Wednesday, 30 January 2013

" संसद में बैठे हैं ८० % डकैत " .......... अभिनेत्री मल्लिका शेरावत


             - संसद में  बैठे हैं ८० % डकैत -                     
                              अभिनेत्री  मल्लिका शेरावत                                                               
   
अभिनेत्री  मल्लिका  शेरावत
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Rahul Prajapati.                 एक ताजा और अर्जेंट समाचार --
अभिनेत्री मल्लिका शेरावत ( साक्षात देवी )  नें  राजनेताओ  पर 
सनसनीखेज टिप्पणी की  है ।
मुंबई  में  एक  प्रेस  कांफ्रेंस  के  दौरान  एक  सवाल  के  जवाब  में  कहा  कि  
संसद में 80 फीसदी डकैत बैठे हैं...उनका कहना था कि 
 " सब  डकैत  नहीं  है  पर  80  फ़ीसदी  तो  है 
उनके इस बयांन को किस तरीके से देखा जाये..
क्या ये खोयी हुई पब्लिसिटी के लिए है ?  
अथवा
फिल्मो के नही चल पाने की वजह से राजनीति में आने का नया स्टंट किया है इस देवी ने ??
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर खोजिये और सोचिये 

क्या अभिनेत्री मल्लिका शेरावत का  कथन सही है या गलत ? 

क्या उसे दण्डित करें ? हाँ / नही ?

" क्या सांसदों पर किये गए श्री अरविन्द केजरीवाल के वक्तव्य के लगभग समान 

वक्तव्य हेतु अभिनेत्री मल्लिका शेरावत के वक्तव्य  को मान्यता मिलेगी ? "

क्या  सांसदों  का  अपमान  करनें  के  आरोप  अंतर्गत  श्री केजरीवाल  के  समान  

" विशेषाधिकार हनन " 

 का नोटिस  उन्हें  मिलेगा ? 


  तथा  



क्या  उन्हे  मानसिक  कष्ट  उठानें  के  लिए  बाध्य  होना  पडेगा ? 

क्या  ८० %  सांसद देशभर में किसी न किसी छोटे या बड़े अपराध में 

आरोपित होकर पंजीबद्ध नहीं  हुवे है ? 

क्या किसी एक या अनेक सांसदों का किसी भी प्रकार का अपराध 


भारत  के  संविधान  में  दंड  से  मुक्ति  हेतु  स्वीकार्य  है  ? 


यदि संविधान में किसी एक सांसद या सांसदों का समूह किसी भी अपराध के अंतर्गत दंड से मुक्ति हेतु 

स्वीकार्य नहीं है और यदि सांसद खुल्लमखुल्ला कहकर या चोरी से अपराध करते है जिस कारण ८० % 

सांसद किसी ना किसी अपराध में पंजीकृत होते है और यदि यह बात सत्य है तो अनुभव स्पष्ट करते है 

कि सांसदों के पद प्रभाव के कारण भय से वशीभूत होकर प्रशासन दंड देने की स्थिति में नहीं रहता है। 

क्या इस दृष्टी से डकैत और सांसद में साम्यता का भाव नजर नहीं आता ? 

क्या जिस तरह जानकारी के बावजूद भी डकैत गिरफ्तार नहीं हो पाते है और जेल से दूर रहते है, 

क्या ठीक उसी तरह सांसद भी अपराध दर्ज होनें के बावजूद जनता का बहुत ज्यादा दबाव न पड़नें तक 

गिरफ्तार  नहीं  होते  है ?  या  हवालात  में  बंद नहीं  होते  है ?

क्या उपरोक्तानुसार अभिनेत्री मल्लिका शेरावत या केजरीवाल के कथन उचित नहीं कहलायेंगे ? 

यदि हाँ तो उस दशा में क्या सांसदोंके विशेषाधिकार हनन का नोटिस नाजायज नहीं कहा जाएगा ?
अब  आप  स्वयं  सोचिये   और  बताइये 
क्या  उपरोक्त  वाचन के  बाद  अभिनेत्री  मल्लिका शेरावत  को  दण्डित करें ?  

 हाँ   /   नही ? 

