Saturday, 29 June 2013

FAILURE OF ONLINE CONTRIBUTIONS / DONATIONS TO PRIME MINISTER'S NATIONAL RELIEF FUND. (PMNRF.) WEBSITE.

Date: Sat, Jun 29, 2013 at 10:39 AM 
Subject: FAILURE OF ONLINE CONTRIBUTIONS / DONATIONS TO PRIME MINISTER'S NATIONAL RELIEF FUND. (PMNRF.) WEBSITE. 
To: dash@nic.in, amishra@nic.in 
Ref. :-- ( 1 )  ( 2 ) My Email to The Chief NIC date June25th,2013.
from: Chandrakant Vajpeyi <chandrakantvjp@gmail.com>
to: nic-editorial@nic.in
bcc: CHANDRAKANT VAJPEYI <chandrakantvjp@gmail.com>
date: Tue, Jun 25, 2013 at 2:07 PM
subject:
उत्त'खंड बाढ पीडित आपदा से संबद्ध "राष्ट्रीय कोष- ऑनलाइन अनुदान" वेबसाईट www.pmindia.gov.in को तत्काल सुचारू संचालित करने विषयक ।
mailed-by: gmail.com
Important mainly because of the people in the conversation.
( 3 ) Reported to PMO through PM's website (Grievance) 
Tweets / FB / Fax etc since 22nd -23rd June 13, dail

To,
Dr.(Mrs.) Shefali Sushil Dash
Deputy Director General, National Informatics Centre 
Email:dash[at]nic[dot]in
Mrs. Alka Mishra
Senior Technical Director, National Informatics Centre
Email:amishra[at]nic[dot]in 

Respected Madam,
Kindly open the following link i.e. the Website
National Funds donate online  Online Contributions / Donations to Prime Minister's National Relief Fund pmnrf.gov.in   Here  you  will  find   "  Invalid Server Certificate." 
Madam, I shall be thankful to National Informatics Centre to inform to the public " How a common man who desires to pay to the PM's appeal & donate for Uttarakhand flood victims through Online Contributions / Donations to the PM'S National Relief Fund ?

I am sad to inform that in this case I found negligence from NIC & PMO too. How & why forget I did remind & brought in the notice of the PMO & NIC since 22nd - 23rd, June 2013 reguraly, but why I didn't find response from both the offices ? Why the Online Contributions / Donations to Prime Minister's National Relief Fund has not been normalised by NIC till now?

Please take this matter in consideration & let me know the updates on it. Incase if you are not the right authority than kindly redirect or let me know if I need to do it.

Regards,


CHANDRAKANT VAJPEYI. Sr. ctzn & Social Worker, Aurangabad.
Mob. No. : +91 9730500506.

Wednesday, 26 June 2013

उत्त'खंड बाढ पीडित आपदा से संबद्ध "राष्ट्रीय कोष- ऑनलाइन अनुदान" वेबसाईट www.pmindia.gov.in को तत्काल सुचारू संचालित करने विषयक ।

उत्त'खंड बाढ पीडित आपदा से संबद्ध "राष्ट्रीय कोष- ऑनलाइन अनुदान" वेबसाईट www.pmindia.gov.in को तत्काल सुचारू संचालित करने विषयक ।
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Chandrakant Vajpeyi <chandrakantvjp@gmail.com>
Jun 25 (1 day ago)
to nic-editorial, bcc: me
दिनांक :-- २५ / ०६ / २०१२.
प्रेषक :-- चंद्रकांत वाजपेयी जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता }
                औरंगाबाद ( महाराष्ट्र )  
                ईमेल :  chandrakantvjp@gmail.com
प्रतिष्ठा में,
       प्रमुख अधिकारी 
राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र
        सूचना प्रौद्योगिकी विभाग
संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
ए-ब्लॉकसी.जी.ओ. कॉम्प्लेक्सलोधी रोड
       नई दिल्ली-110003 भारत
ई-मेल: nic-editorial[at]nic[dot]in


विषय :- उत्त'खंड बाढ पीडित आपदा से संबद्ध"राष्ट्रीय कोष- ऑनलाइन अनुदान"  वेबसाईट www.pmindia.gov.in   को   तत्काल सुचारू संचालित करने विषयक  

संदर्भ : (१)  मा.प्रधानमंत्रीजी की " प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष " में निधी जमा करने की जनता से अपील दिनांक  19 जून 2013.

