Saturday, 22 December 2012

" बलात्कारियों को फांसी की सजा के क़ानून की मांग पर औरंगाबाद में अपार समर्थन विराट उपस्थिति दर्ज "


औरंगाबाद के नागरिक बंधू और भगिनी, 
बलात्कार - व्यभिचार विरोधी 
 जागरूकता और कर्तव्य निर्वाह के लिए 
" हार्दिक धन्यवाद "

रंगाबाद के साथियों, हम पुन: एकबार धन्यवाद देते है कि
" बलात्कारियों को फांसी की सजा के क़ानून की मांग पर दिल्ली सहित अन्य देशवासियों की तरह आपनें भी दिनांक २२ १२ २०१२ को निरालाबाज़ार, औरंगाबाद में अपनी अपार उपस्थिति दर्ज की, और उक्त मांग का समर्थन करके देश कि सुप्त सरकार को योग्य कार्यवाही के लिए मजबूर किया है।"
आपकी और देशवासियों कि इस प्रथम विजय के लिए सभी का 
............... " हा र्दि क - अ भि नं द न " .................. 

औरंगाबाद डेवलपमेंट फोरम और हमारे निम्नांकित आवाहन पर आपनें अमल किया, इस हेतु पुन: धन्यवाद. .................. 
जेष्ठ नागरिक कासलीवाल-विश्व व तिरुपति-एक्ज़िक्युटिव्ह एवं व्यभिचार विरोधी नागरिक।
(१) के. एस भाले. (२) गणेशीलाल बाहेती. (३) चंद्रकांत वाजपेयी.(४) अशोकचंद छाजेड (५) सुभाष देशमुख (६) उदय कुमार सोनोने (७) विनायक जोशी (८) सुधाकर डुमणे (९) गजेन्द्र धकाते एवं (१०) मनीषा चौधरी ( अध्यक्ष दीपशिखा फौंडेशन ).

हमनें आवाहन कियाथा कि :---
21 / 12 / 2012. ------------------ व्यभिचार विरोध -----------------------
हम कासलीवाल-विश्व एवं तिरुपति-एक्ज़ीक्यूटिव' उल्कानगरी, के जेष्ठ नागरिक एवं समस्त व्यभिचार विरोधी नागरिक " दिल्ली सहित देशभर में होनें वाले ' सभी बलात्कार प्रकरणों ' की तीव्र निंदा और विरोध को इस "गोल काले दाग" के प्रतिक के रूप में अत्यंत दु:ख और वेदना के साथ प्रस्तुत कर रहे है। भारत में हर बलात्कारी के शरीर का एक अंग तत्काल काटनें की सजा के साथ तीन माह के अन्दर फांसी की सजा निर्धारित हो यह मांग करते है। 
दिनांक २२ / १२ / २०१२ को सायं ०५:०० बजे निराला बाज़ार औरंगाबाद में " औरंगाबाद डेवलपमेंट फोरम " की और से आयोजित बलात्कार विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम का जेष्ठ नागरिक पूरी तरह समर्थन करते हुवे सभी युवाओं से आग्रह करते है की आप निर्भीक होकर उक्त दिनांक और समय पर निराला बाज़ार औ.बाद में उपस्थित होकर देश के व्यभिचारियों के विरुद्ध लढाई लढे, अपनी माता-बहनों को ढांढस बंधाएं और सच्चे इंसान बनकर इंसानियत का फ़र्ज़ निभाएं । 
सन्देश प्रेषक :-- समस्त जेष्ठ नागरिक कासलीवाल-विश्व व तिरुपतिएक्ज़िक्युतिव्ह एवं व्यभिचार विरोधी नागरिक ।
(१) के. एस भाले. (२) गणेशीलाल बाहेती. (३) चंद्रकांत वाजपेयी. (४) अशोकचंद छाजेड (५) सुभाष देशमुख (६) उदय कुमार सोनोने (७) विनायक जोशी (८) सुधाकर डुमणे (९) गजेन्द्र धकाते एवं (१०) मनीषा चौधरी.

