Tuesday, 27 August 2013

REQUEST FOR OPERATING ACTIONS AS GIVEN BY US IN RESPECT TO INFLATION, BLACK MONEY AND CORRUPTION.

Date :   24 / 08 / 2013 
ANNA HAZARE PRANIT,  
BHRASHTACHAR VIRODHI 
JAN ANDOLAN NYAS,  Aurangabad.   AND   

ARTHAKRANTI PRATISHTHAN, Aurangabad


-- : SUBJECT : --
REQUEST FOR OPERATING ACTIONS 
AS GIVEN BY US IN RESPECT TO 
INFLATION, BLACK MONEY AND CORRUPTION.

To,
1) The Hon’ble Prime Minister of India.
2) The Hon’ble Finance Minister of India.

Hon’ble Sir,
It’s bitter truth that today on August 22nd the value of ONE DOLLAR has been found equal to INR Rs. 65/- . It’s been observed that the value of  Indian money is regularly & speedily decreasing in global market.

It is panic but harsh truth that this negative phase of Economy is not being controlled by us (by the Govt. of India). With due respect, we 100% agree & understand that the global market is not in our hand, so we can’t control the prices of imported products.
But the cost of our own generated/cultivated or manufactured products is also highly & continuously increasing since a long period of time. Hence it is needed to control the same by us.

In such situation we would like to request and suggest to our govt. that kindly urgently manage to raise our export at peak level, for only those goods which has maximum demand in the universal market.  Please also try to manage the reduction curtailment of our imports in respect to so much unnecessary goods for a shorter period time to time.
Like you we are also aware & afraid that during above referred negative situations, the antisocial elements of our own country may also be taking an advantage to raise the black money & corruption with or without coordination of  foreigners.

Sir, you know better that the non-traceable transaction creates black money and which may increase the ratio of evading the taxes. 
If the direct taxes are paid less, we have to levy more indirect taxes unwillingly. And such burden of indirect taxes is responsible for increasing production / manufacturing cost of the Indian made products. That can be avoided by applying single point Bank Transaction Tax which will be seemingly short but generating more tax collection for the Nation rather than this current Tax system.

Therefore in terms of inevitability, we request & suggest you that kindly stop increase of black money & corruption. For this purpose please urgently manage the release of less value deno -mination currency like notes of Rs. 50/-, 20/-,10/- in Indian market more and more. Simultaneously withdraw the high denomination currency like notes of Rs. 1000/-, 500/-, 100/- from Indian market as for cash transaction such high denomination currency is mostly used for non-traceable transactions. Such currency has been stored as black money and utilized for illegal activities too by antisocialists.

Hope you will order to stop the printing of high denomination notes worth Rs. 1000/-, 500/-, 100/- & will direct to increase the printing of less denomination currency amount notes of Rs.50/-, 20/-, 10/- etc.  To find maximum positive results in respect to all above, we suggest that for each & every purchase, sell or payments against any product or services worth Rs. 5000/- or more in India, the banker’s cheque, drafts or emode payments / mobile banking will only be effective and compulsory. Valid and legal cash transaction be declared up to Rs. 5000/- and other than it would be a crime.

Hope, due to your goodness and finding above cited essential solution against current most burning problems of the country, our request would get positive reply from your end please.

Thanking You Sir,

Sincerely Non Political Organizers,

1) RAMRAO BORDE (NANA)
ANNA HAZARE PRANIT BHRASHTACHAR VIRODHI JAN ANDOLAN NYAS TEAM,  AURANGABAD. Mob:09860206825

2) VISHWAMBHAR DEVIDAS BARDAPURKAR
& ARTHAKRANTI PRATISHTHAN, AURANGABAD.
Mob: 09422206778  Email Id: vdbardapurkar@rediffmail.com

--: SUPPORTERS :--

1) Eknath Jaybhay          2)  R.G. Dethe               3)  Satish Pawar

4)  Vaishali Pawar      5)  Manisha Chaudhari        
6)  Krishsagar K.   
7)  Arun  Borse           8)  Chandrakant Vajpeyi     9)  Shaikh Sajjad 

10)  Taufiq Ahmed     11)  Gajanan Phadke         12)  Ajay Kale  

13)  Bhushan Patil      14)  Arun Phoke                15)  Ravi Dhanure  
16)  Santosh Kulkarni  17)  Pramod Belsare        18)  Anil Suradkar 

19)  Dilip Shinde   20)  Jagdish Palodkar. 