मान्यवर
                   उत्तराखंड के भीषण बाढ से हुई बर्बादी आज एक राष्ट्रीय संकट बन चुका है । इस संकट से उबरने के लिये  अत्याधिक धन कि आवश्यकता होगीइसी वजह से देश के आदरणीय प्रधानमंत्रीजी नें आम जनता से जल्दी से जल्दी  और अधिक से अधिक दानराशि प्रेषित करने की अपील 19 जून 2013 को की थी । 
        दु:ख के साथ अवगत किया जाता है कि मा. प्रधानमंत्रीजी की अत्यंत महत्वपूर्ण अपील का सम्मान करते हुवे  प्रधानमंत्री राहत ऑनलाइन राशी के माध्यम से " प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष " में दिनांक 22, 23 व 24 जून को दान-राशि जमा करने का प्रयास किया गया गयापरंतु हर बार वेबसाईट www.pmindia.gov.in पर उपलब्ध प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के खाते को खोलते ही  Invalid Server Certificate का संकेत मिलता रहा । जिस कारण ऑनलाइन राशि प्रेषण संभव नही हो पा रहा है । इस ईमेल के भेजे जाने तक उक्त वेबसाईट पर यही स्थिती पाई गयी हैजो आपके विभाग की कार्यकुशलता और देश की व्यवस्थाओ के प्रति प्रश्नचिन्ह है व दु:खद परिस्थिती का परिचायक है । 
        मै विश्वास करता हू कि इस सूचना को ध्यान में रखकर उक्त महत्वपूर्ण वेबसाईट की त्रुटीपूर्ण स्थिती को तत्काल सुचारू किया जायेगा और भविष्य में इस प्रकार के अति महत्वपूर्ण या सर्व सामान्य शासकीय वेबसाईटो के बारे में किसी  प्रकार की शिकायत करने का अवसर नही मिलेगाजिसके लिये मै श्रीमान का हार्दिक आभारी रहूंगा । 
कृपया उपरोक्त उल्लेखित समस्या के निदान एवम त्रुटी दूर होने के बाद इस संबंध में ईमेल द्वारा अवगत करावे, अग्रिम धन्यवाद.
 शुभकामनाओ सहित,
भवदीय,
 चंद्रकांत वाजपेयी. 
जेष्ठ नागरिक एवं सामा. कार्यकर्ता }  
एल 1/5, कासलीवाल विश्वउल्कानगरी,
गारखेडाऔरनगाबद. पिन :-  431001.   
ईमेल:- chandrakantvjp@gmail.com

सरकारी अधिकारी - कर्मचारी और राजनेता सीखे : नौकरी/पद गंवाने मारखानें या जेलजानें से कैसे बचे ?


सरकारी अधिकारी - कर्मचारी और राजनेता सीखे : 


नौकरी/पद गंवाने मारखानें या जेलजानें से कैसे बचे ?