Friday, 21 December 2012

-------- व्यभिचार विरोध ---------

20 / 12 / 2012.                
-------- व्यभिचार विरोध ---------
                    म कासलीवाल-विश्व एवं तिरुपति-एक्ज़ीक्यूटिव' उल्कानगरी, के जेष्ठ नागरिक एवं समस्त व्यभिचार विरोधी नागरिक " दिल्ली सहित देशभर में होनें वाले ' सभी बलात्कार प्रकरणों ' की तीव्र निंदा और विरोध को इस "गोल काले दाग" के प्रतिक के रूप में अत्यंत दु:ख और वेदना के साथ प्रस्तुत कर रहे है। भारत में हर बलात्कारी के शरीर का एक अंग काटनें की सजा के साथ तीन माह के अन्दर फांसी की सजा निर्धारित हो यह मांग करते है। 
           दिनांक २२ / १२ / २०१२ को सायं ०५:०० बजे निराला बाज़ार औरंगाबाद में " औरंगाबाद डेवलपमेंट फोरम " की और से आयोजित बलात्कार विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम का जेष्ठ नागरिक पूरी तरह समर्थन करते हुवे सभी युवाओं से आग्रह करते है की आप निर्भीक होकर उक्त दिनांक और समय पर निराला बाज़ार औ.बाद में उपस्थित होकर देश के व्यभिचारियों के विरुद्ध लढाई लढे, अपनी माता-बहनों को ढांढस बंधाएं और सच्चे इंसान बनकर इंसानियत का फ़र्ज़ निभाएं । 
सन्देश प्रेषक :-- समस्त जेष्ठ नागरिक कासलीवाल-विश्व व तिरुपतिएक्ज़िक्युतिव्ह एवं व्यभिचार विरोधी नागरिक ।
(१) के. एस भाले. (२) गणेशीलाल बाहेती (३) चंद्रकांत वाजपेयी.
(४) अशोकचंद छाजेड (५) सुभाष देशमुख (६) उदय कुमार सोनोने 
(७) विनायक जोशी (८) सुधाकर डुमणे (९) गजेन्द्र धकाते 
एवं (१०)मनीषा चौधरी.

Friday, 14 December 2012

आरटीआय विधेयक कलम ४ के सफल संचालन हेतू .....


आरटीआय विधेयक कलम ४ के सफल संचालन हेतू |
Inbox
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Chandrakant Vajpeyi <chandrakantvjp@gmail.com>
11:30 AM (5 minutes ago)


to cmcs-madhyaprade.csprabhatjhabjpprabhat.rsdmgwaliordmjhabuadmsehoredmrewacmonepanagar

१५ - १२ २०१२.
" मध्यप्रदेश के आदरणीय शासक एवं प्रशासक, "
 आपके द्वारा जनहित मे किये गये कार्यो के लिये 
 " हार्दिक धन्यवाद  तथा अभिनंदन."


आरटीआय विधेयक कलम ४ के सफल संचालन हेतू 
यह विनम्र आग्रह है कि 
कृपया मुख्यमंत्री जी इस विषय में ट्विट किये गये निम्न संदेशानुसार तत्काल कार्यवाही करने की कृपा करे ।  
यदि इस निवेदन पर योग्य कार्यवाही में कोई बाधा हो तो उक्त बाधा की जानकारी से अवगत करावे, आभारी रहूंगा ।

मुख्यमंत्रीजी को भेजा गया ट्विट निम्नानुसार है :--

@ShivrajSinghcm  आरटीआय कलम ४ अनुसार म.प्र.के हरेक सरकारी कार्यालय की कागजी कैशबुक के लिखे पृष्ठ को हर दिन सार्वजनिक करे. यह बंधनात्मक हो | "