Friday, 16 August 2013

महाराष्ट्र शासन आणि त्याचे ई-गवर्नेंसचे कौतुक, अभिनंदन व विशेष निवेदन |



महाराष्ट्र शासन आणि त्याचे ई-गवर्नेंसचे 

कौतुक, अभिनंदन व विशेष निवेदन. 





E-Gov Maharashtra · 8,987 like this

  • आज १५ ऑगस्ट निमित्त मुंबई उच्च न्यायालयात इलेक्ट्रोनिक पद्धतीने 
    कोर्ट कामकाजास सुरुवात झाली. कागद हाताळण्यामध्ये लागणारा वेळ 
    वाचून खटल्याचे कामकाज वेगाने सुरु व्हावे असा मुख्य उद्देश यात 
    आहे.
    प्रकरणाच्या प्रत्येक टप्प्यात तंत्रज्ञानाचा वापर करून Quality Justice 
    देण्याचा हा प्रयत्न आहे. एकूणच पुढील काळात इंटिग्रेटेड इलेक्ट्रोनिक 
    लिटीगेशन सिस्टीम विकसित झाली की, वेळ, पैसा, आणि श्रम वाचून 
    पक्षकार आणि वकीलांचा फायदाच होईल


    मा. मुख्यमत्री साहेब, शासनाचे  मुख्य सचिव आणि सचिव माहिती-तंत्रज्ञान अधिकारी,       सप्रेम नमस्कार. फेसबुकवर वरील दर्शविलेले चित्र पाहून व त्याची पूर्ण माहिती वाचून आनंद -झाला. आपल्या मार्गदर्शनात सूचना तंत्रज्ञानाची  प्रगती स्तुत्य आहे. श्रेष्ठ निर्देशना मुळे - विभागाने समाधान कारक परिणाम दिले या साठी 

    महाराष्ट्र शासन आणि त्याचे ई-गवर्नेंस विभागातील अधिकारी 

    कर्मचारी वर्गाचे उत्तरोत्तर नव-प्रगती साठी मनस्वी अभिनंदन ।
    • आज पासून सरळ वेबसाईट वर पोलीस एफआयआर दाखल करणेचे विधान 

      व्यवहारात येणार अशी बातमी वाचनात आली होती, निश्चितच या कामाचा पण 

      श्रीगणेश झालाच असेल, या अमोल तांत्रिक व्यवस्थेच्या सफलते साठी शुभेच्छा ।    

      विभागाच्या उत्कृष्ट कार्यासाठी राज्य शासानाने या 

      विभागात  सेवारत अधिकाऱ्यानां आणि कार्माचार्याना 

      प्रोत्साहन पुरस्कार देणे योग्य राहील असे मला वाटते, 

      शासन यावर विचार करेल ही अपेक्षा व विश्वास |


      विशेष निवेदन
        :-- " आता आपल्या महाराष्ट्र राज्य शासनास न्याय क्षेत्रात 

      देशात प्रथम स्थान मिळावे, ही अपेक्षा व ईच्छा आहे | लहान-सहान कोर्ट 

      प्रकरणातील निकाल लांबणीवर जाऊ नयेत ज्या योगे वेळ व पैसा याची बचत 

      व्हावी  ।    

      या साठी ई-गव्हर्नेंस विभागास विशेष निवेदन

       आणि आग्रह करण्यात येतो कि विभागाने  

      आता लहान-सहान कोर्ट प्रकरणातआवश्यक 


      असे सर्व लेखी साक्ष पुरावे संगणकास उपलब्ध 

      झाल्यास संगणक स्वत:च कायद्याच्या सुत्रांचा 


      उपयोग करून स्वचालित निर्णय वेबसाईट वर 


      प्रसिद्द करू शकेल,व्यवस्थेची मांडणी करावी |"