                            ण्णा हजारे जी के आन्दोलन के परिणामो को न 

समझने के कारण आज भी कुछ सरकारी अधिकारी और राजनेता 

मानते है कि " वे ही मुल्क के मालिक है और यह देश केवल उन्ही के 

कारण प्रगति कर रहा है या वे ही जनता के तारणहार है|इसी गलत  

फहमी के कारण वे अपने व्यवहार से दिखाते है कि उनका हक 

है कि वे कुछ भी बोले, कुछ भी करे और जनता चुपचाप सुने |" 



सरकारी अधिकारियो और राजनेताओ क्रुपया याद रखो कि अब 

अण्णाजी ने जनता को सिखा दिया है कि " आम जनता के टैक्स के 

पैसो से ही देश की प्रगति और सुरक्षा हो रही है, आप जनता के पैसो 

का उपयोग करके काम करते हो और इसके ऐवज मे जनता से 

अप्रत्यक्ष रूप से पगार लेकर अपना और अपने परिवार के लोगो का 

पेट भरते हो | जनता यह भी समझ गई है कि आप नागरिको के 

सेवक हो और मालिक तो आम जनता है |



प्रिय अधिकारियों और राजनेताओ अब सम्भल जाओ,  ईमानदारी 

के साथ बिना रिश्वत  लिये, बिना भेदभाव किये दबावमुक्त व निर्भय 

होकर आम नागरिक  का काम करो, नहि तो जनता अपना मालिक 

होने का प्रमाण आपको  नौकरी से निकालकर या लाठी घुसे 

बरसाकर दे सकती है, उदा.  जागरण के २४ जुन १३ के समाचार 

" लोगो ने आइएएस को पीटा |"  



यद्यपि आदरणीय अन्ना हजारे जी और मै स्वयं इस मारपीट को 

बिलकुल उचित नहीं मानते और नाही हम इसप्रकार की अराजक 

व्यवस्था को समर्थन या प्रोत्साहन देते है परन्तु जब आम जनता 

जो इस देश की मालिक है उसकी आज्ञा का पालन नहीं होगा व बार 

बार उसके समझाइश देनें के बाद भी अधिकारियो - राजनेताओं के 

द्वारा अभद्र-अनैतिक - असंवैधानिक भ्रष्टआचरण, लूटखसोट और 

जनता को पीड़ा पहुँचाने की स्थितिया बनती रहेगी तो जनता का 

गुस्सा फूटना और उसकी परिणति बेशरम भ्रष्ट्राचारियों को मारपीट 

भोगने के लिए विवश करने में होगी यह स्वाभाविक है |


इसलिये अधिकारियों - राजनेताओं से स्नेहपूर्ण आग्रह है  कि वे  

नागरिको के सेवक है,  यह स्मरण रखकर व्यवहार करें,  गैर कानूनी 

व्यवस्थाओं को प्रोत्साहन या संरक्षण नहीं देवें बल्कि ऐसी 

अपराधिक व्यवस्थाओं से मुक्त होकर मार खानें से बचे जिसके लिए 

अन्नाजी के जन-लोकपाल क़ानून को हुबहू लागू करवाए |  



आम नागरिकों से अनुरोध है कि वे भी संयम रक्खे 

राजनेताओं,  सरकारी अधिकारियों - कर्मचारियों के साथ 

मारपीट नहीं करे और कानून हाथ में नहीं लें बल्कि  


" सभी क्षेत्रों में आरटीआय कलम ४ के के अनुसार पारदर्शी व्यवस्थाए 

स्थापित कराने की व्यवस्था करना,

[ विशेष रूप से प्रत्येक कार्यालय, प्रतिष्टान, उद्योग में उपलब्ध  


 दैनिक कैशबुक के पृष्ठ को प्रतिदिन या तहसील स्तरपर ७दिन के अंदर 


वेबसाईट पर अपलोड करने का बंधनात्मक क़ानून स्थापित करवाना ]


सिटिजन चार्टर के अनुसार समय पर सरकारी काम करवाना, 

  इव्हीएम मशीन में ना पसंद उम्मीदवार के बटन की स्थापना करवाना 

 अनुचित गैरकानूनी कार्य से संबद्ध जनप्रतिनिधियो को 

 जनता द्वारा वापस बुलानें का अधिकार बनवाना,

 तथा जनलोकपाल कानून देश में स्थापित करवाना इसके लिए 

 निर्भीक होकर शान्तिपूर्ण व अहिंसात्मक आंदोलन करे |



" देश का हर नागरिक पूरी तरह निर्भीक होकर इमानदारी से जीये 

और जब तक प्राण है तब तक अगली पीढ़ी की 

 सुरक्षा,  न्याय  और  प्रगति  के  लिए  लड़ाई  लड़ें |"


......... चंद्रकांत वाजपेयी.  [जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता, औरंगाबाद.]