स्मरणीय  :-- (१)  आरटीआय विधेयक कलम ४ अंतर्गत  " सभी शासकीय सुचनाओ / --व्यवस्थाओ की जानकारी स्वयं होकर शासन - प्रशासन ने आम जनता को बिना किसी मांग के आधार पर सार्वजनिक करना है ।"  
                    (२)  जब खर्च का ब्योरा दिया जाना आरटीआय कानून के अंतर्गत न्यायोचित है और मांग के आधार पर  यह दिया जाता है फिर आरटीआय के कलम ४ के अंतर्गत  कैशबुक में  उल्लेखित खर्च /विवरण को प्रतिदिन सार्वजनिक करना गलत क्यो ?और कैसे रोका जा सकता है ?

धन्यवाद सहित,

भवदीय,

चंद्रकांत वाजपेयी { जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता } औरंगाबाद. 
[  पूर्व निवासी मध्यप्रदेश  ] 
ईमेलं :--  chandrakantvjp@gmail.com             +91 9730500506      .

Monday, 10 December 2012

क्या भारत में संवैधानिक व्यवस्था की अवहेलना हो रही है ? विपक्ष का ध्यान क्यो नही ?


१० / १२ / २०१२.
क्या भारत में संवैधानिक व्यवस्था की अवहेलना हो रही है ?  
विपक्ष का ध्यान क्यो नही ?

               


भारत के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण और विचारणीय विषय है कि :---


( 1 ) भारत के कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल (कैबिनेटमंत्री) स्वयं कह चुके है कि आज संसद नैतिकता से काम नहीं करती है  
और  ना ही नैतिकता से  संसद चल सकती है । 
( 2 )  क्यों एफडीआय के मसले पर कुछ दलों के सांसद  (बसपा एवं सपा के सांसद) संसद के अन्दर अपनें संसदीय क्षेत्र के नागरिकों की राय संवैधानिक  व्यवस्थानुसार रखते है और बाद में वोटिंग के समय जनता की राय के विरुद्ध वोटिंग करते है या राय के विरुद्ध संसद से पलायन करते है ? क्या यह  सांसदो  की असंवैधानिक कृति  नही है  ?  
( ३ )  क्या यह परिस्थिति संवैधानिक व्यवस्था का हनन नहीं है ? 
( ४ )  क्या उपरोक्त स्थिति में संसद में बननें वाले क़ानून या स्वीकृत होनें वाले सभी विधेयक अनैतिक तथा अवैध नहीं है ?
 ( ५ )  क्या इस तरह से संचलित संसद संविधान का उल्लंघन नहीं है ? 
( ६ )  क्या ऐसी संसद को तुरंत बर्खास्त करके नैतिकता से  
ओतप्रोत संसद कि स्थापना करना आवश्यक नहीं है ? 

 देश के प्रबुद्ध नागरिक एवं राष्ट्रहित चिन्तक राजनेता उपरोक्त  बिन्दुओ पर विचार क्यों नहीं कर रहे है ? 
क्या उपरोक्त बिंदु गलत है ?


  चंद्रकांत वाजपेयी,  (जेष्ठ नागरिक  एवं  सामाजिक कार्यकर्ता,  औ.बाद )
chandrakantvjp@gmail.com      +91 9730500506. 

Wednesday, 5 December 2012

कौंग्रेस के लिए एक गंभीर सवाल, सत्ता में कैसे टिके रहें ?


 कौंग्रेस के लिए एक गंभीर सवाल 
-----------  सत्ता में कैसे टिके रहें ? ------------