Saturday, 26 January 2013

आओ देशहित में चार कदम चल लें, इस हेतु शुभकामनाएं लेलें ।

 आओ देशहित में चार कदम चल लें, 
इस हेतु शुभकामनाएं लेलें ।


" उठो चलो देशधर्म निभाये "


आज ६४वे भारतीय गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रत्येक भारतीय 

नर-नारी (नागरिक) के जीवन में शान्ति,  पूर्ण सुरक्षा, वैभव 

समृद्धि, इमानदारी और सच्चे राष्ट्रनिष्ठा की स्थापना हो, हर 

नागरिक द्वारा भारतीय संविधान का प्रामाणिकता से पालन और 

इन परिणामों के लिये यथा आवश्यकता तत्काल सक्षम-कठोरतम ' 

लोकपाल ' विधेयक संसद के दोनों सदनोंसे पारित हो, 

यही हार्दिक शुभ कामनाएं।

Tuesday, 22 January 2013

" जब भ्रष्ट्राचार के आरोप भरे अंधेरे में डुबे हम, तब आदर्श तथा नैतिकता की ज्योती कैसे जलाये हम ?


TUESDAY, 20 NOVEMBER 2012.  / [ २२ / ०१ / २०१३. ]

" जब भ्रष्ट्राचार के आरोप भरे अंधेरे में डुबे हम, तब आदर्श तथा नैतिकता की ज्योती कैसे जलाये हम ?
                     भाजपा और श्री नितीन गडकरी जी अपनी साख बचाये,अति भ्रष्ट्राचार की गंदगी का लाभ लेकर झूठे या सच्चे आरोपो -प्रत्यारोपो से देश में बार - बार स्थापित हो सकने वाली अशांती थमे, नैतिकता और आदर्श की  प्रस्तुती के मार्ग प्रशस्त हो इस हेतू 06 नवंबर 2012 को निम्नांकित निवेदन पत्र लिखा ( नीचे दिये गये पत्र के निचले भाग में यह पत्र प्रस्तुत है ) ट्विटर / फेसबुक सहित अनेक सोशल मिडीया के माध्यम से इन्हे सार्वजनिक किया । 
                   प्रथम पत्र पर कोई कार्यवाही का संकेत नही मिला ।  योग्य परिणाम के अभाव में देश के हालात सुधारने के लिये दुबारा यही प्रयास दिनांक 20 नवंबर 2012 को किया, ( पूरा -पत्र नीचे दिया है )   
लेकिन दुर्भाग्य से लगभग सभी दलो के राजनीतिज्ञो की तरह " श्री  नितीन गडकरी जी और  भाजपा मुख्यालय सहित अन्य नेताओ नें शायद सामान्य व्यक्ती  द्वारा देशहित का विचार बताने पर आंखे व कान बंद कर लेना  तथा सर्व सामान्य नागरिक को किसी पत्र का उत्तर नही देते हुवे उसका अपमान करना, यह नेता पद का गुणधर्म समझा है । मेरे उक्त दोनो पत्रो पर इसी गुणधर्म का अनुभव प्राप्त हुआ।


परिणामत: अपमानित होकर कुर्सी से पदच्युत होना और अति मानसिक वेदना का अनुभव करना ऐसे नेताओ के भाग्य में स्थापित हो जाता है  जिसे हर नेता याद रखे, कभी ना भूले। 
श्री नितीन गडकरी जी को आज दिनांक  २२जनवरी२०१३. को अध्यक्ष पद से त्याग पत्र देने के साथ अपमान व संत्रास भोगना पड रहा है, जिसका मुझे अत्यंत दु:ख है । 
काश, गडकरी जी मेरी बात मानते तो शायद भाजपा का संभावित नुकसान और कोई दु:ख ना  होता।

कृपया पूर्व में  सार्वजनिक किये निम्न को पत्र पढे और अपनी राय देवे । 
धन्यवाद ................ चंद्रकांत वाजपेयी ( जेष्ठ नागरिक )

दिनांक :-- २0  नोव्हेंबर  २०१२.
जब आम आदमी के विचारों की होती है उपेक्षा
.....
तब डूबती इज्जत,  दूर होती सत्ता  और  पार्टी की होती अवदशा.

काश श्री नितिन गडकरीजी ०६ नवम्बर २०१२ को मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति द्वारा 

फेसबुक और ट्विटर पर लिखे निम्नांकित विचारों पर अमल करते तो वे 

स्वयं  भा.ज.पा.  के  साथ  देशभर  में  नैतिकता  से  ओतप्रोत  कहलाते, 

अत्याधिक सम्मान पाते और श्री यशवंत सिन्हा सहित अन्य भा.ज.पा. 