ईमेल :  chandrakantvjp@gmail.com 



भारत माता की जय.        ज य हिं द.        इन्कलाब जिंदाबाद.

Saturday, 22 June 2013

Deccan Chronicle :लूट ही लूट " पीडितो के लिए मिली राशि भ्रष्ट्राचार की बाढ़ में नहीं आये " उपाय पढ़ें, पीएम मान लें.

मानव संरक्षण व देश विकास के लिए धनदान करना एक उत्तम कार्य, परन्तु ……. 
       
 " धनदान की राशि भ्रष्ट्राचार की बाढ़ में नहीं आये  " 

बाढ पीडितो की राशी में भ्रष्ट्राचार पर अंकुश के लिए उपाय , परंतु 

क्या भ्रष्ट्राचार पर अंकुश के लिये 

नीचे सुझाये गये उपाय पर अमल होगा ?


                      रमपिता परमेश्वर से विनम्र प्रार्थना के साथ साथ प्रत्येक भारतीय नागरिक से 

विनम्र अनुरोध है कि उत्तराखंड की आपदा का निवारण करने और आपदा में फंसे भूखे लोगों को 

भोजन करवानें के लिए आगे बढे - मानव धर्म निभाए | " आप निश्चित ही कमसे कम भोजन मूल्य 

रुपये १०० /- देनें में सक्षम है "  फिर देरी क्यों ? सदैव याद रक्खे कि " मानव सेवा करना, 

पीडितों के कष्ट दूर करना अथवा धनदान द्वारा इस कार्य के भागीदार होना एक ईश्वरिय और 

आत्मतृप्ति का काम है | अत: यह सर्वोत्तम काम अवश्य करें| कृपया यही सोंचे कि आपके रुपयों का 

सदुपयोग होगा, परन्तु   दुर्भाग्य से देश में हर स्तर पर लूट और भ्रष्ट्राचार निरंतर हो रहा है   डेक्कन - 

क्रोनिकल की रिपोर्ट से साफ है कि आज उत्तराखंड के बाढ पीडितो को सरकारी भोजन और राहत 

की वस्तुए नही मिल रही है । क्यो उन्हे बिस्कीट-पराठे खरिदने पड रहे है उसमें भी उनकी  लूट -

- क्यो ?   जनता  के  टैक्स  के  रुपये  1000  करोड  भोजन-राहत  सामग्री  के  लिये  प्रधानमंत्री -

राहत कोष से उत्तराखंड भेजे जाने की खबरे थी, फिर पीडितो को बिस्कीट-पराठे की महंगी खरीदी 

क्यो करनी पडी,   क्या सरकारी हिसाब मे बिस्कीट - पराठे नही बाटे गये ऐसा लिखा मिलेगा ? 