               समें कोई शंका नहीं कि फिरंगियों के कब्जे से भारत को मुक्ति दिलानें और आजाद भारत बनाये रखनें में कौंग्रेस की बड़ी महत्वपूर्ण व अभिनंदनीय भूमिका रही है । 
               यह निर्विवाद सत्य है कि आजाद भारत के  ६५ वर्षों के कार्यकाल में लगभग ५० वर्षों से ज्यादा समय तक कौंग्रेस पार्टी की ही सरकारे रही है तथा कौन्ग्रेस पार्टी के एक ही परिवार के लोगो नें अधिकतम समय तक सरकार का नेतृत्व किया है । अनेकानेक वर्षो तक कौन्ग्रेस का एकछत्र राज्य रहने के कारण  इस पार्टी नें स्वयं सवाल निर्मित किया है कि " क्या कारण है कि "सोनें की चिड़िया कहालानेवाला यह महान देश जो आजादी के समय भी अत्याधिक वैभवपूर्ण था, आज इतना कंगाल और असमर्थ क्यों हो गया है कि उसके पास खाने की सभी चीजे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होनें के बावजूद वह विदेशियों (बहुराष्ट्रीय कंपनियों) के हाथों से ही खाने-पीनें की चीजे प्राप्त करनें के लिए अर्थात एफडीआय के माध्यम से उपभोग में लेने लिए विवश हुआ है ?   
               क्या कौंग्रेस पार्टी देश के गुलामगिरी के इतिहास को पुन: दोहरानें और एकबार फिर से गुलामी से स्वतंत्रता प्राप्ति के शौर्य भरे चरित्र को प्रस्तुत करने के लिये खडी है ? अथवा अपनें ५० वर्षों के शासनकाल में की गयी लूटपाट और गुपचुप विदेशों में रक्खे काले पैसे को एफडीआय के माध्यम से सफ़ेद करते हुवे अपनें पापों को छिपाना चाहती है ?  क्या है सच ? 
अब कौंग्रेस को इन सवालों का जवाब देना होगा, 
अन्यथा सत्ता विमुख होना होगा।

सपा - बसपा गंभीर होती तो हर बार राष्ट्रहित के मुद्दों पर वोटिंग के समय संसद से पलायन क्यों करती ?

06 / 12 / 2012.. 


सपा - बसपा देशहित के प्रति गंभीर नहीं 



यदि सपा - बसपा गंभीर होती तो हर बार


राष्ट्रहित के मुद्दों पर वोटिंग के समय 

संसद से पलायन क्यों करती ? 

                                        Mayawati Bahujan Samaj Party 150x150 Mayawati Wallpapers                                   



---------- क्या ये सत्तादल के भाड़े के टट्टू तो नहीं है ? ----------


             कितनी दु:खद और हास्यास्पद स्थिति है कि मुलायम सिंह ( सपा ) और मायावती
 

( बसपा ) जो देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के बड़े राजनीतिक दलों के प्रमुख है, या तो 

अपराधिक मामलों में उलझे होनें के कारण अत्यंत डरे -सहमें है अथवा पद-सत्ता के लिए बिकाऊ हो 

चुके है। देखिये और हमेशा याद रखिये कि " मुलायम और मायावती दोनों ने केवल वोटों के खातिर 

संसद में एफडीआय के विरुद्ध जोरदार वकालत तो की परन्तु वोटिंग के दौरान पिछले इतिहास का 

अनुसरण करते हुवे ये अपनी पार्टी के सभी सांसदों को साथ लेकर पलायन कर गए तथा अप्रत्यक्ष 

रूप से सरकार व एफडीआय के समर्थन में झुक गए। 

           स्पष्ट है की ये लोग देश के प्रति ना तो गंभीर है और नाही विवेकशील। ये लोग " मुंह में राम 

और बगल में छुरी " की कहावत को चरितार्थ कर रहे है। ऐसे लोगों पर भरोसा करनें के कारण ही 

शायद उ.प्र. के लोगों को रोटी रोजी के लिए आज भी दुसरे राज्यों में जाना पड़ता है और केवल दु:ख 

- कष्ट, मारपीट भोगनें के साथ इन गरीब नागरिकों को अपमान के घूंट को भी सहन करना पड़ता 

है। सोचिये मुलायम-मायावती नें जात-पात, उंच-नीच का भेद बढ़ाकर आपस में वर्ग संघर्ष बढानें 

औरअपनी खुद की सत्ता की रोटी सेकनें के अलावा और क्या किया है ? यदि इन दोनों राजनेताओं के 