नेताओं के लिए विरोधात्मक बोलनें का अवसर उत्पन्न नहीं होने देते। 

काश मेरी बात मान ली जाती तो भाजपा की अंतर्कलह और वरिष्ठतम 

कार्यकर्ताओं की आपसी फूट आज ना तो उजागर होतो और नाही साख की 

हानि होती। दुर्भाग्य से आज भाजपा के सभी स्तरों के नेता कौंग्रेस के पद 

चिन्हों पर चलते हुवे आम इंसान के विचारों को महत्त्व देना भूल चुके है 

जो विनाश काले विपरीत बुद्धि का परिचायक है यह कहनें की आवश्यकता 

नहीं है।

           मेरे द्वारा देश में नैतिकता और आदर्श की स्थापना के साथ -

साथ भाजपा की सुरक्षा हेतु, ०६ नवम्बर २०१२ को उद्घृत विचार 

निम्नानुसार थे:--

06 / 11 / 2012. 

क्या श्री नितिन गडकरीजी आदर्श व समर्पण का परिचय देंगे ?

                       ह सभी जानते है कि श्री नितिन गडकरी केवल भरत भूमि के परम वैभव के लिए जीनें 

वाले, पूरी तरह से अनुशासित व ईमानदार लोगों के सानिध्य में छोटे के बड़े हुवे है । अर्थात राष्ट्रभक्त 

संस्था आर.एस.एस. के वे अनुशासित और संस्कारित स्वयंसेवक रहे है ।

. इसलिए भारत के कल्याण, देश में आदर्श व्यवस्था की स्थापना के 

अवसर, भाजपा की सुदृढ़ता और स्व-नैतिकता के मद्दे नजर स्वयं 

गडकरीजी को बड़े उदारवादी मन के साथ आगे आना चाहिए,  यह 

उनसे अपेक्षित है | "   इस समय उन्होंने उनके विरुद्ध चल रही 

शासकीय जांच की रिपोर्ट आनें तक दल के अध्यक्ष पद पर रहनें के 

बावजूद अपना कार्यभार उपाध्यक्ष को या अन्य किसी को जिन्हें पार्टी 

अधिकृत करे, सम्भलवाकर अवकाश पर चले जाना चाहिए | इसके 

अतिरिक्त श्री गडकरी जी नें उपरोक्त उल्लेखित अवकाश अवधि में 

पार्टी के समस्त निर्णयों के लिए स्वयं को मुक्त कर लेना चाहिए| 

शायद यही समर्पण उनके द्वारा देश के नागरिकों और भारतीय जनता 

पार्टी को दिया जानें वाला जीवन का सर्वश्रेष्ट उपहार तथा त्याग व 

चुनौती का परिक्षण होगा|                                                                                                       

ऐसे कठोर समय भाजपा दल के कार्यकर्ताओं और संघ में उनके प्रतिनिष्ठा और विश्वास होनें के 

बावजूद क्या श्री नितिन गडकरी जी उपरोक्त समर्पित कृति को चरितार्थ करनें का साहस दिखाएँगे 

और देश के हर नागरिक के मन में स्वयं अपनी स्वच्छ छबि स्थापित करेंगे ?

Monday, 21 January 2013

HOT STATEMENT EXCLERATE THE STOP OF PEACE IN INDIA & WORLD TOO ?


 HOT STATEMENT EXCLERATE 


THE STOP OF PEACE 

IN INDIA  AND  WORLD TOO ? 



" WHY RSS TRAINING CAMPS ARE BLAMED BADLY

& INSULTED  
AS TARRORIST TRAINING CENTRE 

BY PREFERABLY  CONGRESS PARTY  LEADERS  ? "   

MAY IT BE TRUE ? 



Doodh kaa Doodh aur Pani kaa Pani hona aavashyak.


" The blaming person or RSS who may be guilty ? "



( Looking to the following historical dedicated character of RSS, like me a number of guys of India don't believe that RSS may be guilty.) 



But proof be taken and there after punishment 


be made strongly to the guilty one. 


This is the need to maintain
peace, safety, fear-free life 

& citizen's faith over administration in india. 

