Wednesday, 31 October 2012

क्या है झूठ और क्या है सच ? सच सामने आना ही चाहिए. प्रगति और शान्ति के साथ, देश आगे बढ़ना चाहिए.

 01 - 11 - 2012. 
क्या है  झूठ  और  क्या  है सच ?  सच सामने आना ही चाहिए. 



प्रगति और शान्ति के साथ, देश आगे बढ़ना चाहिए.





            मित्रों, आप अनुभव कर रहे है कि मै पिछले डेढ़-दो वर्षो से बार-बार फेसबुक, ट्विटर, 

ब्लॉग, ईमेल्स, सोशल वेबसाइट्स और अन्य विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा सरकार और नागरिकों को 

विनम्र प्रार्थना कर रहा हूँ कि 

" भारत में प्रगति और शान्ति बनाए रखनें के लिए भ्रष्ट्राचारमुक्ति आवश्यक है ६ महीने के अन्दर प्रत्येक 

सरकारी और गैरसरकारी कार्यालय / उद्योग - व्यवसायिक प्रतिष्ठान को ई-कैश्बुक से जुडी वेबसाईट 

बनाना, इस वेबसाईट का संचालन प्रतिदिन करके हरदिन आय-व्यय के ब्योरे का वेबसाईट पर रेखांकन 

सुनिश्चित करना हर हाल में अनिवार्य और बंधनकारी करें | इसके अलावा हर प्रकार के आदेश - निर्देश 

उक्त वेब साईट पर लोड करना और ५०/- या १००/- रुपये से अधिक के भुगतान हेतु केवल प्लास्टिक मनी 

के उपयोग की बाध्यता उक्त कार्यालय / उद्योग-व्यवसाय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्यलेखाधिकारी 

तथा निदेशक के लिए बंधनकारी हो | " इस व्यवस्था के अभाव में ६ मही
नें के बाद सम्बंधित व्यक्ति, 

उद्योग-व्यवसाय आदि के लायसेंस, मान्यताएं, स्वीकृतिया रद्द किये जावे और पानी-बिजली के वितरण 

तब तक बंद कर दिए जाए जब तक सम्बंधित व्यक्ति, उद्योग-व्यवसाय उपरोक्त लिखित व्यवस्था का 

पालन नहीं करेंगे।"


          निश्चित ही इस कठोर व्यवस्था से " भ्रष्ट्राचारमुक्त भारत की स्थापना के मार्ग प्रशस्त होंगे | 

" इस कारण सरकारी व गैरसरकारी अधिकारीयों - कर्मचारियों के साथ साथ " गडकरी जी, वाड्रा, खुर्शीद, 

जिंदल, अम्बानी आदि से लेकर किसी राजनेता और उद्योग - व्यवसाय की छबि भी भविष्य में 

अनावश्यक रूप से धूमिल नही होगी।


          प्रिय युवा मित्रों, आप जैसे अनेक युवा मेरी उक्त प्रार्थना को खूब "लाईक" करते है, पर इसके लिए 

आन्दोलन - भूख हड़ताल या कोर्ट के नोटिस जैसे कामो में पीछे रह जाते है। कृपया कारण बताएँगे ?

क्या मेरे निवेदन की स्थापना से आर्थिक अपराध तुरंत पकड़ में आयेंगे ?  क्या इस भय के कारण इस 

विषय को सकारात्मक सहयोग नहीं मिल रहा है ? अथवा जेष्ठ नेताओं द्वारा चुनावी फंड के लिए अथवा 

निजी परिवार के लिए गैर कानूनी रूप से कमाए जानें वाले धन का शब्दांकन या वक्तव्य आपस

 में शत्रुत्व निर्मित कर सकता है, इस डर के कारण राजनीतिक कार्यकर्ता मेरे निवेदन को चाहकर भी 

तवज्जो नहीं देते ? या आज के युवा भ्रष्टाचार को योग्य मानते है और दिखावे के लिए मेरे निवेदन को 

"लाईक" करते है ? क्या है सच ? सच सामने आना चाहिए | यह ना भूले कि आप और हम मिलकर ही 

मार्ग निकालेंगे, इसलिए खुलकर चिंतन और विवेचन करें | 


आइये, भारत में प्रगति और शान्ति के लिए सोचे और आगे बढे | 

......................... " भारत माता की जय - वन्दे मातरम." .......................