द्वारा अन्य राज्यों की तरह उत्तरप्रदेश का कृषि क्षेत्र में या आर्थिक व औद्योगिक क्षेत्र में विकास किया 

होता तो उ.प्र. के नागरिक रोजगार के लिए अन्य राज्यों में मारे-मारे क्यों फिरते ? साफ़ है सपा 

और बसपा पर भरोसा करना यानी अपने पैरो पर कुल्हाड़ी मारना है। 

     अब आप खुद इन  डरपोक या पद-सत्ता के लोभी, बिकाऊ व देशहित से बे खबर रहनें वाले सपा - 

बसपा को वोट देकर अपनें पैरों पर कुल्हाड़ी की मार खानें को तैयार है ?

Tuesday, 27 November 2012

भ्रष्ट्राचाराच्या भास्मासुराचा वध केल्या शिवाय सुख कोठे आणि कसे मिळणार ?

या, तरुणांनो पुढे या. 
स्वत: सुखानें जगण्यासाठी पुढे या.
भ्रष्ट्राचाराच्या भास्मासुराचा वध केल्या शिवाय 
सुख कोठे आणि कसे मिळणार ?

माजसेवी अण्णा हजारे यांच्या मार्गदर्शनात औरंगाबाद येथे नि:शुल्क प्रशिक्षण घेवुन गैर राजकारणा - तून सुख - समृद्धि स्थापित करा. देशात आणि तुमच्या परिवारात सुख हे केवळ तुमच्याच भ्रष्ट्राचार -मुक्त चारित्र्यातून आणि निर्भीक होवून व्यवहार केल्याने  निर्मित होणार आहे हे विसरु नका. या साठीच अण्णा हजारे प्रणित भ्रष्ट्राचार विरोधी जन आन्दोलन न्यास चे सदस्य बनून दिनांक ०२ डिसेम्बर २०१२, रोजी औरंगाबाद येथे होणार्या नि:शुल्क प्रशिक्षण शिबिरात शामिल व्हा. 


 

Saturday, 24 November 2012

"जेष्ठाच्या प्रयत्नाने २६/११ च्या साक्षीदाराला मिळाला शाळेत प्रवेश."


"जेष्ठाच्या प्रयत्नाने २६/११ च्या साक्षीदाराला मिळाला शाळेत प्रवेश."
 (ही बातमी सोबत च्या डीबी स्टार मध्ये वरून दुसर्या स्थानावर वाचावी .)


Tuesday, 20 November 2012

" जब भ्रष्ट्राचार के आरोप भरे में अंधेरे डुबे हम, तब आदर्श तथा नैतिकता की ज्योती कैसे बुझाये हम ?

२२ / ०१ / २०१३.   
" जब भ्रष्ट्राचार के आरोप भरे में अंधेरे डुबे हम, तब आदर्श तथा नैतिकता की ज्योती कैसे बुझाये हम ?
                     भाजपा और श्री नितीन गडकरी जी अपनी साख बचाये,अति भ्रष्ट्राचार की गंदगी का लाभ लेकर झूठे या सच्चे आरोपो -प्रत्यारोपो से देश में बार - बार स्थापित हो सकने वाली अशांती थमे, नैतिकता और आदर्श की  प्रस्तुती के मार्ग प्रशस्त हो इस हेतू 06 नवंबर 2012 को निम्नांकित निवेदन पत्र लिखा ( नीचे दिये गये पत्र के निचले भाग में यह पत्र प्रस्तुत है ) ट्विटर / फेसबुक सहित अनेक सोशल मिडीया के माध्यम से इन्हे सार्वजनिक किया । 
                   प्रथम पत्र पर कोई कार्यवाही का संकेत नही मिला ।  योग्य परिणाम के अभाव में देश के हालात सुधारने के लिये दुबारा यही प्रयास दिनांक 20 नवंबर 2012 को किया, ( पूरा -पत्र नीचे दिया है )   
लेकिन दुर्भाग्य से लगभग सभी दलो के राजनीतिज्ञो की तरह " श्री  नितीन गडकरी जी और  भाजपा मुख्यालय सहित अन्य नेताओ नें शायद सामान्य व्यक्ती  द्वारा देशहित का विचार बताने पर आंखे व कान बंद कर लेना  तथा सर्व सामान्य नागरिक को किसी पत्र का उत्तर नही देते हुवे उसका अपमान करना, यह नेता पद का गुणधर्म समझा है मेरे उक्त दोनो पत्रो पर इसी गुणधर्म का अनुभव प्राप्त हुआ।

