१५ सितम्बर २०१२. To: cs@mp.nic.in, cm@mp.nic.in, prabhatjhabjp@gmail.com
[ कृपया विस्तृत ईमेल दिनांक ११ - ०७ - २०१२ अनिवार्यत: देखे ]
प्रतिष्ठा में,
माननीय मुख्य सचिव महोदय,
सचिवालय, मध्यप्रदेश शासन,
भोपाल [ म. प्र. ]
ई-मेल :- cs@mp.nic.in,
--: विषय :--
क्याआर्थिक पारदर्शिता महत्वपूर्ण और आवश्यक है?
सरकार इस विषय पर जवाब क्यो नही देती ?
और प्रगती में अवरोध का कारण है, इसे आज
सभी स्तरो पर स्वीकार किया गया है | अतएव
केंद्र सरकार सहित विभिन्न प्रदेशों की सरकारे, प्रशासक, समाजसेवी और आम नागरिक चिंतीत है
तथा इस संकट को स्थायी रूपसे समाप्त करनें के लिए कटिबद्ध होकर युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे है।
" भ्रष्टाचार " समाप्ती की दिशा में केंद्र सरकार के मंत्री व टीम अण्णा की संयुक्त समिती के साथ -
साथ म.प्र. के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी को भी ठोस तकनिकी सुझाव भेजे गये थे |
केंद्र को कहा गया था " भ्रष्टाचार की समाप्ती के लिए
देशभर के सभी शासकिय कार्यालयो में ६ माह के अंदर ई-कॅशबुक-जुडे
हुवे वेबसाईट की स्थापना अनिवार्यत: की जाये और सरकारी तंत्र में
आर्थिक पारदर्शिता की बंधनशील व्यवस्थाये लागू की जाये | मात्र ई-
बँकिंग प्रणाली तथा प्लास्टिक मनी द्वारा आर्थिक व्यवहार किये जावे.
माननीय "मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंहजी को भी ई - मेल / ट्विटर द्वारा यह निवेदन किया जा चुका है
कि म.प्र. में उक्त उल्लेखित व्यवस्थाये बनाकर प्रदेश को देश का मार्गदर्शक राज्य बनाये, इसके लिये
तत्काल प्रयोग स्वरूप 'नगरपालिका नेपानगर में इस विषय की स्थापना की जावे और न.पा. नेपानगर
को प्रदेश की प्रथम आर्थिक पारदर्शी नगर पालिका का गौरव प्रदान किया जावे |
उपरोक्त प्रामाणिक व ठोस तकनिकी व्यवस्था से
--: शासन व देश सहित राजनीतिक दलो को लाभ :--
[ १ ] उपरोक्त प्रकार की व्यवस्था लागू करने से , प्रामाणिकता पूर्वक कार्य करनेवाली म.प्र. की
सरकार तथा उसके ईमानदार, कुशल - प्रामाणिक अधिकारियो -कर्मचारियो और
राजनीतिक कार्यकर्ताओ से भूल चूक में भी भविष्य में आर्थिक भ्रष्टाचार के अपराधो की
संभावना नही रहेगी और ऐसे अनावश्यक आरोपो से मुक्ती मिलेगी |स्वमेव दूध का दूध और
पानी का पानी " होता रहेगा |
अर्थात इस प्रक्रिया की स्थापना से शासन - प्रशासन में विभिन्न पदो पर दलीय प्रतिनिधी
के रूप में मनोनीत या चुने गये कार्यकर्ताओ को संरक्षण प्राप्त होगा, जिसकी आज के
के रूप में मनोनीत या चुने गये कार्यकर्ताओ को संरक्षण प्राप्त होगा, जिसकी आज के
राजनीतिक परिवेश में नितांत आवश्यकता है |
[ २ ] इस व्यवस्था के लागू होने पर " म.प्र. सरकार केवल कागजो पर ही नही बल्की वास्तव में
ईमानदारी के साथ विकासशील काम करते हुवे " आर्थिक घोटाले रोकने के काम करने वाली
सच्ची सरकार है, " जनता के मन में यह भाव स्थायी रूप से स्थापित होगा |
यह लिखते हुवे अत्यंत खेद होता है कि दो माह के बाद भी " राष्ट्रहित और राष्ट्र - रक्षार्थ
प्रस्तुत किये गये उपरोक्त महत्वपूर्ण ठोस तकनिकी उपायो पर, शासन ने कोई
उत्तर देने या इसकी खोज-खबर लेने की दिशा में पहल नही की है, एकाद पत्र तक नही है |
" ऐसा क्यो ? क्या आर्थिक पारदर्शिता का विषय राज्य के लिये महत्वपूर्ण और आवश्यक नही है ?
पत्र का उत्तर भी नही भेजा जाना और इस प्रकार आम आदमी के प्रामांणिक व राष्ट्रीय हित के विचारो की
अवहेलना करना, क्या यह प्रशासकीय पद्धती का निंदनीय तथा नकारात्मकप्रदर्शन नही है ?
' क्या यही है अच्छे - सच्चे राजनीतिक दल का सत्ता संचालन ? '
और
'' पार्टी विथ डिफरन्स ? ''
और
'' पार्टी विथ डिफरन्स ? ''
लेकीन मुझे अभी भी विश्वास है कि आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मंत्रीमंडल
के सभीमंत्री और शासन के प्रमुख प्रशासकीय अधिकारी ( मुख्य सचिव
महो. म.प्र. शासन ) देशहित ध्यान में रखेंगे तथा नि:स्वार्थ भाव से
प्रेषित, उपरोक्त निवेदन को और " गुड इमिजिएट एक्शन टू मेन्टेन
गवर्नेंस विथ डिफरन्स" का आदर करते हुवे " इस विषय के उदगम
स्थल नेपानगर की "नगर पालिका नेपानगर में प्रयोग स्वरूप एक
माह के अंदर (दीपावली पूर्व ) उक्त आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थालागू
करवाकर, देश के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करेंगे| "
स्नेह और शुभकामनाओ सहित,
राष्ट्ररक्षार्थ प्रतिबद्ध,
चंद्रकांत वाजपेयी. [जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता ]
औरंगाबाद.(पूर्व निवासी लष्कर - ग्वालियर एवं नेपानगर म.प्र.)
chandrakantvjp@gmail.com +919730500506
औरंगाबाद.(पूर्व निवासी लष्कर - ग्वालियर एवं नेपानगर म.प्र.)
chandrakantvjp@gmail.com +919730500506
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