Thursday, 21 February 2013

इंसान के जीवन का कोई मुल्य है ?




 क्या आज इंसान के जीवन का कोई मुल्य है ? यदि इसका भान सरकार को होता, तो हैदराबाद में 

धमांको का कहर क्यों मचता ? क्या यह सोती, अक्षम और निर्लज्ज सरकार का प्रत्यक्ष उदाहरण 

नहीं है ?  



              केंद्र सरकार के गृहमंत्री के साथ आन्ध्रप्रदेश के गृहमंत्री, अब लोग पुछेंगें कि जब पहले से

विस्फोट होनें की जानकारी थी तो फिर विस्फोट क्यों हुआ ?    क्यों निरपराध ११ इंसानों को मौत 

के घाट उतारा गया और ७० - ८०  लोग घायल क्यों हुवे ?  मंत्री जी, कृपा करके इन प्रश्नों के उत्तर 

तो जरूर देवें परन्तु उससे अधिक महत्त्व घायल लोगों के जीवन रक्षा को दे। सर्वप्रथम सभी घायलों 

को योग्य सक्षम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएं | विमान ना होनें से केन्द्रीय गृहमंत्री का 

हैदराबाद ना पहुँचना यह बात देश के गृहमंत्री के लिए लज्जा और उनके अक्षमता का द्योतक होगी, 

कृपया ऐसा नहीं झलके इसकी वे चिंता करें| 

            क्या यह यूपीए सरकार की थू थू थू...... नहीं है ?  दु:ख होता है, आखिर मेरे देश की इतनी 

दुर्बल सरकार क्यों ?

Tuesday, 12 February 2013

मन नहीं कहता की ये सच है, पर क्या यह सच हो सकता है ?


13 - 02 - 2013.

यह क्या हो रहा है हमारे भारत में ?


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                हले पूर्व स्थल सेनाध्यक्ष श्री व्ही.के. सिंह साहब पर घर से आरोप 

और अब पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एस पी त्यागी साहाब पर विदेश से आरोप, 

आखिर क्यों ?   क्या भारतीय सुरक्षा विभाग में फूट डालने का षडयंत्र है ?

अथवा भारत के राजनीतिक पटल से धुंआ उठाने की तैयारी ? 

क्या है सच ?

                इसलिये अब यह आवश्यक है कि पूर्व वायुसेनाध्यक्ष श्री एस 

पी त्यागी साहाब नें यदि उनसे गलती हुई हो यानी किसी दबाव या 

आर्थिक लोभ के कारण रिश्वत ली गयी हो, तो उन्होंनें स्वयं इसे स्वीकार 

कर लेनी चाहिए क्योंकि वे सच्चे भारत माता के पुत्र है। परन्तु यदि 

आरोप झूठें हों तो निर्भीकता पूर्वक संभावित षडयंत्र का प्रतिकार करके 

''दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए ।''   श्री त्यागी जी क्या 

करेंगे? भारत की जनता श्री त्यागी जी के हर बयान और कृति का स्वागत 

करेगी तथा आवश्यकतानुसार उनका पूरा साथ देगी, केवल वे इस विषय 

को राजनीतिक नहीं बननें देवें, जिससे देश में राजनीतिज्ञों के मध्य वाक्युद्ध 
शुरू होकर अशांति व तनाव का वातावरण ना बनें यह अपेक्षित 
है

.......... चंद्रकांत वाजपेयी { जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता }  औरंगाबाद.

