Friday, 25 December 2015

इस प्रकार सदैव केवल विरोध करते रहना भला नहीं |

------- इस प्रकार सदैव केवल विरोध करते रहना भला नहीं --------
Mahendra Chavan > Final War Against Corruption ( Aam Aadmi Party )
खबर है की ईंट का जवाब ५६ इंच के छाती से देने की बात करनेवाले मोदी जी के अचानक पकिस्तान दौरे पर जाकर शादी में शरीक होनेसे नाराज होकर सारे अंधभक्त पैरोमे पत्थर बांधकर वाराणसी की गंगातट पर सामूहिक आत्महत्या करने के लिए अपने घरो से निकल पड़े है. grin emoticon grin emoticon tongue emoticon tongue emoticon tongue emoticon
महेंद्र चवांण जी, आम आदमी पार्टी जयहिंद |
मेरे विचार से सदैव विरोध उचित नहीं, यह अंधभक्ति का प्रतिक है |
राष्ट्रिय नीतिगत व्यवस्थाओं में अनितिगत स्थिति होनें पर विरोध अवश्य करें किन्तु ऐसी स्थिति के नहीं होनें पर मात्र किसी एक वाक्य के आधार पर कूटनीति पूर्ण कार्य में शासन का विरोध करना अनुचित कहा जाएगा | आपको मालुम ही होगा कि हिंदू पद पादशाह महाराज छत्रपति शिवाजी विख्यात सफल कूटनीतिज्ञ थे |
शिवाजी महाराज का जीवन चरित्र हमें यहीं सिखाता है कि दो कदम दरबार में भी बढ़ें, सबके गले मिले किन्तु गले मिलते समय सावधानी बरते | यदि विरोधी धोखा देनें की कोशिश करें तो 56 इंच का फौलादी सीना तानें, निर्भीक होकर प्रहार करें लेकिन हर परिस्थिति में अपनें विरोधी की माता बहनों का पूर्ण आदर सम्मान करें और उन्हें पूर्ण सुरक्षा के साथ विरोधी के सुपुर्द करें | उनका चरित्र विरोधीयो कें साथ विनम्रता, प्रेमं, व अचानक भेट देनें की चतुराई सिखाता है | उनका चरित्र यह भी सिखाता है कि रण में दो कदम पीछे हटकर विरोधी की क्षमताओ कां आकलन करों और फिर उस आधार पर आक्रमण कर उसे अपनें अधीन करों |
आदरणीय मोदी जी सारे देश के प्रधानमंत्री है, उनका आज अचानक पाकिस्तान का दौरा करना, पाक प्रधानमंत्री श्री नवाज शरीफ के गले मिलना, उनको उनके जन्मदिन और उनके परिवार में संपन्न मांगलिक विवाह कार्य पर बधाई देना - अभिनन्दन करना, उनकी माताजी के पैर छूकर आशीर्वाद मांगकर अपनें भारतीय संस्कृति की विशाल भावना का परिचय देना निश्चित ही विश्वभर के देशों में भारत के प्रति सकारात्मता उत्पन्न करा सकनेंवाली घटना है | प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी की यह यात्रा हमारी भारतीय संस्कृति की मान्यता " वसुधैव कुटुम्बकम " को अधिक प्रबल करेगी | यही कूटनीति कहलाती है |
Mahendra Chavan जी,
अब आप ही सोचे कि क्या आपके द्वारा किया गया विरोध वापस लेना उचित होगा न ?? त्रुटियाँ तो हों जाती है, लेकिन त्रुटी दुरुस्त कर लेनें वाला ही शिक्षित, बुद्धिमान और समझदार होता है | चूँकि मै ना मोदी भक्त हूँ और ना अन्य किसी का भक्त, देशहित के लिए आयएसी / अन्ना का लोकपाल आंदोलन जरुरी था, इसलिये मै उक्त सभी कें सभी आंदोलनो में पूरी इमानदारी व निष्टा कें साथ भूखहडताल पर रहकर शासन की नीती कां विरोध करता रहा | आज भी मुझे आम आदमी पार्टी का जो भी सुनितिगत काम अच्छा लगता है, उसकी खुले मन से मै प्रशंसा करता हूँ और आप के कार्यकर्ताओं को गैर राजनीतिक साथ देता हूँ, लेकिन गलत काम को सही करानें का प्रयत्न भी करता रहता हूँ | यहाँ तक की चाहे भाजपा हों, कॉंग्रेस हों या कोई अन्य दल, जिसका भी विचार, काम और व्यवहार देशहित का होता है मै उस वक्त उसका समर्थन और उस देशहित के काम की स्थापना का प्रयत्न करता हूँ, यही मेरा नागरिक कर्तव्य है | धन्यवाद |
......... वाजपेयी काका
गैरराजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता, औरंगाबाद. ( महाराष्ट्र )

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