Friday 31 August 2012

" भारत की भयावह स्थिती से उबरने के तकनिकी उपाय "


०१ / ०९ / २०१२.
" भारत की भयावह स्थिती क्यो ? " 
और
"क्या है  इस स्थिती से जल्दी उबरने की तकनीक?

                ह निर्विवाद सत्य है कि प्रत्येक भारतीय मूलत: सुसंस्कारित, चारित्र्यवान, भ्रष्टाचारमुक्त जीवन पद्धति को अनुसरित करनेंवाला और देश के लिए के लिए हर स्तर पर मर मिटनें वाला दृढ़ निश्चयी नागरिक होता है । हर हिंदुस्तानीं को ऐसा ही होना चाहिए यह भी स्वयं सिद्ध है कि सच्चा नागरिक भारत की धरती को माता मानता है और दुनिया के सभी देशों में सर्वश्रेष्ठ - सर्वसम्पन्न देश बनानें का लक्ष्य रखकर इसकी पूर्ति के लिए समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करता है।  

                                यह इंगित करनें की आवश्यकता नहीं है कि शुद्ध-स्वच्छ वातावरण में ईमानदारी से काम होता है, जिससे इंसान सानंद, प्रामाणिकता और दृढ़ता के साथ असीमित सकारात्मक कार्य सिद्ध करता है'। उक्त व्यक्ति के यथार्थवादी, समाजनिष्ठ और ईमानदार कर्त्तव्य परायणता के कारण वह विश्वसनीय होकर समाज में सम्मान का पात्र बनता है । ऐसे व्यक्ति की पहचान एक समाज सेवी कार्यकर्ता के रूप में होती है और उससे  समाज की अनेकानेक अपेक्षाए होती है।'                  

                                यह अनुभव आता है कि भविष्य में जब यही सम्मान प्राप्त समाजसेवी राजनीतिक क्षेत्र में जाकर काम करता है, तब  समाज को उसके भाष्य, चरित्र, व्यवहार, धनबल -बाहुबल और कर्त्तव्य स्थिति में अनावश्यक रूप से बदलाव मिलनें लगता है। कुछेक समाज सेवकों को छोड़कर अधिकाँश राजनीति में गए व्यक्ति इसी परिवर्तित रूप में दिखाई देते है । जबकि हर सामान्य नागरिक केवल समाजसेवी से प्रामाणिक रहनें की अपेक्षा करता है। परन्तु राजनीतिक हो गया व्यक्ति अब सच्चा व अच्छा समाजसेवी  न  रहकर दलीय कार्यकर्ता बन जाता है, और अपनें आप को नेता कहता फिरता है । 

                               व्यक्ति का यह परिवर्तन नकारात्मक होनें के कारण समाज के मन- मस्तिष्क पर गहरी चोट करता है,जिससे इस राजनीतिक कार्यकर्ता अर्थात नेता को सारा समाज परोक्ष रूप से अभद्र मानता है। ये नेता अनैतिकता और आर्थिक - सामाजिक अपराधों की सजा से पूर्णत: बेख़ौफ़ रहकर बेशर्मी से विभिन्न स्तरों पर लूटपाट का साम्राज्य स्थापित करते है। इनकी सरकारी क्षेत्रों में दखलंदाजी प्रभावी होती है, जिस कारण सरकारी अमला इनसे भय रखते हुवे इनके अयोग्य कार्यों में रुकावट डालने का साहस नहीं करता,बल्कि अपनी तरक्की  या बिना श्रम अतिरिक्त धन प्राप्ति की आस में इनकी चापलूसी करने लगता है। भारतीय मतदाता केवल ऐसे गुणोंको प्रस्तुत करने  वाले नेता, उसके सहयोगी और विचार धारासे जुड़े समूहको भविष्य में सत्ता से दूरस्थ रखनें का मन बनाता है। यहाँ तक की सामान विचारधारा के अन्य कार्यकर्ता भी निजी स्वार्थ के चलते ऐसे व्यक्ति को सत्ता से विचलित करनें या चुनाव में पराभूत करनें के लिए आगे बढ़ते है, परिणामत:  आतंरिक संघर्ष और अपराधों में वृद्धि होती चली जाती है जिससे कुकुरमुत्ते की तरह नये-नये राजनीतिक दल जन्म लेते है।
                              उक्त विषय में चिंतन और अनुभव स्पष्ट करते है कि '' चुनाव में विजयश्री और सत्ता प्राप्ति ही राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े कार्यकताओंका ध्येय रह जाता है, जिसके लिए चुनाव फंड और वोट-बटोरना इनकी प्राथमिकता बन जाती है । अत: नैतिक मूल्यों को तिलांजलि देकर दल का काम करो और सफलता हासिल करो, यह परोक्ष निर्देश यथावश्यकता श्रेष्टी नेतृत्व देता रहता है।"
" ईमानदार रहकर कभी भी सत्ता प्राप्ति संभव नहीं है " इस वाक्य को पत्थर की लकीर मानकर अपनें सच्चे ईमानदार मन के विरुद्ध भ्रष्ट आचरण व संघर्ष करनें के लिए नेता आमादा हो जाते है। यह भ्रम- पूर्ण और देश को विनाश की और ले जानेंवाला विचार और व्यवहार देश के सभी राजनीतिक दलों में और उनके कार्यकर्ताओं में व्याप्त हो चुका है, जो देश में अशांति, व्यक्ति-समूह संघर्ष व असीमित भ्रष्टाचार का कारक तथा पोषक बना है।"