---   चंद्रकांत वाजपेयी.    chandrakantvjp@gmail.com   + ९१ ९७३०५००५०६    ---

Tuesday, 30 October 2012

इंडक्शन चुल्हा संचालन के लिये क्या भाजपा २४ घंटे बिजली एक रुपये प्रति युनिट की दर से देगी ?


 मतदाताओ एकबार भाजपा से पुछिये 
इंडक्शन चुल्हा संचालन के लिये 
क्या भाजपा २४ घंटे बिजली
 एक रुपये प्रति युनिट की दर से देगी ?

क्या यह वायदा सुनिश्चित करने के लिये 
 भाजपा इस आशय का हलफनामा देगी ?
निश्चित ही केवल हां की स्थिती  में भाजपा का 
यह उपहार सार्थक  और  अत्यंत बहुमूल्य होगा ,
अन्यथा 
क्या भाजपा की तरफ से सभी घरो में 
एक कबाडा और अधिक जमा न होगा ?



भाजपा के सभी पदाधीकारियो,  यह  अत्यंत  कडवा सच है  कि

आज आम जनता  का  विश्वास  खंडित हो चुका है।

अत: विश्वसनियता के लिये भाजपा प्रामाणिकता से सिद्ध करे कि 
पैसे के लिये सत्ता नही, सेवा के लिये सत्ता"

अतएव 
क्या भाजपा द्वारा मुफ्त में वितरीत होनेवाले   

इन्डक्शन चूल्हे के संचालन हेतु 

आवश्यक बिजली आगामी ५ वर्ष तक 

२४ घंटे १/- रु. प्रति यूनिट की दर से देने का 

कानूनी ग्राह्य शपथ पत्र हर मतदाता को दिया 

जायेगा ?  और घोषणा-पत्र में इस वायदे का 

समावेश होगा ? 

यदि चुनाव पूर्व प्रत्येक 
भाजपा 
उम्मीदवार इस 

प्रकार का विधिमान्य वचनपत्र हर 

परिवार को देगा और इस 

वचनपत्र  को 
अधिकृत वेबसाईट पर रेखांकित   

करेगा तो भाजपा के सभी प्रत्याशी विजयी 

होंगे इसमें कोई संदेह नहीं है। क्या भाजपा 

प्रत्याशी यह हिम्मत कर दिखाएँगे ?


............  चंद्रकांत  वाजपेयी.  { जेष्ठ नागरिक  एवं  सामाजिक कार्यकर्ता ,  औरंगाबाद. महाराष्ट्र. }
chandrakantvjp@gmail.com     +91 9730500506.

Monday, 29 October 2012

आपल्या मुलाबाळाचे उत्कर्ष आणि संरक्षण हवे का ?

29 - 10 - 2012.

आपल्या मुलाबाळाचे उत्कर्ष आणि संरक्षण हवे का ? 




मग यासाठी  www.corruptionfree.com  या वेबसाईचा उपयोग करू शकता.


आजच शपथ घ्या कि मी निर्भीक होवून


''  दक्षता आयोगाच्या कार्यात मदत करणार ''

'' स्वत: कधी लाच देणार नाही आणि लाच घेणार नाही. " 




प्रिय प्रौद्योगिकी तज्ञ इंजीनियर्स, उद्योजक, व्यवसायी आणि युवांनो

विज्ञान आणि प्रौद्योगिकी च्या उपयोगानें भ्रष्ट्राचारमुक्त भारत घडवा 

--- निवेदक : चंद्रकांत वाजपेयी. जेष्ठ नाग. आणि सामा.कार्यकर्ते. 

संयोजक " विज्ञान आणि प्रौद्योगिकी समावेशित भ्रष्ट्राचारमुक्त भारत निर्माण आन्दोलन, औरंगाबाद." 

chandrakantvjp@gmail.com   + ९१९७३०५००५०६.

Sunday, 28 October 2012

भृणहत्या रोखण्या संदर्भात खाली नमूद केलेल्या बिंदूंवर शासनाने व्यवस्था कराव्यात.


२८ - १० - २०१२.
प्रिय भारतीय युवांनो /  युवतीनो  आणि  प्रसार माध्यमांचे सर्व संपादक
सुखद आयुष्य भव.