परिणामत: अपमानित होकर कुर्सी से पदच्युत होना और अति मानसिक वेदना का अनुभव करना ऐसे नेताओ के भाग्य में स्थापित हो जाता है  जिसे हर नेता याद रखे, कभी ना भूले। 
श्री नितीन गडकरी जी को आज दिनांक  २२जनवरी२०१३. को अध्यक्ष पद से त्याग पत्र देने के साथ अपमान व संत्रास भोगना पड रहा है, जिसका मुझे अत्यंत दु:ख है । 
काश, गडकरी जी मेरी बात मानते तो शायद भाजपा का संभावित नुकसान और कोई दु:ख ना  होता।

कृपया पूर्व में  सार्वजनिक किये निम्न को पत्र पढे और अपनी राय देवे । 
धन्यवाद ................ चंद्रकांत वाजपेयी ( जेष्ठ नागरिक )

दिनांक :-- २0  नोव्हेंबर  २०१२.
जब आम आदमी के विचारों की होती है उपेक्षा .....
तब डूबती इज्जत,  दूर होती सत्ता  और  पार्टी की होती अवदशा.



काश श्री नितिन गडकरीजी ०६ नवम्बर २०१२ को मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति द्वारा 

फेसबुक और ट्विटर पर लिखे निम्नांकित विचारों पर अमल करते तो वे 

स्वयं  भा.ज.पा.  के  साथ  देशभर  में  नैतिकता  से  ओतप्रोत  कहलाते, 

अत्याधिक सम्मान पाते और श्री यशवंत सिन्हा सहित अन्य भा.ज.पा. 

नेताओं के लिए विरोधात्मक बोलनें का अवसर उत्पन्न नहीं होने देते। 

काश मेरी बात मान ली जाती तो भाजपा की अंतर्कलह और वरिष्ठतम 

कार्यकर्ताओं की आपसी फूट आज ना तो उजागर होतो और नाही साख की 

हानि होती। दुर्भाग्य से आज भाजपा के सभी स्तरों के नेता कौंग्रेस के पद 

चिन्हों पर चलते हुवे आम इंसान के विचारों को महत्त्व देना भूल चुके है 

जो विनाश काले विपरीत बुद्धि का परिचायक है यह कहनें की आवश्यकता 

नहीं है।

           मेरे द्वारा देश में नैतिकता और आदर्श की स्थापना के साथ -

साथ भाजपा की सुरक्षा हेतु, ०६ नवम्बर २०१२ को उद्घृत विचार 

निम्नानुसार थे:--

06 / 11 / 2012. 

क्या श्री नितिन गडकरीजी आदर्श व समर्पण का परिचय देंगे ?





                       ह सभी जानते है कि श्री नितिन गडकरी केवल भरत भूमि के परम वैभव के लिए जीनें 

वाले, पूरी तरह से अनुशासित व ईमानदार लोगों के सानिध्य में छोटे के बड़े हुवे है । अर्थात राष्ट्रभक्त 

