सरकारी अधिकारी - कर्मचारी और राजनेता सीखे :
नौकरी/पद गंवाने मारखानें या जेलजानें से कैसे बचे ?
अण्णा हजारे जी के आन्दोलन के परिणामो को न
समझने के कारण आज भी कुछ सरकारी अधिकारी और राजनेता
मानते है कि " वे ही मुल्क के मालिक है और यह देश केवल उन्ही के
कारण प्रगति कर रहा है या वे ही जनता के तारणहार है|इसी गलत
फहमी के कारण वे अपने व्यवहार से दिखाते है कि उनका हक
है कि वे कुछ भी बोले, कुछ भी करे और जनता चुपचाप सुने |"
सरकारी अधिकारियो और राजनेताओ क्रुपया याद रखो कि अब
अण्णाजी ने जनता को सिखा दिया है कि " आम जनता के टैक्स के
पैसो से ही देश की प्रगति और सुरक्षा हो रही है, आप जनता के पैसो
का उपयोग करके काम करते हो और इसके ऐवज मे जनता से
अप्रत्यक्ष रूप से पगार लेकर अपना और अपने परिवार के लोगो का
पेट भरते हो | जनता यह भी समझ गई है कि आप नागरिको के
सेवक हो और मालिक तो आम जनता है |
प्रिय अधिकारियों और राजनेताओ अब सम्भल जाओ, ईमानदारी
के साथ बिना रिश्वत लिये, बिना भेदभाव किये दबावमुक्त व निर्भय
होकर आम नागरिक का काम करो, नहि तो जनता अपना मालिक
होने का प्रमाण आपको नौकरी से निकालकर या लाठी घुसे
बरसाकर दे सकती है, उदा. जागरण के २४ जुन १३ के समाचार
" लोगो ने आइएएस को पीटा |"
यद्यपि आदरणीय अन्ना हजारे जी और मै स्वयं इस मारपीट को
बिलकुल उचित नहीं मानते और नाही हम इसप्रकार की अराजक
व्यवस्था को समर्थन या प्रोत्साहन देते है परन्तु जब आम जनता
जो इस देश की मालिक है उसकी आज्ञा का पालन नहीं होगा व बार
बार उसके समझाइश देनें के बाद भी अधिकारियो - राजनेताओं के
द्वारा अभद्र-अनैतिक - असंवैधानिक भ्रष्टआचरण, लूटखसोट और
जनता को पीड़ा पहुँचाने की स्थितिया बनती रहेगी तो जनता का
गुस्सा फूटना और उसकी परिणति बेशरम भ्रष्ट्राचारियों को मारपीट
भोगने के लिए विवश करने में होगी यह स्वाभाविक है |
इसलिये अधिकारियों - राजनेताओं से स्नेहपूर्ण आग्रह है कि वे
नागरिको के सेवक है, यह स्मरण रखकर व्यवहार करें, गैर कानूनी
व्यवस्थाओं को प्रोत्साहन या संरक्षण नहीं देवें बल्कि ऐसी
अपराधिक व्यवस्थाओं से मुक्त होकर मार खानें से बचे जिसके लिए
अन्नाजी के जन-लोकपाल क़ानून को हुबहू लागू करवाए |
आम नागरिकों से अनुरोध है कि वे भी संयम रक्खे
राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों - कर्मचारियों के साथ
मारपीट नहीं करे और कानून हाथ में नहीं लें बल्कि
" सभी क्षेत्रों में आरटीआय कलम ४ के के अनुसार पारदर्शी व्यवस्थाए
स्थापित कराने की व्यवस्था करना,
[ विशेष रूप से प्रत्येक कार्यालय, प्रतिष्टान, उद्योग में उपलब्ध
दैनिक कैशबुक के पृष्ठ को प्रतिदिन या तहसील स्तरपर ७दिन के अंदर
वेबसाईट पर अपलोड करने का बंधनात्मक क़ानून स्थापित करवाना ]
सिटिजन चार्टर के अनुसार समय पर सरकारी काम करवाना,
इव्हीएम मशीन में ना पसंद उम्मीदवार के बटन की स्थापना करवाना
अनुचित गैरकानूनी कार्य से संबद्ध जनप्रतिनिधियो को
जनता द्वारा वापस बुलानें का अधिकार बनवाना,
तथा जनलोकपाल कानून देश में स्थापित करवाना इसके लिए
निर्भीक होकर शान्तिपूर्ण व अहिंसात्मक आंदोलन करे |
" देश का हर नागरिक पूरी तरह निर्भीक होकर इमानदारी से जीये
और जब तक प्राण है तब तक अगली पीढ़ी की
सुरक्षा, न्याय और प्रगति के लिए लड़ाई लड़ें |"
......... चंद्रकांत वाजपेयी. [जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता, औरंगाबाद.]
ईमेल : chandrakantvjp@gmail.com
भारत माता की जय. ज य हिं द. इन्कलाब जिंदाबाद.