      माझ्या वरील विशेष निवेदना कडे दुर्लक्ष न करता 

      ई-गव्हर्नेंस विभाग या  निवेदनां प्रमाणे कर्तव्य करून 

             यश आणि राष्ट्रीय सम्मान मिळवेल ही सदिच्छा


      .....……….. चंद्रकांत वाजपेयी {जेष्ठ नागरिक, औरंगाबाद.}
      ईमेल : chandrakantvjp@gmail.com  + 91 9730500506.

Wednesday, 14 August 2013

== आओ देखें, R T C " राईट टू करप्शन कानून " के परिणाम ==

== आओ देखें,  R T C  " राईट  टू  करप्शन  कानून "  के परिणाम ==

संसद की विभिन्न कटु कार्यवाहियों और अनुभवों के आधार परशायद अब जनता के मन में यह गलत या सही रूप से स्थापित हो चुका है कि भारतीय राजनीतिज्ञों को देश में अनेक कानून या नागरिक हको की बहाली नहीं चाहिए वे केवल RTC कानून मतलब  " राईट टू करप्शन "   को ही जानते है और इसे अपना दैवत मानते है |   अतएव    RTC   अर्थात
[ RIGHT TO CORRUPTION ]   कानून की सुरक्षा के लिए बिना बहस किये दो मिनिट के अंदर सभी दलों के केवल गैरजिम्मेदार सांसद सर्वसम्मति बनाकर संसदीय अभिलेख में बिना प्रविष्टि किये अघोषित रूप से RTC { राईट टू करप्शन } कानून को देश में लागू कर चुके है |


यह दु:खद सच्चाई है  कि भारतीय जनता के इस प्रकार के दुर्भाग्यपूर्ण सोच को अप्रत्यक्ष रूप से देश के माननीय राष्ट्रपति 
श्री प्रणब मुखर्जी नें भी समर्थन दिया है  ।


" संसद में अघोषित परन्तु कुछ वर्षों से सम्पूर्ण देश में क्रियाशील हो चुके RTC यानी राईट टू करप्शन कानून के सफल संचालन के कारण ही ६७ वे स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को दिए गए सन्देश में चिंतित होकर माननीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी माना है कि आज पूरे देश में शासन व्यवस्था तथा संस्थाओं के कामकाज के प्रति चौतरफा निराशा और मोहभंग का वातावरण है। "
कृपया लिंकपढें राष्ट्रपति ने माना,देशमें चौतरफा निराशा का माहौल. 
नई दिल्ली/ब्यूरो | अंतिम अपडेट 14 अगस्त 2013 9:36 PM IST पर   

मा. राष्ट्रपति जी के दु:खद अभिव्यक्ति और देश की यथार्थ स्थिति को ध्यान में रखकर 
इस लेख के लेखक ने  प्रधानमंत्री जी को १४ अगस्त २०१३ को रात्री में  ट्वीट / ब्लॉग  के माध्यम से निवेदन किया था ।पाठक कृपया  नीचे लिंकखोलकर जरूर जरूर पढें, प्रधानमंत्रीजी को प्रेषित  ट्वीट निम्नानुसार है :--
@PMOIndia URGENT "राष्ट्रपतिजी ने माना सर्वत्र निराशा है , लालकिले की प्राचीर से ही निराशा दूर हो सकती है | बशर्ते....? "     
 



::::::: ६७ वे स्वाधीनता दिवस के अवसर  ::::::: 
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा ,  झंडा ऊँचा रहे हमारा . 