डेक्कन क्लोराईड की रिपोर्ट के कुछ अंश नीचे दिये है, पढे :-- 

Saturday, Jun 22, 2013 | Last Update : 08:13 PM IST
Prayers

Uttarakhand: Stranded pilgrims manipulated, robbed and blackmailed, say reports



DC Online/Agencies | 2 hours 1 min ago

Military personnel throw a rock with a rope attached across a river to help rescue pilgrims in Uttarakhand - AFP
Military personnel throw a rock with a rope attached across a river to help rescue pilgrims in Uttarakhand - AFP
DehradunShocking reports of exploitation of distraught travellers have come to the fore in Uttarakhand with some stranded people forced to pay Rs 250 for a 'paratha' and Rs 100 for a small pack of chips. With their money and belongings washed away in the floods, hundreds of survivors did not get anything to eat for days, the reports said.
The stranded pilgrims were manipulated, looted and blackmailed during hardtimes, the reports stated.
"People were forced to buy a Rs 4 biscuit pack for Rs 1,000," said a tourist rescued from Rishikesh said, reported ANI.
                     अतएव हमे निर्भिकता के साथ खडे होकर बाढ पीडितो की सुरक्षा प्रबंध मे पूर्ण 
प्रामाणिकता लाने,  उनकी भूख पीडा हरने,  लूटतंत्र बचाने  और  देश  की  इस  दुर्व्यवस्था  को  
दूर करने के लिये आगे आना ही होगा । पना मानवीय और राष्ट्रीय कर्तव्य निभाना होगा । 
इसलिये शरीर से नही तो कम से कम धन देकर पीडितो की सहायता करे और यह भी देखें कि 
" क्या आपके द्वारा सरकार को दिया गया धन 
भ्रष्ट्राचार की बाढ में तो नही बह रहा है ? "
सुरक्षा हेतू  निम्नलिखित उपाय पर  अमल करे 
  मात्र  100 /- रुपये की सहयोग निधी ही क्यो न भेजी जाये
उसे केवल प्लास्टिक मनी यांनी  बैंक ड्राफ्ट /चेक आदि के द्वारा   

'' प्रधानमंत्री राहत कोष मे जमा करे ।'' 

 याद से प्रधानमंत्रीजी को एक पत्र लिखे  

और  इस पत्र को ड्राफ्ट/चेक के साथ नथ्थी करके 

माननीय प्रधानमंत्री जी को प्रेषित करे ।
    
    
" पत्र में अवश्य लिखें कि  मा. प्रधान मंत्री जी,  कृपया " प्रधान मंत्री राहत कोष की 

   उपयोग में आनेंवाली दैनिक कैशबुक के पृष्ठ को प्रतिदिन अनिवार्यत: वेबसाईट पर 


अपलोड करें व राहत कोष से राशि प्राप्तकर्ता को निर्देशित करे कि वे भी राहत राशि से 


सम्बंधित कैशबुक पृष्ठ को प्रतिदिन अनिवार्यत: वेबसाईट पर अपलोड करेंगे | 

तहसील स्तर पर 
वेब संकेत की तीव्रता  कम होना  संभव  है,  अत: तहसील स्तर पर  प्रत्येक 

सातवे दिन  कैशबुक  के पृष्ठ वेबसाईट पर अपलोड  किये जाये । "


पत्र द्वारा प्रधानमंत्री जी से मांग करे कि उपरोक्त निवेदित 

व्यवस्थाये बंधनकारी और अनिवार्य हो |    

                          यदि  भेजी  गयी  राशि  का  विवरण और प्रधान मंत्री जी को भेजे गये पत्र की 

प्रति मुझे ईमेल करेंगे या डाक से भेजेंगे तो आपके धन के सदुपयोग के प्रति प्रधान मंत्री कार्यालय 


और संबंधितों की वेबसाईटें प्रतिदिन कैशबुक पृष्ठ के साथ अपडेट हो रही है या नहीं यह सुनिश्चित 


किया जा सकेगा और भ्रष्ट्राचार से मुक्ति के लिए आर्थिक पारदर्शिता को सुदृढ़ करानें का प्रयास होगा 


| प्रधान मंत्री कार्यालय को उक्त पत्र के साथ अधिकतम राहत राशि भेजकर आप एक अच्छा काम 


करेंगे, इस हेतु अग्रिम हार्दिक धन्यवाद.


मेरा ईमेल आयडी : chandrakantvjp@gmail.com 

मेरा डाक पता : चंद्रकांत वाजपेयी.  { जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता }

एल १ / ५, कासलीवाल विश्व, उल्कानगरी, गारखेडा, औरंगाबाद. ( महाराष्ट्र ) ४३१००१.