  दुर्गा म्हणजेच शक्ती.
युवतीनो, आपण सर्व दुर्गांच आहात - 

शक्तिपुंज आहांत. महिलाच दुर्गा असतात. त्याच लक्ष्मी आणि सरस्वती 

असतात. खरे
  तर मुलगी तीच देवी आणि वंशाची ज्योत आहे, पण आज

भारतात "मुलगा हवा - मुलगी नको" तसेच " पाश्चिमात्य संस्कृतीच्या 

प्रेम प्रकरणातील सहवास व्यवस्था " या निकृष्ट व्यवहारांच्या अधिक 

व्याप्ती मुळे मानव लिंग - संतुलन बोकाळले जात आहे असे दिसून येते. 

या सामाजिक अति महत्वपूर्ण विषया वर चिंतीत होण्याची आणि हे 

रोखण्यासाठी उपाय योजना शोधण्याची आज गरज आहे. 
               

  भृणहत्या रोखण्या संदर्भात खाली नमूद केलेल्या बिंदूंवर शासनाने 

व्यवस्था कराव्यात.तसेच या व्यवस्थेच्या स्थापनेसाठी युवांनी विशेष 

करून युवतींनी आणि प्रसार माध्यमांनी  आपल्या लेखनातून आणि 

आंदोलन करून शासनास या तांत्रिक व्यवस्था कायम 

करण्यास भाग पाडावे हीच एक 
 अपेक्षा.

वर उल्लेखित उद्देश्य प्राप्ती साठी तांत्रिक व्यवस्थांचे मुख्य बिंदु खालील प्रमाणे आहेत  :--


(१) देशातील प्रत्येक सोनोग्राफी मशीन (अर्थात लिंग तपासणी / लिंग 

प्रमाणीकरण मशीन) ची जोडणी आणि या उपकरणाच्या प्रत्येक 

संचलनाचे वृत्त अधिकृत वेबसाईटवर करणे बंधनकारी केले जावे. 


(२) देशात गर्भधारण करणार्या प्रत्येक स्त्री ला सरकारी किंवा गैरसरकारी 

दवाखान्यात अधिकृत नोंदणी करणे { पंजीयन करणे } आणि त्या स्त्री
ला

या संदर्भात एक विशिष्ट क्रमांक दवाखान्यातून प्राप्त करणे बंधनकारक 

केले जावे. अपन्जीकृत आणि विशिष्ट क्रमांक प्राप्ती विना प्रसूतीस 

अवैधानिक मान्य करून शिक्षेच्या व्यवस्थेची तरतूद असावी. 

सोनोग्राफीकरणे अनिवार्य करून सोनोग्राफी खर्च शासनाने वहन करावा. 


(३) जिल्हा केन्द्र वरील प्रत्येक सरकारी आणि गैरसरकारी दवाखान्याची 

वेबसाईट अनिवार्य करावी. वेबसाईटवर पंजीकृत गर्भधारीत स्त्री चे प्रकृती 

विषयक विवरण आणि सोनोग्राफी रिपोर्ट प्रमाणे गर्भाचे लिंग { दिलेल्या 

विशिष्ट क्रमांका च्या संदर्भात } दर महिन्यात तिची प्रसूती होई पर्यंत 

रेखांकित करणे बंधनकारी करावे. याचे पालन न करणार्यां डॉक्टरांचे / 

दवाखान्याचे रजिस्ट्रेशन - मान्यता / लायसंस रद्द करण्याची तरतूद 

करावी.


(४) तालुका केंद्र वर तालुक्यातील सर्व दवाखान्यातील पंजीबद्ध महिलांची 

दर महिन्याची स्थिती संकलित केली जावी आणि ही माहिती जिल्हाकेंद्रा 

वरिल अधिकृत वेबसाईट वर रेखांकित केली जाण्याचे बंधन असावे.


(५) www.corruptionfree.in या वेबसाईट मध्ये उल्लेखित योजने 

प्रमाणे स्त्री च्या नावाची गुप्तता आणि व्यक्ति स्वातंत्र्य सुरक्षित ठेवता 

येईल, शासनाने या कडे जवाबदारीने लक्ष द्यावे..


(६) जे चिकित्सक किंवा दवाखाने किंवा विषय संबद्ध व्यक्ति भ्रूण हत्येचे 

अपराध 
करतील त्यांना तुरुंगवासाची शिक्षा करण्याचे प्रावधान असावे.



