राष्ट्रपति ने माना, देशमें चौतरफा निराशा का माहौल.
लालकिले की प्राचीर से १५ऑगस्ट को निराशा दूर
करने का श्रीगणेश किया जा सकता है, बशर्ते …. ?
इन समस्याओं से उबरनें के लिए मुख्य रूप से पारदर्शिता आवश्यक है ।अत: निम्न उपाय किये जाए :--
(१) अण्णाका जनलोकपाल कानून संचालित करना |
(२) मुख्य सूचना अधिकारी के आदेशानुसार सभी राजनीतिक दलों को
RTI अर्थात सूचना अधिकार कानून के अधीन स्थापित करना |
( ३) चुनाव में खर्च राशि का वहन सरकारी कोष से करना |
(४) [अ] सरकारी और निजी संस्थाओं / कार्यालयों को वेबसाईट से संलग्न ईकैशबुक का संचालन आवश्यक तथा बंधनकारी करना |
[ब] संस्था / कार्यालय के कार्यवाही की समीक्षा और वहां के प्रत्येक आदेश -निर्देश प्रतिदिन सार्वजनिक करने की व्यवस्था अनिवार्य व बंधनात्मक करना ।
(५) इसके अतिरिक्त चुनाव सुधार, पोलिस कार्यवाही तथा न्यायालयीन सुधार भी आवश्यक है |
उपरोक्त पांच बिंदुओं में से प्रथम चार बिन्दुओ का परिपालन सहज रूप से आगामी चार माह में हो जाना संभव है केवल दृढ़ ईछाशक्ति की जरुरत है |
क्या हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री जी कल दिनांक १५ ऑगस्ट २०१३ को राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय लाल किले पर उपरोक्त पांच बिंदुओं में से प्रथम चार बिन्दुओ का पालन आगामी चार माह में करवानें का संकल्प लेंगे ? लाल कीले की प्राचीर से देश के लिए दिए जानें वाले अपनें सन्देश में उक्त संकल्प को दोहराएंगे ?
निश्चित ही उक्त घोषणाएं करके माननीय प्रधान मंत्री जी भारत के माननीय राष्ट्रपति जी को चिंतामुक्त कर सकेंगे और देश में व्याप्त अविश्वास व अनैतिकता की स्थिति लाल किले की प्राचीर से दूर करनें हेतु अपना पहला कदम बढा सकेंगे, परन्तु क्या वे ऐसा करेंगे ?
यदि प्रधानमंत्री जी ऐसा करेंगे तो मै उनका जीवनभर आभारी रहूंगा |
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