संस्था आर.एस.एस. के वे अनुशासित और संस्कारित स्वयंसेवक रहे है ।

. इसलिए भारत के कल्याण, देश में आदर्श व्यवस्था की स्थापना के 

अवसर, भाजपा की सुदृढ़ता और स्व-नैतिकता के मद्दे नजर स्वयं 

गडकरीजी को बड़े उदारवादी मन के साथ आगे आना चाहिए,  यह 

उनसे अपेक्षित है | "   इस समय उन्होंने उनके विरुद्ध चल रही 

शासकीय जांच की रिपोर्ट आनें तक दल के अध्यक्ष पद पर रहनें के 

बावजूद अपना कार्यभार उपाध्यक्ष को या अन्य किसी को जिन्हें पार्टी 

अधिकृत करे, सम्भलवाकर अवकाश पर चले जाना चाहिए | इसके 

अतिरिक्त श्री गडकरी जी नें उपरोक्त उल्लेखित अवकाश अवधि में 

पार्टी के समस्त निर्णयों के लिए स्वयं को मुक्त कर लेना चाहिए| 

शायद यही समर्पण उनके द्वारा देश के नागरिकों और भारतीय जनता 

पार्टी को दिया जानें वाला जीवन का सर्वश्रेष्ट उपहार तथा त्याग व 

चुनौती का परिक्षण होगा|                                                                                                       

ऐसे कठोर समय भाजपा दल के कार्यकर्ताओं और संघ में उनके प्रतिनिष्ठा और विश्वास होनें के 

बावजूद क्या श्री नितिन गडकरी जी उपरोक्त समर्पित कृति को चरितार्थ करनें का साहस दिखाएँगे 

और देश के हर नागरिक के मन में स्वयं अपनी स्वच्छ छबि स्थापित करेंगे ?

Monday, 12 November 2012

क्या जेष्ठ नागरिक-समूह युवाओ को आशिष देंगे ?

१२ / ११ / २०१२.

क्या जेष्ठ नागरिक-समूह युवाओ को आशिष देंगे ?

युवा पीढी व शासन को सहयोग देकर प्राप्त रियायतो का ॠण चुकायेंगे ?



{  क्षेत्रीय जेष्ठ नागरिको के व्यवहारिक आशीर्वाद.                                            
प्रिय समस्त निवासी, एवं माननीय श्री संजय जोशी साहेब, उपमहापौर और  वार्ड सेवक
कासलीवालविश्व एवं तिरुपती-एक्झीक्युटिव्ह."उल्कानगरीपार्वतीनगरगारखेडा, औरंगाबाद.
"ह  दीप घर के सभी सदस्यो की विभिन्न समस्याओ के अंधेरे को पूर्णत: दूर करे और आनंद, यश, कीर्ति, सुस्वास्थ, धन, वैभव, प्रेम, संतोष और शान्ति के दिव्य प्रकाशसे जीवन समृद्ध करे   

सभी को  हार्दिक  शुभाशीर्वाद  और  दीपावली की   शुभकामनाए । 
आज समय का अभाव  महत्वपूर्ण कामो  मे  एक बडी रुकावट बन गया है  
इसलिये  विभिन्न रुकावटे   नि:शुल्क  एवं  नि:स्वार्थ  भाव से दूर करने का  
जेष्ठ नागरीको का यह एक छोटासा  प्रयास  है  
इस काम का उद्देश्य  क्षेत्र के निवासियो और 
शासन को स्नेह व सहयोग प्रदान करते हुवे 
जेष्ठ नागरिक का यथार्थ कर्तव्य निभाना मात्र है । 
                        प्रिय युवा पुत्र / बहु -बेटियो,  यदि आपके घर परिवार के सदस्य का मतदाता सूची मे नाम लिखवाना, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, एलपीजी केवायसी फार्म पंजीकरण, जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र, विवाह-प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट, या अन्य काम शेष रह गये है और इन कामो लिये लगने वाले फॉर्म्सअधिकृत सरकारी कागजाद - प्रारूप / टिकिटस  इत्यादी संबंधित स्टेशनरी सरकारी ऑफिस से घर में लाकर देना या उन्हे उक्त कार्यालय में पहुंचाने का काम करना है, तो हमे नि:संकोच अवगत करावे।  हम नि:शुल्क रूप से हर माह की ७ और २१ तारीख को
(केवल दो दिन) एक विशिष्ट व्यवस्था के अनुसार उक्त तकलीफ दूर करने का प्रयत्न करेंगे। 