15 अगस्त स्वाधीनता दिवस पर राष्ट्रध्वज को प्रणाम करते हुवे स्वाधीनता संग्राम और राष्ट्रिय कर्त्तव्य में पूर्ण समर्पित रहे सभी हुतात्माओं के प्रति सादर नमन | मेरे देश के सभी नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई | देश में हरित क्रान्ति,औद्योगिक क्रान्ति, भ्रष्ट्राचारमुक्त भारत निर्माण की क्रान्ति के साथ मानवीय सद्आचरण, नैतिकता तथा राष्ट्ररक्षा में प्राथमिकता व समर्पण के कार्यक्रमों की पूर्ण सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं |………  चंद्रकांत वाजपेयी. {जेष्ठ नागरिक एवं गैर राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता , औरंगाबाद }


भारत माता की जय । वंदे मातरम । जय  जय हिंद । स्वतंत्रता अमर रहे ।


शुभेच्छु :--  चंद्रकांत वाजपेयी. [ जेष्ठ नागरिक, औरंगाबाद. ]
ईमेल : chandrakantvjp@gmail.com


राष्ट्रपति ने माना, देशमें चौतरफा निराशा का माहौल. लालकिले की प्राचीर से १५ऑगस्ट को निराशा दूर करने का श्रीगणेश किया जा सकता है, बशर्ते …. ?

राष्ट्रपति ने माना, देशमें चौतरफा निराशा का माहौल.


 लालकिले की प्राचीर से १५ऑगस्ट को निराशा दूर  

करने का श्रीगणेश किया जा सकता है, बशर्ते …. ?



माननीय राष्ट्रपति जी,  आपनें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर अपनें सदेश में देशवासियों के सामनें सत्य चिंता को प्रस्तुत किया है |  आपके द्वारा अभिव्यक्त निराशा व चिंता के संबंध में मेरा मानना है कि आजादी के ६६ वर्षों बाद भी चुनावी फंड व राजनेताओं सहित नागरिकों  की मृगतृष्णा वाली आर्थिक भूख सभी क्षेत्रों  में कायम है | प्रशासनिक भय,  नैतिकता के साथ जीवन -यापन और वैधानिक प्रणाली से राष्ट्र संचालन प्रक्रिया का पूर्ण अभाव है जिससे देश में  विभिन्न अपराध, भ्रष्ट्राचार तथा घोटालों की बाढ़ आई है |  परिणामत: देशभर में परस्पर अविश्वास, शासन की अस्थिरता और सर्वत्र निराशा की स्थिति बन चुकी है | 

इन समस्याओं से उबरनें के लिए मुख्य रूप से पारदर्शिता आवश्यक है ।अत: निम्न उपाय किये जाए :--


(१)   अण्णाका जनलोकपाल कानून संचालित करना |


(२)  मुख्य सूचना अधिकारी के आदेशानुसार सभी राजनीतिक दलों को  

       RTI अर्थात सूचना अधिकार कानून के अधीन स्थापित करना |

( ३)  चुनाव में खर्च राशि का वहन सरकारी कोष से करना |


(४)  [अ]  सरकारी और निजी संस्थाओं / कार्यालयों को वेबसाईट से संलग्न ईकैशबुक का संचालन आवश्यक तथा बंधनकारी करना |
       [ब]  संस्था / कार्यालय के कार्यवाही की समीक्षा  और वहां के प्रत्येक आदेश -निर्देश प्रतिदिन सार्वजनिक  करने की व्यवस्था अनिवार्य  व बंधनात्मक करना ।


(५)  इसके अतिरिक्त चुनाव सुधार,  पोलिस कार्यवाही  तथा न्यायालयीन सुधार भी आवश्यक है |



उपरोक्त पांच बिंदुओं में से प्रथम चार बिन्दुओ का परिपालन सहज रूप से आगामी चार माह में हो जाना संभव है केवल दृढ़ ईछाशक्ति की जरुरत है | 

 क्या हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री जी कल दिनांक १५ ऑगस्ट २०१३ को राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय लाल किले पर उपरोक्त पांच बिंदुओं में से प्रथम चार बिन्दुओ का पालन आगामी चार माह में करवानें का संकल्प लेंगे ?   लाल कीले की प्राचीर से देश के लिए दिए जानें वाले अपनें सन्देश में उक्त संकल्प को दोहराएंगे ?  

