Wednesday, 5 September 2012

" ५ सितम्बर २०१२, सच्चे शिक्षक के अपमान का दिन? "

"५सितम्बर२०१२,सच्चे शिक्षक के अपमान का दिन ?"
Chandrakant Vajpeyi shared a link.





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Super hit song from old classic movie Jagriti (1954)starring Abhi Bhattacharya, Pranoti Ghosh, Kanu Roy, Mehmood, Dhumal, Bipin Gupta, 














      
    सच्चे भारतवासियों के लिए आज ५ सितम्बर २०१२, का दिन अत्यंत 

निराशा, दु:ख और कालिमा भरा रहा है। कितनी विडम्बना है कि एक
शिक्षक नें गीत गाया था, जिसके बोल थे  " तूफानों से लाये है हम   कश्ती निकाल के, देश के बच्चों इसे रखना सम्हाल के ....... " 
कृपया उपर चित्र  के  पास  खाली जगह में क्लिक  करे , एक लिंक मिलेगी । लिंक पर क्लिक करके गीत सूने  ।
कितने दु:ख की बात ही कि उस परम आदरणीय सच्चे शिक्षकजी नें उक्त गीत के द्वारा हम सभी भारतीयों को चेतावनी दी थी कि  " बच्चो हर हालत में सच्चे देशभक्त बने रहो । विदेशियो के हाथो में मत खेलो, उनके जाल में ना फसो और असंख्य शहिदो की कुर्बानियो को मत भूलो जिन्होने तुम्हे आजादी दिलाई थी। आपसी बैर से देश को कलंकित होनें देनें से भी बचो। भारत पर होनें वाले आंतरिक और बाहरी आघातों और देश को अपयश की स्थिति में लानें से बचो। लेकिन हम ना इसे समझे,  ना ही बच सके ।"
       शायद यह हमारा दुर्भाग्य ही है कि आज ५ सितम्बर को शिक्षक दिवस के दिन " देश के मुखिया डॉ.मनमोहन सिंहजी का नाम असम्मानित  [ कलंकित ] स्थिति में विदेशों के अखबारों में छपा है। आज शिक्षक दिवस के महान अवसर पर एक शिक्षामंत्री को " १लाख ८६ हजार करोड़ रुपयों से जुड़े ''कोयले घोटाले'' अंतर्गत जुड़ाव के कारण पद से इस्तीफा देनें के निर्देशों की जानकारी भारत के सभी टिव्ही चैनल्स नें प्रसारित की है । देश के लोकतंत्र के प्रहरी यानी सांसदों ने भी आज संसद को पुन: कलंकित किया, शिक्षक दिवस के दिन बसपा और सपा के सांसदों नें संसद में आपस में हाथापाई करके संसद का फिर एक बार अपमान किया, जिसे देश की सारी जनता नें अपनी आँखों से देखा । केवल सत्ता व वोट प्राप्ति के गणित को ध्यान में रखकर, जब जाती विशेष में भेद भाव के साथ-साथ परस्पर असौजन्यता वृद्धि की स्थापना करनें वाली नई नियमावली और संविधान में बदल की प्रक्रिया सामनें आएगी तो संसद में यह हाथापायी - झुमाझटकी का दृश्य दिखना स्वाभाविक है । अभी तो यह संसद के अन्दर हुआ है, कल यही निकृष्ट घटना सडकों पर भी हो सकती है और देश अशांति की आग में जल सकता है ।         
         इसलिए प्रिय देशवासियों,  इस सच्चे शिक्षक की चेतावनी भरे विभिन्न गीतो को सुनो - समझो और गलती का अहसास करके देश में हमेशा शांती बनाये रक्खो। स्वयं बचो और देश को बचाओ। 

आईये अब हम सब शांतीपूर्ण, सुसभ्य, प्रामाणिक व नैतिक चारित्र्य की प्रस्तुती द्वारा सभी आदर्श शिक्षको को प्रतिदिन सम्मान प्रदान करे और घटित निकृष्ट घटनाओ के लिये प्रायश्चित्त करे। 
||  जय हिंद -  भारत माता कि जय  ||

....... चंद्रकांत वाजपेयी, जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता, औरंगाबाद.
      ई -मेल:--   chandrakantvjp@gmail.com    मोबा.:-- +९१९७३०५००५०६.

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