ई - मेल :  chandrakantvjp@gmail.com 

Monday, 11 February 2013

'' क्या बनना है मानव या दानव ? ''



''  क्या बनना है  मानव या दानव ?  ''

मातृभूमी, जन्मदाता मां अथवा प्यारी बहना 
इनका आदर व रक्षा करनेवाले है मानव और अभिशेष सब दानव 



                     र प्रकार की सुरक्षा के लिए मानव मन पर स्व-नियंत्रण की 

अत्याधिक आवश्यकता है । मन पर नियंत्रण के अभाव में ही असभ्य 

घटनाओं का जन्म होता है । आज बलात्कार की घटनाओं से नारी 

समाज असुरक्षित हो गया है । बलात्कार एक असभ्य घटना है - एक 

विकार है और एक प्रकासे भ्रष्ट्राचार भी है, जिसके रोकथाम के लिए 

शिक्षा पाठ्यक्रम और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी समावेशित

भ्रष्ट्राचारमुक्त भारत निर्माण आन्दोलन की ओर विशेष सार्थक प्रयास 

करनें की आवश्यकता है । परन्तु जब देश में सरकार के प्रतिनिधियों 

और राजनीति से जुड़े लोगों पर ही इस विकार के धनी होनें के आरोप 

लगें और इन्हें उच्चतम न्यायालय तक जवाब देनें के लिए बाध्य 

होना पड़े तो भविष्य क्या होगा ? ऊपर उल्लेखित उपाय कैसे स्वीकृत 

होंगे ? शायद इसी कारण आज हर देशभक्त भारतीय समाजसेवी 

अन्ना हजारे जी के भ्रष्ट्राचार मुक्ति आंदोलन से प्रेरित होकर स्वयं 

निर्भीक होकर अत्याचार-व्यभिचारके विरुद्ध सड़क पर उतर गया है ।



                 क्या आप भी स्त्री अन्याय विरुद्ध संघर्ष में सड़क पर उतरे है न ? 

यदि अभी तक नहीं तो भी कोई बात नहीं, अब उतरें अपनें माता - 

बहनों की रक्षा का अपना कर्त्तव्य निभाएं और सच्चे देशभक्त बनें -

केवल मानव बनें। " 

भारत में ऐसे ही होते है सच्चे पुत्र - सच्चे भाई यांनी सच्चे मानव । "



..... चंद्रकांत वाजपेयी.  { जेष्ठ नागरिक एवं गैर राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता, औरंगाबाद. } 
chandrakantvjp@gmail.com

Sunday, 10 February 2013

मेरे देश की इज्ज़त पर जब अफज़ल आँख उठाता है - आलोक शर्मा,ग्वालियर


09 / 02 / 2013.

मेरे देश की इज्ज़त पर जब अफज़ल आँख उठाता है 

-------आलोक शर्मा,ग्वालियर

मेरे देश की इज्ज़त पर जब अफज़ल आँख उठाता है 
इस माटी का छोटा कंकण तब ब्रह्मास्त्र बन जाता है 



जब जले चरारे शरीफ कहीं तो कौन चुप रह पायेगा 

ऐसे में तो कोई कायर ही चैन की नींद सो पायेगा 

किसी अक्षर धाम पर जब आतंकी हमला हो जाता है

इस माटी का छोटा कंकण तब ब्रह्मास्त्र बन जाता है .




किसी गौधरा से जब भी आग की लपटें उठतीं हैं 

किसी आतंकी गोली से सैनिक की सांसे रूकती हैं 


अपनी बेटी बचाने को जब ही देश ही बेचा जाता है


इस माटी का छोटा कंकण तब ब्रह्मास्त्र बन जाता है .


दंगों की आग में जब लूट ही लोगो का ईमान बने 


प्रश्न पूछने की खातिर जन प्रतिनिधि बेईमान बने 


किसी निठारी में निष्ठुर जब जाल अपना फैलाता है 


इस माटी का छोटा कंकण तब ब्रह्मास्त्र बन जाता है 


भाषा की इन दीवारों को जब तक ना तोडा जायेगा

अपने झूठे स्वार्थों को भी जब तक ना छोड़ा जायेगा 


जब सत्य का पहन आवरण असत्य सिर उठाता है .


इस माटी का छोटा कंकण तब ब्रह्मास्त्र बन जाता है।

मेरे देश की इज्ज़त पर जब 
अफज़ल आँख उठाता है 

इस माटी का छोटा कंकण तब ब्रह्मास्त्र बन जाता है 



-------आलोक शर्मा,ग्वालियर

Saturday, 9 February 2013

संसद पर हमले के योजनाकार आतंकवादी अफजल गुरु को फांसी पश्चात महामहिम राष्ट्रपति जी को भेजा गया पत्र.