                               ................ CHANDRAKANT VAJPEYI. Sr. Citizen & Social Worker.

THE GREAT INDIAN VIEWERS / CITIZENS 
Plz THINK OVER FOLLOWING POINTS :--

IS IT A TRUTH ? 
IS IT A POLITICAL GAME,  FOR VOTE BANK ? 


IS IT THE STRATEGY  TO CREAT FEAR IN D SOCIETY ? 


WHAT MESSAGE HAS BEEN DELIVERED THROUGH THIS STATEMENT ?


" WHY & HOW THE HOME MINISTER OF INDIA SHRI SUSHIL -
KUMAR SHINDE JI. BLAMED TO RSS / BJP AS HINDUTVA TERROR
MAKING CENTER - ORGANISATION ? 

DOES NOT SUCH STATEMENT MAY ACT AS CATALIST 
FOR   CLASHES /  
RIOTS   &    DEVELOPEMENT   OF   FEAR TO 


OTHER 

RELIGIOUS CITIZENS OF INDIA ?

DOES NOT THIS STATEMENT BE TREATED 

IN 
THE  

CRITERIA  OF  OFFENCE ?





SOME OF THE PRESENT- PAST HISTORY & VIEWS EXPRESSED BY DIFFERENT 
HONOURABLE PERSONALITIES OF INDIA, ARE  AS FOLLOWS :--

Presently Shri Sushil Kumar Shinde Ji, Shri Gigvijay Singh JI & Mani Shankar Aiyar Ji  said 
" RSS &  BJP  ARE  ANTI NATIONALIST." 


WHILE HON'BLE FORMER P.M. OF INDIA  Pt. JAWAHAR LALNEHARU, FORMER PRESIDENT OF INDIA Dr. ZAKIR HUSSAIN, FIELD MARSHALCARIAPPAA, REKNOWNED KHUSHWANT SINGH Ji, SARVODAYI LEADER JAYPRAKASH NARAYAN AND MANY OTHERS H'VE BEEN HEARTLY COMPLEMENTED THE RSS AS MOST PATRIOTIC ORGANISATION OF INDIA. 
EVEN MR.RAHUL GANDI'S FOREFATHER Pt. NEHRU INVITED & PAID HONOUR TO RSS VOLUNTEERS IN THE REPUBLIC DAY PARED AT  RED- FORT DELHI 
IN 1963. 


ALSO SHRI RAHULGANDHI 'S GRAND MOM MRS INDIRA GANDHI KEPT FAITH OVER RSS / BJP LEADER Mr. ATAL BIHARI VAJPAYEE AND CALLED HIM FOR HELP. SHRI A.B. VAJAPAYEE SUPPORTED INDIRA JI DURING ALL THE CRITICAL TIMINGS. PARTICULARLY AT " BANGLA DESH FREEDOM FIGHTING " INDIRAAJI ADMITTED IT.


Dear brothers & Sisters,
WHAT EVER MAY BE THERE,
BUT IN 
THE INTEREST OF SAFETY OF INDIAN CITIZENS,
THE NATIONAL SECURITY COUNCIL MUST COME FORWARD, 
&  PERFORM  THEIR  DUTY  PROPERLY  WITH
WITHOUT  FEAR  OF MINISTER  OR  ORGANISATION.   
LEGAL STRONG ACTIONS BE TAKEN IN ALL RESPECT. THE ORGANISATIONS, HOME MINISTER OR OTHERS WHO FINDS UNFATHFUL WITH NATION BE PUNISHED SOON. 


MAY I FIND YOUR VALUABLE VIEWS IN THIS REGARD PLZ. ? 

T H A N K S.

................  CHANDRAKANT VAJPEYI  ................

Saturday, 19 January 2013

" युवा राहुल गांधी, यांची सत्ताधीश कौन्ग्रेस मध्ये उपाध्यक्ष पदी निवड तेव्हाच हितकारी ठरेल जेव्हा ........ ? "



 युवा राहुल गांधी, यांची सत्ताधीश कौन्ग्रेस मध्ये 

उपाध्यक्ष पदी निवड तेव्हाच हितकारी ठरेल जेव्हा...?


MONDAY, 14 JANUARY 2013
युवा पुढाकार प्रशंसनीय, पण...............घर ना डूबे ही काळजी आवश्यक.