वरिल तांत्रिक पध्दतीच्या मांडणी मुळे आपल्या देशात शक्तीपुंज 

अर्थात खर्या अर्थाने अनेक दुर्गांचे स्थापन होईल आणि दानव प्रवृत्तीस 

आळा बसेल. सत्कर्मासाठी शुभाशिर्वाद,

" शासनासह सर्वास हार्दिक शुभेच्छा."


-----  पत्र प्रेषक  ----- 

 आपले पितृतुल्य मंडळी {जेष्ठ नागरिक} 

chandrakantvjp@gmail.com

कासलीवालविश्व  उल्कानगरी, पार्वतीनगर, गारखेडा, औरंगाबाद. 

४३१००५.

Saturday, 27 October 2012

मा. मुख्यमंत्री के साथ-साथ भाजपा अध्यक्ष म.प्र. हमारे सवाल पर ध्यान क्यों नहीं देंगे ?

२७ / १० / २०१२.
                                       
क्या  म.प्र. में आर्थिक अपराध के अनर्गल आरोप लगना उचित है ?

क्या 

प्रामाणिक मध्यप्रदेश बनाना  आवश्यक नही है ?







विश्वास है कि म.प्र. के मुख्यमंत्रीजी सहित श्री प्रभात झा 


साहाब अध्यक्ष भाजपा म.प्र.,  अब " प्रदेश में आर्थिक पारदर्शिता " के 

 सवाल पर ध्यान देंगे और हमारे सुझावो को तत्काल अंमल में लायेंगे ।



हमारा सीधा सवाल रहा है कि चित्र में भाषण देते दिखनें वाले 

श्री प्रभात झा साहाब, अध्यक्ष भाजपा म.प्र. 

हमारे निवेदन पर ध्यान क्यों नहीं देंगे ?

माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह जी  और  श्री प्रभात झा  जी, 

"  हमारा निवेदन रहा है कि  मध्यप्रदेश के सभी सरकारी अधिकारियों 

कर्मचारियों और 'दल के राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर पर आर्थिक घोटाले 


या आर्थिक अपराध के आरोप नहीं लगे और उन्हें सुरक्षित रखा जा 


सके, इसके लिए सभी " सरकारी कार्यालयों में आगामी ६ माह के अन्दर 


ई-कैशबुकयुक्त वेबसाईट की स्थापना और इसका प्रत्येक दिन 


संचालन करना, कार्यालय के हरआदेश/निर्देश को वेबसाईट पर 


रेखांकितकरना तथा ५०/- या १००/- रुपये से अधिक के भुगतान हेतु 


केवल प्लास्टिक मनी के उपयोग की बाध्यता उक्त कार्यालय के मुख्य -


कार्यकारी अधिकारी, मुख्यलेखाधिकारी  तथा निदेशक के लिए बंधनकारी 


करवानेंका कार्य करें और " भ्रष्ट्राचारमुक्त मध्यप्रदेश " बनानें की 


प्रामाणिकता को सिद्ध करें | "

इसके लिए म.प्र. के नागरिक और सभी भाजपा कार्यकर्ता 

निश्चित ही मुख्यमंत्री जी और प्रभातजी के आभारी रहेगे और उन्हें 

सम्मानित करेंगे. मुझे विश्वास है की अब दोनो सम्माननीय महानुभाव 

प्रामाणिक कर्तव्यशिलता का परिचय देकर उक्त सम्मान प्राप्त करेंगे और 

 विश्वास को खंडित नहीं होनें देंगे।

 चंद्रकांत वाजपेयी      chandrakantvjp@gmail.com    + ९१ ९७३०५००५०६.. 


Thursday, 25 October 2012

शिक्षा तत्वों की पूर्णता के लिये पाठ्य पुस्तको में निर्भिक चरित्रों का समावेश अधिक आवश्यक .


26 / 10 / 2012.             
शिक्षा तत्वों की पूर्णता के लिये पाठ्य पुस्तको में 

निर्भिक चरित्रों का समावेश अधिक आवश्यक .

