02 - 10 - 2012.
"क्या सरकार बापू का सच्चे मन से आदर करेगी ?"
यदि सरकार श्रद्धेय महात्मा गांधीजी
का सच्चे मन से आदर करती है और इस कारण सूचना प्रसारण
विभाग द्वारा यह इश्तिहार जारी करते हुवे " २ अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय
अहिंसा दिवस " को सार्थक बनाना चाहती है, तो भारत सरकार को
सबसे पहले बापू के कहेनुसार सभी नागरिकों के मध्य मित्र- भाव
स्थापित कराने की आवश्यक पहल करनी चाहिए। इसके लिए
सरकारी व्यवस्थाओंमें प्रचलित जात, धर्म और आरक्षण को बंद
करके केवल "भारतीयत्व" की स्थापना करना चाहिए।
"आज जीव सुनिश्चिती कार्य से लेकर उसकी मृत्यु
तक हर क्षेत्र में उपरोक्त तीन स्थापनाए लागू है जो " वर्ग-संघर्ष और
सत्ता-संघर्ष " को प्रोत्साहन देते हुवे मित्रभाव में न्यूनता पैदा कर
रही है, जिस कारण हिंसा वृद्धि होकर महात्मा जी के अहिंसा के
विचारों की धज्जिया उड़ती है।
क्या सरकार नागरिकों के मध्य बापू के
मित्र - भाव या एक परिवार भाव की स्थापना का कार्य करके
सामाजिक समरसता उपरोक्तानुसार निर्मित करेगी और बापू को
सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करेगी ?
.... चंद्रकांत वाजपेयी. { जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक काआर्याकार्ता } औरंगाबाद.
chandrakantvjp@gmail.com
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