लोकसभा निवडणूक राहुल यांच्या नेतृत्वा खालीच online2.esakal.com

" युवा पुढाकार प्रशंसनीय, पण घर ना डूबे "

सुखाची बाब आहे की कौंग्रेस पक्षानें तरुण नेतृत्वास पुढाकार देण्याचे ठरविले आहे. निश्चितच हे स्वागत योग्य आहे, पण युवा नेता श्री राहुल गांधी यांना अजून " राष्ट्रभक्ति, माणुसकी आणि राष्ट्रधर्म " शिकण्याची गरज आहे.

" लक्षात असू द्यावे कि राष्ट्रीय नेतृत्व करणार्या इसमास या उल्लेखित कृतीतून स्थापित व्हावेच लागते. सामान्य जनतेस हे अपेक्षित असते.जर ही अपेक्षा पूर्ण होत नसेल तर सामान्य जनता अशा नेतृत्वास अपरिपक्व नेतृत्व आहे असा विचार करते आणि अशा अपरिपक्व नेतृत्वास स्वीकार करायला तयार होत नाही. श्री राहुल गांधीच्या नेतृत्वातझालेल्या उत्तर प्रदेशातील निवडणुकाचे परिणाम वरीलसिद्धान्ताचे जिवंत प्रमाण आहे.

श्री राहुल गांधी यांना अजून " राष्ट्रभक्ति, माणुसकी आणि राष्ट्रधर्म " शिकण्याची गरज आहे असे लिहिण्याचे कारण असे की आता पर्यंत त्यांचा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय - सर्वत्र रोष निर्माण करणार्या, विभिन्न दु:खद व कटु घटनांच्या संदर्भात उदासीन व्यवहार  आढळला आहे. नमूद पद्धतिच्या प्रसंगान्वर राष्ट्रिय नेतृत्व करण्या- साठी त्यांनी कधीच पुढाकार घेतला नाही व प्रतिक्रया दिली नाही. राष्ट्रीय नेत्याकडून जनतेस हे वर्तन अपेक्षित नसते. निश्चितच त्यांचे हे वर्तन हे कौंग्रेस पक्षास महाग पडू शकेल. 

वर्त्तमान घटनांतील उदाहरणे बघा :-- अमानवीय विभत्स स्त्री बलात्कार घटना, ओवेसी चे देश तोड़क वक्तव्य, पाकिस्तान तर्फे सीजफायर उल्लंघन, पाक कडून दोन भारतीय बहादुर सैनिकांची 
निर्मम हत्या व एका सैनिकाचे शिर छेदन व शिर अपहरण, या बहादुर सैनिकांच्या शोकाकुल परिवारास धाडस बांधणे व अंत-विधि प्रसंगी उपस्थिति न दर्शविणे या मानवीय कर्तव्य पासून 
राहुलजींची अलिप्तता इत्यादि.

खर्या राष्ट्रीय स्तराच्या नेत्यास अशा सर्व प्रसंगात अलिप्त राहणें तसेच असहायक किंवा प्रतिक्रया विहीन राहणें शोभायमान नाही, तेव्हा कॉंग्रेस पक्षानें श्री राहुल गांधी यानां वरील विषयाचे व्यावहारिक शिक्षण दिले तर खरोखर पक्षाचे आणि देशाचे भले होइल. 

काय कॉंग्रेस पक्ष या कडवट औषधाचे प्राशन करून स्वत: ची आणि देशाची प्रकृति धड़धाकट ठेवण्याचा प्रयत्न करेल का ?

विशेष टिप :--  दिनांक 19 JANUARY 2013.
[ लेखकास श्री राहुल गांधी पेक्षा देश आणि राजकीय पक्ष मोठा वाटतो, म्हणून नि:ष्पक्ष पणे राष्ट्ररक्षणार्थ यथार्थ अनुभव ५ दिवसा पूर्वी १४ जानेवारी २०१३ ला रेखांकित केले आहेत. 
आज १९ / ०१ / २०१३ रोजी युवा राहुल गांधी यांना काँग्रेसचं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद देण्यात आलं आहे. "शुभेच्छा." श्री राहुल गांधी यांनी आता फ़क्त भारतीय मानव बनावे, आणि त्या अनुशंगानेंच कौंग्रेस पक्षाची कार्य योजना व्यवहारात आणावी, हेच  या प्रसंगी हार्दिक शुभाशीष. ]