क्या आज इंसान के जीवन का कोई मुल्य है ? यदि इसका भान सरकार को होता, तो हैदराबाद में
धमांको का कहर क्यों मचता ? क्या यह सोती, अक्षम और निर्लज्ज सरकार का प्रत्यक्ष उदाहरण
नहीं है ?
केंद्र सरकार के गृहमंत्री के साथ आन्ध्रप्रदेश के गृहमंत्री, अब लोग पुछेंगें कि जब पहले से
विस्फोट होनें की जानकारी थी तो फिर विस्फोट क्यों हुआ ? क्यों निरपराध ११ इंसानों को मौत
के घाट उतारा गया और ७० - ८० लोग घायल क्यों हुवे ? मंत्री जी, कृपा करके इन प्रश्नों के उत्तर
तो जरूर देवें परन्तु उससे अधिक महत्त्व घायल लोगों के जीवन रक्षा को दे। सर्वप्रथम सभी घायलों
को योग्य सक्षम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएं | विमान ना होनें से केन्द्रीय गृहमंत्री का
हैदराबाद ना पहुँचना यह बात देश के गृहमंत्री के लिए लज्जा और उनके अक्षमता का द्योतक होगी,
कृपया ऐसा नहीं झलके इसकी वे चिंता करें|
क्या यह यूपीए सरकार की थू थू थू...... नहीं है ? दु:ख होता है, आखिर मेरे देश की इतनी
दुर्बल सरकार क्यों ?