उक्त विशिष्ट व्यवस्था अंतर्गत यह बंधन होगा कि :--

(१)आप अपने निर्देशित काम के लिये हमें अपने प्रतिनिधी के रूप में अधिकृत करेंगे जिससे  
    शासकीय विभाग आपके नाम के उपर लिखित दस्तावेज हमें उपलब्ध करा सके या हमारे द्वारा 
    आपके उक्त दस्तावेज जमा कर सके और यथावाश्यकता उसकी पावती दे सके ।  

(२)आपको शासकीय भुगतानो व स्टेशनरी खर्च के लिये  रुपये १००/- (एक सौ रुपये केवल) राशी 
     ५ तारीख अथवा १९ तारीख को अग्रिम रूप से जमा करांनी होगी और उसी माह की तारीख ९ 
     या २३ को जमा राशी का हिसाब प्राप्त करना अनिवार्य होगा । 

(३)उपर क्र (१) और (२) में वर्णीत अधिकृतता पत्र और अग्रिम राशी के अभाव में कार्य नही होगा ।

(४)उपरोक्त सेवाये पूर्णत: स्वैच्छिक होंगी। जेष्ठ नागरिक सेवादाता को कार्य करने का कोई बंधन 
       नही होगा परंतु अधिकृतता पत्र और अग्रिम राशी प्राप्त करने के उपरांत सेवादाता ने निर्देशित 
       काम को समय पर करना और समय पर हिसाब करने के साथ-साथ योग्य कागजाद, कार्यदाता  
       को वापस लौटाना अनिवार्य होगा । यदि अपरिहार्य कारणो से कार्य संपन्न नही होवे तो उस
       दशा में जेष्ठ नागरिक सेवादाता पर किसी प्रकार से दोष नही लगाया जा सकेगा। 

(५)जेष्ठ नागरिक सेवादाता के साथ संपर्क का समय प्रतिदिन सायं ०७ से ०९ बजे रहेगा । 

संपर्क करे :-- चंद्रकांत वाजपेयी. {  जेष्ठनागरिक }  एल १/५, कासलीवाल विश्व., उल्कानगरी. 
मोबा:+९१ ९७३०५००५०६.  दूरभाष: २३४००१९. ईमेल:- chandrakantvjp@gmail.com
 ---: विशेष :---  अभी वोटर आयडी कार्ड बनाने  और  मतदाता सूची में नाम जोडनें /  निरस्त करनें  अथवा  नाम स्थानांतरित करनें  के काम चल रहे है। 
मतदाता सूची / वोटर आयडी कार्ड कार्य ?  अंतिम तारीख २० नवंबर १२.
कृपाकरके हम सब प्रदुषण रोके, इसके लिये फटाके ना फोडे
धन्यवाद  और  शुभकामनाऑ  सहित एक संदेश

प्रिय युवाओ निडर हो जाये, आगे आए - आगे आए ,  

सम्मान पाये, सम्मान पाये 

हरेक बुराईभरे अँधेरे से पूर्णमुक्ति की ज्योति जलाए,

देश के हर स्थान पर, यही शक्ति चरितार्थ कराए । 

देश के हर स्थान पर, यही शक्ति चरितार्थ कराए ।।


राष्ट्र की युवा पीढ़ी को हमारा यही शुभाशीष एवं मंगल कामना 

ईमानदारी व भ्रष्ट्राचारमुक्त जीवन, यही रहे उनकी साधना,

परमपिता परमेश्वर से केवल यह हार्दिक प्रार्थना

परमपिता परमेश्वर से केवल यह हार्दिक प्रार्थना।


... चंद्रकांत वाजपेयी. ( जेष्ठ नागरिक व सामाजिक कार्यकर्ता )  औरंगाबाद.