PLZ.  READ THE COPY OF LETTER SENT BY ME TODAY ON 09 / 02 / 2013. 
The Hon'ble President of India. 
SEE ITS  2 No.  ACKNOWLEDGEMENTS,  GIVEN HERE UNDER.

09 / 02 / 2013. 
विषय :-- संसद पर हमले के योजनाकार आतंकवादी अफजल गुरु को फांसी
महामहिम राष्ट्रपति जी, 
                                  सस्नेह सादर नमस्कार ।

कृपया आपके सुयोग्य निर्णय व उक्त निर्णय पर शासन द्वारा की गयी व्यवस्था पर अभिव्यक्त 
मेरी " दो ट्विटस "  का वाचन कर अनुग्रहित करें, आभारी रहूंगा।
........... चंद्रकांत वाजपेयी.  जेष्ठ नागरिक, औरंगाबाद - महाराष्ट्र ............

( 1 )  CHANDRAKANT VAJPEYI ‏@chandrakantvjp
       '' अभिनन्दन '' वर्त्तमान राष्ट्रपति जी  नें विद्युत् गति से कार्य और कठोरतम न्यायसंगत 
         निर्णय क्षमता को सिद्ध किया है। " हार्दिक बधाई ".

( 2 )  CHANDRAKANT VAJPEYI ‏@chandrakantvjp
      " अन्तत: विशिष्ट शैतान के जीवन समाप्ति पर भारत  सरकार का हार्दिक अभिनन्दन ।  
       देश के आतंरिक सुरक्षा की सफलता का विश्वास और शुभेच्छाये.     
                        पुन: हार्दिक धन्यवाद ।
            -----------  चंद्रकांत वाजपेयी. -----------
जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता, औरंगाबाद, महाराष्ट्र. 
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Thursday, 7 February 2013

A DIRECT QUESTION TO THE C.M. OF DELHI.


-- " A DIRECT QUESTION FROM Chandrakant Vajpeyi TO THE C.M. OF DELHI " --

WHY THERE ARE REGULAR RAPE CASES 

IN THE CAPITAL OF INDIA ?
               
  


Respected SHEILA DIXIT JI  U  R GREAT & TRUTHFUL 

BUT HOW & WHY DO YOU HOLD 


THE POST OF CHIEF MINISTER OF DELHI ?

It is well known that " Provision of Safety - Security or 

Protection of life in all respect to survive with without fear by 

citizens is most necessary, it is their fundamental right & this 

is the basic duty of any Govt." 


As the Chief Minister Sheila Dikshit Ji,  you have been 

admitted on Wednesday  that  the Women do not feel 

safe in Delhi." 

Its shocking & very sad to hear from your end, but its true. 

 It is the complete failure of law & order, other-wise how 

crimes are increasing ?  Yesterday C.M. Sheila Ji expressed 

sorrow over Gang Rape Case and today once again the same 

Case repeated. Only 2 -3 months earlier, there was delhi's 

 mostly highlighted gang Rape Case of DAMINI. But instead 

of reduction of Rape Cases, it is going to be increased.

The status of Thefts, Murders and Kidnaps is also too more. 


No doubt it is her greatness that 

 she admitted the bitter truth which indirectly

denotes her incompetancy  &  failureness of 

  duties of an Chief Minister.

 We must pay an honour to the Hon'ble 

Sheila Dixit Ji for her truthness. 


In the sake of life of the public, particularly Ladies she must

resign and handover the charge of C.M. post to an other 

competant person. 


May we hope that she shall run over the path of 

  TRUTHFUL GREAT LEADER LAL BAHADUR SHASTRI ?


---- CHANDRAKANT  VAJPEYI. { Sr. Citizen & Social Worker }
Email :-  Chandrakantvjp@gmail.com