                           शैक्षणिक अभ्यासक्रम में साहस और राष्ट्रभक्ति के पाठ शामिल करनें के साथ - साथ विद्यार्थियों में इसके व्यवहार के आधार पर प्रोन्नति अंक दिए जानें की व्यवस्था शालेय शिक्षण विभाग द्वारा किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण और आवश्यक है। 
जब तक समाज से भीरुता दूर नहीं होगी और प्रत्येक नागरिक का देश की सुरक्षा तथा उत्थान के लिए मर-मिटनें का चरित्र सर्वत्र दिखाई नहीं देगा तब तक भारतीय शिक्षा अपूर्ण कहलाएगी ।
            " अत: देश की सभी राज्य सरकारें अपने शालेय शिक्षा पाठ्यक्रम में बहादुर नीरजा भनोत और अजमल कसाब की गोलियों से विकलांग हुई १० वर्षीय निर्भीक देशभक्त बालिका देविका रोटावन के शौर्य गाथा का समावेश करे ।"
.................................. चंद्रकांत वाजपेयी [ जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता ]


क्या जानते है कि कौन है,"देविका रोटवान" और   "नीरजा भनोत " ?

देविका रोटवान :--
   Kasab – from a poor Pakistani to a terror nightmare यह मालूम हो कि देविका रोटवान की गवाही के कारण ही आतंकवादी अजमल कसाब को भारत के सुप्रीम कोर्ट तक नें फांसी की सजा सुनाई है तथा कसाब के अति डर के कारण ही भीरु पालकों नें बहादुर देविका के स्कूल वालों पर इतना अधिक दबाव डाला था कि जिस कारण देविका को स्कूल से बाहर किया जाकर उसके पढ़ाई के हक़ को छिननें का असफल प्रयास हुआ था ।   कुछ देशभक्त युवाओं के कारण उसे स्कूल में पुन: प्रवेश मिला और आज वह न्यू इंग्लिश स्कूल बांद्रा की कक्षा ९ वी में पढ़ाई कर रही है तथा भविष्य में किरण बेदी जैसी पुलिस अफसर बननें के लिए प्रयत्नशील है ।  

