01 - 11 - 2012.
क्या है झूठ और क्या है सच ? सच सामने आना ही चाहिए.
प्रगति और शान्ति के साथ, देश आगे बढ़ना चाहिए.
मित्रों, आप अनुभव कर रहे है कि मै पिछले डेढ़-दो वर्षो से बार-बार फेसबुक, ट्विटर,
ब्लॉग, ईमेल्स, सोशल वेबसाइट्स और अन्य विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा सरकार और नागरिकों को
विनम्र प्रार्थना कर रहा हूँ कि
" भारत में प्रगति और शान्ति बनाए रखनें के लिए भ्रष्ट्राचारमुक्ति आवश्यक है ६ महीने के अन्दर प्रत्येक
सरकारी और गैरसरकारी कार्यालय / उद्योग - व्यवसायिक प्रतिष्ठान को ई-कैश्बुक से जुडी वेबसाईट
बनाना, इस वेबसाईट का संचालन प्रतिदिन करके हरदिन आय-व्यय के ब्योरे का वेबसाईट पर रेखांकन
सुनिश्चित करना हर हाल में अनिवार्य और बंधनकारी करें | इसके अलावा हर प्रकार के आदेश - निर्देश
उक्त वेब साईट पर लोड करना और ५०/- या १००/- रुपये से अधिक के भुगतान हेतु केवल प्लास्टिक मनी
के उपयोग की बाध्यता उक्त कार्यालय / उद्योग-व्यवसाय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्यलेखाधिकारी
तथा निदेशक के लिए बंधनकारी हो | " इस व्यवस्था के अभाव में ६ मही
नें के बाद सम्बंधित व्यक्ति,
उद्योग-व्यवसाय आदि के लायसेंस, मान्यताएं, स्वीकृतिया रद्द किये जावे और पानी-बिजली के वितरण
तब तक बंद कर दिए जाए जब तक सम्बंधित व्यक्ति, उद्योग-व्यवसाय उपरोक्त लिखित व्यवस्था का
पालन नहीं करेंगे।"
निश्चित ही इस कठोर व्यवस्था से " भ्रष्ट्राचारमुक्त भारत की स्थापना के मार्ग प्रशस्त होंगे |
" इस कारण सरकारी व गैरसरकारी अधिकारीयों - कर्मचारियों के साथ साथ " गडकरी जी, वाड्रा, खुर्शीद,
जिंदल, अम्बानी आदि से लेकर किसी राजनेता और उद्योग - व्यवसाय की छबि भी भविष्य में
अनावश्यक रूप से धूमिल नही होगी।
प्रिय युवा मित्रों, आप जैसे अनेक युवा मेरी उक्त प्रार्थना को खूब "लाईक" करते है, पर इसके लिए
आन्दोलन - भूख हड़ताल या कोर्ट के नोटिस जैसे कामो में पीछे रह जाते है। कृपया कारण बताएँगे ?
क्या मेरे निवेदन की स्थापना से आर्थिक अपराध तुरंत पकड़ में आयेंगे ? क्या इस भय के कारण इस
विषय को सकारात्मक सहयोग नहीं मिल रहा है ? अथवा जेष्ठ नेताओं द्वारा चुनावी फंड के लिए अथवा
निजी परिवार के लिए गैर कानूनी रूप से कमाए जानें वाले धन का शब्दांकन या वक्तव्य आपस
में शत्रुत्व निर्मित कर सकता है, इस डर के कारण राजनीतिक कार्यकर्ता मेरे निवेदन को चाहकर भी
तवज्जो नहीं देते ? या आज के युवा भ्रष्टाचार को योग्य मानते है और दिखावे के लिए मेरे निवेदन को
"लाईक" करते है ? क्या है सच ? सच सामने आना चाहिए | यह ना भूले कि आप और हम मिलकर ही
मार्ग निकालेंगे, इसलिए खुलकर चिंतन और विवेचन करें |
आइये, भारत में प्रगति और शान्ति के लिए सोचे और आगे बढे |
......................... " भारत माता की जय - वन्दे मातरम." .......................
--- चंद्रकांत वाजपेयी. chandrakantvjp@gmail.com + ९१ ९७३०५००५०६ ---