निश्चित ही उक्त घोषणाएं करके माननीय प्रधान मंत्री जी भारत के माननीय राष्ट्रपति जी को चिंतामुक्त कर सकेंगे और देश में व्याप्त अविश्वास व अनैतिकता की स्थिति लाल किले की प्राचीर से दूर करनें हेतु अपना पहला कदम बढा सकेंगे, परन्तु क्या वे ऐसा करेंगे ?  


यदि प्रधानमंत्री जी ऐसा करेंगे तो मै उनका जीवनभर आभारी रहूंगा   |

Sunday, 11 August 2013

' MOST URGENT ' FOR TODAY on 12th August 2013.AT 11:00 - 12:00 AM REQUIRED ROLL OF BJP IN LOKSABHA.

' MOST URGENT ' 
FOR TODAY on 12th August 2013. AT 11:00 - 12:00 AM 
REQUIRED ROLL OF  BJP IN LOKSABHA.

" राष्ट्र प्रथम और राजनीतिक दल या दलीय व्यक्ति बाद में." इस सुयोग्य विचार व व्यवहार के लिए प्रतिबद्ध भारतीय जनता पार्टी ( भा.ज.पा.) के सभी सांसद व भाजपा राष्ट्रिय नेतृत्व कृपा करके देशहित का विचार करें, कालेधन की जमाखोरी रोकनें हेतु आज दिनांक १२ अगस्त २०१३ को संसद में यूपीए - २ सरकार की ओर से प्रस्तुत हो रहे " आरटीआय संशोधन विधेयक " को भाजपा पूरी तरह से खारिज करें | 

भाजपा के समस्त मान्यवर सांसदों, यह विनम्र निवेदन और कामना है कि आदरणीय 
श्री अडवानीजी द्वारा प्रस्तुत और सम्पूर्ण भाजपा द्वारा मान्य विषय कि " देश में कालेधन की वृद्धि रोकना है और विदेशों में जमा भारतीय कालाधन वापस लाना है " को सुरक्षा प्रदान करनें के लिए ही आज दिनांक १२ अगस्त २०१३ को संसद में यूपीए - २ सरकार की ओर से प्रस्तुत हो रहे " आरटीआय संशोधन विधेयक " को भाजपा पूरी तरह से खारिज करें | याद रहे कि इस बिल का विरोध भाजपा की नातिक जिम्मेदारी है |

भाजपा अपनें उपरोक्त शब्दों, नीतियों तथा व्यवहार की सुरक्षा स्वयं करें, अन्यथा भाजपा स्वयं ही झूठ का पुलंदा कहलाकर कलंकित होगी और पार्टी दोगली चाल - दोगला चरित्र वाली पार्टी कहलाएगी, जिसका राष्ट्रवादी नागरिकों को बेहद दु:ख होगा तथा वे चुनावों में भाजपा से कन्नी काटेंगे | याद रक्खे कि संसद में भाजपा द्वारा " आरटीआय संशोधन विधेयक " का विरोध नहीं करनें पर सर्व सामान्य नागरिक भाजपा को मत नहीं देंगे और खासतौर से भाजपा व कॉंग्रेस के बारे में कहेंगे :---
--------- " चोर चोर मौसेरे भाई, इन्हें नहीं चाहिए RTI." --------
अपराध और भ्रष्ट्राचार से कमाए हुवे कालेधन को छुपाने की कवायद में सभी पार्टियां एक हैं |

" कृपया देश बचे, भाजपा कलंकित नहीं हो और इमानदार शासन की स्थापना के उद्देश्य से यह आग्रह है |"
------- चंद्रकांत वाजपेयी [ जेष्ठ नागरिक व सामाजिक कार्यकर्ता, औरंगाबाद.]