                           " धन और सत्ता का लोभ ही उपरोक्त विनाशकारी स्थिति का जनक है, जब शीर्ष स्तर से अनैतिकता को प्रोत्साहन व संरक्षण प्राप्त होगा, तो ऊपर उल्लेखित भयावह स्थितियों की उत्पत्ति के अलावा और अधिक क्या हो सकता है ?  इसे कौन रोक सकेगा ? " 

इस भयावह परिस्थिति को बदलनें के लिए निम्न उपाय संभव है :-

(१)  देश के प्रत्येक नागरिक में नैतिक मूल्यों का हर स्तर पर और हर हाल में पालन आवश्यक होना
       शिक्षा क्षेत्र में स्थापित इस कमी को दूर करना।  यह एक स्थायी और सर्वोत्तम रामबाण  उपाय है
       परन्तु यह एक दीर्घ प्रक्रिया है, जिसमें पीढियां खप जायेंगी तत्काल लाभ के लिए यह प्रासंगिक  
       व संभव नहीं।

(२)  दूसरा उपाय हो सकता कि सत्तासंचालकों और उनके अधीन  कर्त्तव्य करनें वाले सभीलोगों के हर 
       कृतिको, एक निश्चित अवधी में करवाना और उनके कार्य की निगरानी / नियंत्रण  स्वतंत्रता 
      पूर्वक [ अर्थात सत्तापक्ष से पूर्णत: मुक्त रखकर ]  किसी समूह के माध्यम से अत्यंत कठोर कानूनों
       का सहारा लेकर दृढ़ता से  करवाना। यह  संभव है, परन्तु अपेक्षाकृत कुछ समय लगेगा,  कुछ 
       अड़चनोंको दूर करना होगा।  इन उपायों से अधिकतम ६०-६५%  लाभ मिलेगा।  मा. अण्णा 
       हजारे साहाब ने  इसे " जनलोकपाल " कानून कहां है ।

(३)  तीसरा उपाय  " विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग से कर्तव्यों  में पारदर्शिता इस प्रकार से 
       लाना कि जिससे धनलोभ और अनैतिकता को रोका जा सके या नियंत्रित किया जा सके। 
       इसका क्रियान्वयन शीघ्र संभव है, केवल मन कि ईच्छा चाहिए।
       
  उपाय  क्रमांक  (३) का एक अंश पूरे म.प्र. में अथवा  इस प्रदेश के नेपानगर के नगर पालिका में क्रियान्वित करके देश को एक  नई दिशा मिले,  इस उद्देश्य से नीचे संदर्भित लिंक दी गयी  है।)

 [१]     THIS IS 2nd TWIT REMINDER. Inform your action on ECONOMIC TRANSPERANCY as requested below. 

