Sunday, 4 November 2012

काय शासनकर्ते आणि नागरिक सुचविल्या प्रमाणे औषधोपचार करून रोगमुक्त होतील कां ?



०४ नोव्हेंबर २०१२.
    काय शासनकर्ते आणि नागरिक   
  सुचविल्या प्रमाणे औषधोपचार करून
रोगमुक्त होतील कां ?





                   देशाचे आणि इतर राज्यांचे डॉक्टर्स म्हणजेच " सर्व शासनकर्ते "  

विशेष करून  "महाराष्ट्र" आणि  "मध्यप्रदेश" राज्याचे शासनकर्ते खाली 

सुचविलेले इलाज करून भारतीय नागारिकांना भ्रष्ट्राचारा पासून रोगमुक्त 

करतील कां ? ' भ्रष्ट्राचार ' अर्थात लाच देणे-घेणे व गैरमर्गानें अपार 

धन-संपत्ति संचित करणे,  हे दररोज राजनेत्यां पासून सामान्य माणसा 

पर्यंत सर्रास चालू आहे.या कारणा मुळे ' श्रीमंती व गरीबीतील अंतर तसेच 

देशातील महागाई कर्क रोगा प्रमाणे अनियंत्रित झाली आहे ' असे वाटते. " 

महाराष्ट्रात देखिल हा रोग अतोनात पसरला आहे. प्रत्येक रोगाचे औषध 

असते हे विसरु नए. या " भ्रष्ट्राचार " रोगाचे औषध गेल्या दिड-दोन वर्षा 

पासून सुचविले आहे पण" कोणीही डॉक्टर म्हणजेज केंद्र व राज्य सरकार 

हा इलाज करत नाही," त्या मुळेच " स्वत: शासनच भ्रष्ट्राचाराला संरक्षण 

देणारे आहे की काय ? असा संशय येतो.

शासनाला नमूद केलेला इलाज खालील प्रमाणे आहे :--
           
 " भारत में प्रगति और शान्ति बनाए रखनें के लिए ' भ्रष्ट्राचारमुक्ति 

' अत्यंत आवश्यक है." अतएव सरकारें ६ महीने के अन्दर प्रत्येक 

सरकारी और गैर -सरकारी कार्यालय / उद्योग - व्यवसायिक प्रतिष्ठान को ' 

ई-कैश्बुक से जुडी वेबसाईट बनाना, इस वेबसाईट का संचालन प्रतिदिन 

करके हर दिन आय-व्यय के ब्योरे का वेबसाईट पर रेखांकन सुनिश्चित 

करना हर हाल में अनिवार्य और बंधनकारी करें'| इसके अलावा कार्यालय 

के हर प्रकार के आदेश - निर्देश उक्त वेब साईट पर लोड करना और ५०/- 

या १००/- रुपये से अधिक के भुगतान हेतु केवल प्लास्टिक मनी के 

उपयोग की बाध्यता उक्त कार्यालय / उद्योग-व्यवसाय के मुख्य कार्यकारी 

अधिकारी, मुख्यलेखाधिकारी तथा निदेशक के लिए बंधनकारी हो | " इस 

व्यवस्था के अभाव में ६ महीनें के बाद सम्बंधित व्यक्ति, उद्योग-व्यवसाय 

आदि के लायसेंस, मान्यताएं, स्वीकृतिया रद्द किये जावे और पानी-

बिजली के वितरण तब तक बंद कर दिए जाए जब तक सम्बंधित व्यक्ति, 

उद्योग-व्यवसाय उपरोक्त लिखित व्यवस्था का पालन नहीं करेंगे।"

                 
निश्चित ही इस कठोर व्यवस्था से "भ्रष्ट्राचारमुक्त भारत की 
                                                  
स्थापना के मार्ग प्रशस्त होंगे" जिससे सरकारी व गैरसरकारी अधिकारीयों 

- कर्मचारियों के साथ साथ किसी भी " राजनेता और उद्योग-व्यवसाय से 

सम्बद्ध व्यक्तियों की छबि भविष्य में धूमिल नही होगी।" मिथ्या आर्थिक 

अपराध या घोटालों के आरोप नहीं लग सकेंगे और देश में शान्ति व तीव्र 

प्रगति की स्थापना होगी ।

अत: सभी के हितों का विचार करते हुवे सभी सरकारी कार्यालयों के 

प्रमुखों से प्रार्थना है कि राज्य शासन को अपनी ओर से उपरोक्त निवेदित 

विषय की जानकारी देते हुवे ६ माह के अन्दर इसके स्थापना का आग्रह 

करे |



" भारतमाता की जय - वन्दे मातरम. " 

.... चंद्रकांत वाजपेयी. chandrakantvjp@gmail.com 

+९१ ९७३०५००५०६.

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