Email : chandrakantvjp@gmail.com


Regards,

CHANDRAKANT  VAJPEYI.
Sr. ctzn & Social Worker, Aurangabad.
Mob. No. :  +91 9730500506.

Thursday, 1 August 2013

Rokhthok Nepakshpati RTI 2

Rokhthok Nepakshpati RTI 1

--- " यह पढना जरुरी है |" --- देशवासियों इसे जरुर - जरुर - जरुर पढें, और निर्भीक होकर प्रधानमंत्रीजी से अपना हक सुरक्षित करवाए, नहीं तो आपके अपनें पैसो और जिंदगी की सुरक्षा का हक भी छीन जाएगा |

--- "  यह पढना बहुत जरुरी है  " --- 

देशवासियों इसे जरुर - जरुर - जरुर पढें, और निर्भीक होकर प्रधानमंत्रीजी से अपना हक सुरक्षित करवाए ।

नहीं तो  आपके अपनें पैसो के साथ 
जिंदगी की सुरक्षा का हक भी छीन जाएगा ।


RTI Act. 2005 का मतलब "हर भारतवासी को सरकार के सारे कामो और खर्चों की जानकारी को पाने का पूरा हक |"  

इस कानून के उपयोग से सरकारी काम में पारदर्शिता आती है जिससे क्रमश: नागरिकों के पैसे और जान-माल की रक्षा के अवसर बढ़ते है, भ्रष्ट्राचार -रिश्वत खोरी पर बंधन आते है व अपराधियों को दण्डित करने बाबद कानूनी या सरकारी वैध जानकारी मिलती है | नागरिकों के साथ होने वाले कई अत्याचार भी इस कानून के कारण सामनें आए है |  इस कानून को हिंदी में  " सूचना अधिकार कानून २००५ "  कहा गया है |  आजकल इस कानून के उपयोग की अधिकता के कारण ज्यादा से ज्यादा लोग जो भ्रष्ट्राचार के संरक्षक है जिनमें सरकारी अधिकारी - सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक और आर्थिक या अनैतिक अपराध से जुड़े राजनेता, सामान्य नागरिक और  यहाँ तक की राजनीतिक दल भी है,  कोर्ट द्वारा दण्डित या अपमानित हो रहे है |  इसी के मद्देनजर केन्द्रीय सूचना आयोग नें कानूनी पहल करके राजनीतिक दलों को भी इस सूचना अधिकार कानून २००५,  के अंदर शामिल किया है और इस बाबद आवश्यक व्यवस्थाओं के पालन का आदेश निकाला है |  इस कारण केंद्र सरकार और भ्रष्ट राजनीतिकदल मिलकर RTI कानून का विरोध कोर्ट में करने के बजाय आगामी ०५ जुलै - २०१३ से शुरू होनें वाले मानसून सत्र में संसद में बिल पारित करके नागरिकों के इस अधिकार को समाप्त या अत्यंत कमजोर करने जा रहे है, इस सम्बन्ध में आज ही कैबिनेट मीटिंग में और सर्व दलीय बैठक में निर्णय होनें जा रहा है |

देशवासियों,  वोट और सत्ता की राजनीति से दूर रहकर और निर्भीक होकर हम - आप मिलकर अपने अधिकार का संरक्षण करें यह आवश्यक है |  अब केवल एक ही रास्ता है कि हम आगामी चुनाव की याद दिलाते हुवे सांसदों को इस कानून को कमजोर न होनें देनें के बारे में कहें  और  माननीय प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह साहाब को  " ऑनलाइन पिटीशन "  दायर करें |  स्मरण रहे कि इसमें कोई पैसा खर्च नहीं होना है केवल निडर होकर अपनें अधिकारों का ( हक का ) , अपनें बच्चों का और देश का संरक्षण करना है | पिटीशन में जो लिखा जाना है वह नीचे दिया गया है, कृपया उसे पढें - समझे और उचित लगानें की स्थिति में स्वेच्छा से योग्य स्थान पर अपना नाम व पता लिखाकर प्रधान मंत्री जी को पिटीशन भेजकर  अपना सूचना कानून अधिकार सुरक्षित रखावानें का प्रयत्न करें | विश्वास है कि आप यह सरल उपाय करेंगे,  जिससे योग्य आवश्यक पिटीशन संख्या होनें पर प्रधानमंत्री जी को इस पर कार्यवाही करना आवश्यक होगा |  धन्यवाद |        

