08 / 02 / 2012. IT PROVES " WHY TO APPLY " RIGHT TO RE-CALL "
& " ANNA' S ORIGINAL JAN LOKAPAL DRAFT IN JNDIA "
............... CHANDRAKANT VAJPEYI Aurangabad.,
( Sr. Ctzn & Social Woker. )
प्रिय भारतीय नागरिकों कर्नाटक की घटनां से आज मा.अण्णा जी की सच्चाई और अच्छाई दोनों सिद्ध हो रही है | कर्नाटक विधानसभा के हाल को आप जी भरकर देख लीजिये, यहाँ नीचे पढ़नें पर और जी-न्यूज का इस बारे में वीडियो देखकर यह सिद्ध हो रहा है की :-
[१] लोकतंत्र के मंदिरों के अन्दर ' क्षेत्र के चुने गए जन प्रतिनिधि अनैतिक आचरण प्रस्तुत करते है | '
[२] " अण्णा के जनलोकपाल बिल में इस बाबत अर्थात संसद के सदनों या विधान सभाओं / परिषदों
के अन्दर या बाहर इनके गैरआचरण पर लिखे गए कानूनी पहल के बिन्दुओं को कैबिनेट और
संसद के द्वारा निरस्त करना भी गलत निर्णय था | "
[३] उपरोक्त अथवा अन्य किसी भी प्रकार के अमर्यादित और अवैधानिक गैर आचरण से किसी भी
समय सम्बद्ध हो जानें वाले किसी भी जन प्रतिनिधि को " लोकतंत्र के मंदिर से बाहर बुलानें /
पदमुक्त करनें का अधिकार भी उस जनता के हाथ में होना चाहिए जिसनें स्वयं उसे उपरोक्त
सम्मानित मंदिर में सेवक के रूप में चुन कर भेजा था | अर्थात ' अण्णा का राईट टू कॉल '
विषयक कानून लागू करना भी भारत में आवश्यक है. यूँ कहें मा. अण्णा की मांग बिलकुल
सच्ची और अच्छी है.
मै चंद्रकांत वाजपेयी, जेष्ठ नागरिक उक्त बिन्दुओं का पूर्ण समर्थन करके भारत के सच्चे नागरिकों और सभी शासन करनें वालो अथवा शासन करनें की अभिलाषा रखनें वालों से विनम्र आग्रह करता हूँ की अब जब यह सिद्ध हो गया है की मा. अण्णा का जन लोकपाल बिल सच्चा और अच्छा है, तो फिर देर ना करें, देश हित में इसे आगामी बजट सत्र में " हुबहूँ " [अण्णाके जनलोकपाल मसौदेमें बिनाकिसी संशोधन] पारित करें, मै सदैव आभारी रहूंगा. धन्यवाद.
शुभकामनाओं सहित,
------------- चंद्रकांत वाजपेयी, मोबा. : +९१९७३०५००५०६. ई-मेल : chandrakantvjp@gmail.com.
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