारकर और अपने कर्तव्य का परिचय देकर अनुशंसा सहित इस पत्र को म.प्र. शासन के पास शिघ्रताशिघ्र प्रेषित करेंगे और इसकी सुचना पत्र-प्रेषक को देंगे |  इसी प्रकार यह भी विश्वास है कि  प्रदेश के प्रिय आदरणीय मुख्यमंत्रीजी, मंत्रीमंडल के सभी सदस्य, सत्ता पक्ष के पदाधिकारी और  सभी शासकीय अधिकारी - कर्मचारी अपने प्रामाणिक चरित्र कि प्रस्तुती  के लिये उपरोक्त स्थापना कर प्रदेश को गौरवान्वित करेंगे| 



  •                              उपरोक्त कृती के लिये मै सभी का अत्यंत आभारी रहूंगा |


    शुभकामनाओं सहित, 


    राष्ट्रहितार्थ प्रतिबद्ध,              




    चंद्रकांत वाजपेयी.  मोबा. क्र. : -   +९१९७३०५००५०६.  ई - मेल : -  chandrakantvjp@gmail.com