पिटीशन का प्रारूप ( अंग्रेजी में ) निम्नानुसार है :---
Contents of the online petition to PM


To,
Shri Manmohan Singh,
Prime Minister,
Government of India
New Delhi

Dear Mr Prime Minister,

India’s governance is going through a credibility crisis as never before, in which all sectors of governance and social formations have been  suspect. The political establishment has come in for most severe criticism, just and unjust.

Perhaps the only real argument for the credibility of the government continues to be the enactment and implementation of the RTI Act....

Perhaps the only real argument for the credibility of the government continues to be the enactment and implementation of the RTI Act. It has been an entitlement, which has kept the intent of a free and open system of governance afloat. The multiple uses of the Act to improve government functioning are so many that they defy enumeration. The use of the RTI is therefore seen as the one stated intent of the government to lay itself open to scrutiny, and therefore accountability.

The series of attempts to amend the Act, which have arisen periodically, have since 2006 been nullified to a large extent by public pressure as well as the political will of a part of the establishment and government.

It is reported that the Government is considering the introduction of a bill in Parliament to amend the RTI law, as a sharp reaction to the recent Central Information Commission order, which declared six political parties to be public authorities under the RTI Act. Such a move to amend the Act will reinforce and confirm the suspicions of many that the political establishment intends to cover acts of corruption and arbitrary use of power.

We, as citizens of India, empowered by the RTI Act, demand that it not be amended. The Act has enabled the making of informed choices and strengthened participatory democracy; by enabling the citizens of India to monitor and access services throughout the country. Any amendment to the RTI Act would undermine and weaken the process of realizing various constitutional promises. In 2009, when amendments were being proposed to the RTI Act, the concerned minister of the government had assured Parliament, in response to a question, that “Non- Governmental Organisations and Social activists will be consulted on the proposed amendments.” We would, therefore, expect the government to hold wide ranging public discussions before they think of amending the law in any way.
  
We are confident that the government will recognise the force of our demand and not take steps to amend and thereby dilute the Right to Information law, which has been acknowledged in India and abroad, as an affirmation of the right of Indian citizens to participate in, and monitor, democratic governance.

Sincerely,
[Your name]

Leading activists call for countrywide public action against amendment in RTI Act - Moneylife


01 / 08 / 2013.--
To,
VINITA DESHMUKH,

Editor Moneylife, PUNE.


RESPECTED  MADAM  NAMASTE.
I THINK TO BUILT UP PRESSURE OVER GOVT. AND POLITICAL PARTIES,   FOR  
NOT  TO AMEND RTI ACT BY THE GOVT. OF INDIA
A  NUMEROUS  FILLING  OF  PETITIONS  TO  P.M.  ARE NECESSARY.
  THEREFORE I THINK IT WILL BE BETTER THAT ALL THE ABOVE CONTENT BE PUBLISHED IN HINDI.   LIKE ME A HUSE PUBLIC OF INDIA MAY NOT UNDERSTAND THE SAME IN ENGLISH WHICH MAY RESULT LESS CONTRIBUTION.
PLZ ALSO GUIDE IN HINDI  " FILLING PROCESS OF THE PETITION TO P.M. MANMOHAN SINGH SAHIB."

HOPE YOU WILL CONSIDER  MY VIEW  AND  FOLLOW IT  AS  EARLIEST  PLEASE.   THX.

WITH WARM REGARDS,


CHANDRAKANT VAJPEYI. Sr.Ctzn & Social Worker, Aurangabad.
 Email :   chandrakantvjp@gmail.com.