नीरजा भनोत :--    
          5 सितम्बर1986 को आधुनिक भारत की एक विरांगना  जिसने  आतंकियों  से  लगभग  400 यात्रियों को जान बचाते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। भारत के कितने नवयुवक और नवयुवतियां उसका नाम जानते है। कैटरिना कैफ, करीना कपूर, प्रियंका चैपड़ा, दीपिका पादुकोड़, विद्याबालन और अब तो सनी लियोन जैसा बनने की होड़ लगाने वाली युवती क्या नीरजा भनोत का नाम जानती है ? 
              क्या नहीं सुना न ये नाम ?  मैं बताता हूँ इस महान विरांगना के बारे में। 7 सितम्बर 1964 को चंड़ीगढ़ के हरीश भनोत जी के यहाँ जब एक बच्ची का जन्म हुआ था तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारत कासबसे बड़ा नागरिक सम्मान इस बच्ची को मिलेगा। बचपन से ही इस बच्ची को वायुयान में बैठने और आकाश में उड़ने की प्रबल इच्छा थी।
                   नीरजा ने अपनी वो इच्छा एयर लाइन्स पैन एम ज्वाइन करके पूरी की। 16 जनवरी 1986 को नीरजा को आकाश छूने वाली इच्छा को वास्तव में पंख लग गये थे। नीरजा पैन एम एयरलाईन में बतौर एयर होस्टेज का काम करने लगी। 5 सितम्बर 1986 की वो घड़ी आ गयी थी जहाँ नीरजा के जीवन की असली परीक्षा की बारी थी। पैन एम 73 विमान करांची, पाकिस्तान के एयरपोर्ट पर अपने पायलेट का इंतजार कर रहा था। विमान में लगभग 400 यात्री बैठे हुये थे। अचानक 4 आतंकवादियों ने पूरे विमान को गन प्वांइट पर ले लिया। उन्होंने पाकिस्तानी सरकार पर दबाव  
 बनाया  कि  वो  जल्द  में  जल्द  विमान  में  पायलट  को  भेजे ।  किन्तु पाकिस्तानी  सरकार  ने  मना  कर  दिया ।  तब आतंकियोने  नीरजा और उसकी सहयोगियों को बुलाया कि वो सभी यात्रियों के पासपोर्ट एकत्रित करे ताकि वो किसी अमेरिकन नागरिक को मारकर पाकिस्तान पर दबाव बना सके। नीरजा ने सभी यात्रियों के पासपोर्ट एकत्रित किये और विमान में बैठे 5 अमेरिकी यात्रियों के पासपोर्ट छुपाकर बाकी सभी आतंकियों को सौंप दिये। उसके बाद आतंकियों ने एक ब्रिटिश को विमान के गेट पर लाकर पाकिस्तानी सरकार को धमकी दी कि यदि पायलट नहीं भेजे तो वह उसको मार देगे। किन्तु नीरजा ने उस आतंकी से बात करके उस ब्रिटिश नागरिक को भी बचा लिया। धीरे-धीरे 16 घंटे बीत गये। पाकिस्तान सरकार और आतंकियों के बीच बात का कोई नतीजा नहीं निकला। अचानक नीरजा को ध्यान आया कि प्लेन में फ्यूल किसी भी समय समाप्त हो सकता है और उसके बाद अंधेरा हो जायेगा। जल्दी उसने अपनी सहपरिचायिकाओं को यात्रियों को खाना बांटने के लिए कहा और साथ ही विमान के आपातकालीन द्वारों के बारे में समझान वाला कार्ड भी देने को कहा। नीरजा को पता लग चुका था कि आतंकवादी सभी यात्रियों को मारने की सोच चुके हैं। उसने सर्वप्रथम खाने के पैकेट आतंकियों को ही दिये क्योंकि उसका सोचना था कि भूख से पेट भरने के बाद शायद वो शांत दिमाग से बात करे। इसी बीच सभी यात्रियों ने आपातकालीन द्वारों की पहचान कर ली। नीरजा ने जैसा सोचा था वही हुआ। प्लेन का फ्यूल समाप्त हो गया और चारो ओर अंधेरा छा गया। नीरजा तो इसी समय का इंतजार कर रही थी। तुरन्त उसने विमानके सारे आपातकालीन द्वार खोल दिये। योजना के अनुरूप ही यात्रीतुरन्त उन द्वारों के नीचे कूदने लगे। वहीं आतंकियों ने भी अंधेरे में फायरिंग शुरू कर दी। किन्तु नीरजा ने अपने साहस से लगभग सभी यात्रियों को बचा लियाथा। कुछ घायल अवश्य हो गये थे किन्तु ठीक थे अब विमान से भागने की बारी नीरजा की थी किन्तु तभी उसे बच्चों के रोने की आवाज सुनाई दी। दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना के कमांडो भी विमान में आ चुके थे। उन्होंने तीन आतंकियों को मार गिराया । इधर नीरजा उन तीन बच्चों को खोज चुकी थी और उन्हें लेकर विमान के आपातकालीन द्वार की ओर बढ़ने लगी, कि अचानक बचा हुआ चैथा आतंकवादी उसके सामने आ खड़ा हुआ। नीरजा ने बच्चों को आपातकालीन द्वार की ओर धकेल दिया और स्वयं उस आतंकी से भिड़ गई। कहाँ वो दुर्दांत आतंकवादी और कहाँ वो 23 वर्ष की पतली-दुबली लड़की। आतंकी ने कई गोलियां उसके सीने में उतार डाली। नीरजा ने अपना बलिदान दे दिया। उस चैथे आतंकी को भी पाकिस्तानी कमांडों ने मार गिराया किन्तु वो नीरजा को न बचा सके। नीरजा भी अगर चाहती तो वो आपातकालीन द्वार से सबसे पहले भाग सकती थी। किन्तु वो भारत माता की सच्ची बेटी थी। उसने सबसे पहले सारा विमान खाली कराया और स्वयं को उन दुर्दांत राक्षसों के हाथों सौंप दिया। नीरजा के बलिदान के बाद भारत सरकार ने नीरजा को सर्वोच्च नागरिक सम्मान अशोक चक्र प्रदान किया तो वहीं पाकिस्तान कीसरकार ने भी नीरजा को तमगा-ए-इन्सानिय त प्रदान किया। नीरजा वास्तव में स्वतंत्र भारत की महानतम विरांगना है। ऐसी विरागना को मै कोटि-कोटि नमन करता हूँ। 
(2004 में नीरजा भनोत पर टिकट भी जारी हो चुका है।)

साभार-स्वर्णिम हिंद का स्वर्णिम स्वप्न — 
CONTACT :-   CHANDRAKANT VAJPEYI. chandrakantvjp@gmail.com   +919730500506.