[२]    नगरपालिका नेपानगर मे आर्थिक पारदर्शिता ? … SIR, PLZ ORDER "LAUNCH OF WEB LINKED WITH  E-CASH BOOK"

सच्चे भारतीय नागरिक होनें के नाते भारत भूमि पर रहनें वाले हर व्यक्ति नें  उपरोक्त क्र.( ३ ) में  वर्णित " आर्थिक  
पारदर्शी व्यवस्था को सहजता से लागू किया जा सकता है संबंधित दी गायी लिंको को पढना चाहिये ।  इनमे से एक लिंक द्वारा केंद्र शासन के तत्कालीन वित्तमंत्री व वर्त्तमान महामहिम राष्ट्रपतिजी,  म.प्र. के मुख्यमंत्रीजी तथा म.प्र. में सत्तादल के प्रदेश अध्यक्ष को लिखा गया है, उसका अवलोकन भी करना चाहिए। साथ ही साथ किये गए पत्राचार के अनुसार म.प्र. के नेपानगर में उक्त प्रयोग करवाकर प्रदेश व देश को नई दिशा प्रदान करनें केलिए आगे आना चाहिए और निर्भीक होकर शासन को इस हेतु आग्रह करना चाहिए ।   धन्यवाद एवं आभार ।

Wednesday 29 August 2012

" कसाब को जीवनदान नहीं दे, महामहिम राष्ट्रपतिजी को भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि "

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"  कृपया देश के दुश्मन कसाब को जीवनदान नहीं दे,"   महामहिम 

राष्ट्रपतिजी को भेजे  गए पत्र की प्रतिलिपि निम्नानुसार है :--


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29 / 08 / 2012. " महामहिम राष्ट्रपति जी, हाथ 

जोड़कर विनम्र प्रार्थना है कि कृपया सुप्रीम कोर्ट के 

आदेशानुसार अजमल कसाब को तुरंत फांसी ही दी 

जावे, उस निर्मोही हत्यारे को दया याचिका अंतर्गत 

किसी भी सूरत में जीवन - दान ना मिले । 

......चंद्रकांत वाजपेयी. जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक

कार्यकर्ता.  chandrakantvjp@gmail.com


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देशवासियों, मैंने आज २९ / ०८ / २०१२ को महामहिम राष्ट्रपति जी

को उनकी अधिकृत वेब साईट पर उपरोक्त मांग का निवेदन किया है

जिसके पावती की प्रतिलिपि निम्न है :- 


Online Request/Grievance registration in President's 

Secretariat Helpline

Inbox

x

helpline@rb.nic.in

6:44 PM (30 minutes ago)



to me 

Dear Sir/Madam, 

Your Request/Grievance has been registered vide

Registration number PRSEC/E/2012/13233.Please quote the

same in your future correspondance.

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यदि आप मेरी उपर लिखी मांग को सही मानते है और इस मांग 

के समर्थक है तो आज ही मेरे उक्त मांग के समर्थन में महामहिम 

राष्ट्रपति जी को पोस्टकार्ड चिट्ठी भेजें  या  उपरोक्तानुसार ई-मेल करे/

अपने मित्रो को भी यह कहे । मैं आपका आभारी रहुंगा। {आप मेरे 

नाम की जगह अपना नाम, ई-मेल आयडी लिखें}  धन्यवाद.

................................................  चंद्रकांत  वाजपेयी.             

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" सुप्रीम कोर्टातून कसाबला फाशीचे आदेश " एक खरा न्याय

29 / 08 / 2012. 


" सुप्रीम कोर्टातून कसाबला फाशीचे आदेश "



एक खरा न्याय
                 

कसाबच्या गोळीबारा मुळे अपंग झालेली पण न घाबरता त्याच्या

विरुद्ध निर्भीक पणे ग्वाही देणारी बहादुर बालिका 'देविका रोटवान'

सह सर्व भारतीय नागरिक, सुप्रीम कोर्ट आणि घाबरटपणा मुळे

शूरवीर 'देविकाला' शिक्षणा पासून मुक्त करणार्या घाबरट लोकांना

धडा शिकवून या बहादुर पोरीला पुन: शिक्षणाचा मार्ग प्रशस्त 

करणार्या राष्ट्रनिष्ठ ' अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्च्या ' युवांचे

देखिल हार्दिक अभिनन्दन।" 



...........     चंद्रकांत वाजपेयी, जेष्ठ नागरिक आणि सामाजिक कार्यकर्ता      ........... 


chandrakantvjp@gmail.com    +919730500506 begin_of_the_skype_highlighting            +919730500506      end_of_the_skype_highlighting.

अजमल कसाब, निर्भिक बालिका, राष्ट्रनिष्ठ संगठन और राष्ट्र संरक्षणार्थ अपील ।

२९ / ०८ / २०१२.   अजमल कसाब, निर्भिक बालिका, 
     राष्ट्रनिष्ठ संगठन और राष्ट्र संरक्षणार्थ अपील ।

          
                देश के सम्मानीय नागरिकों,  हमारे बच्चों के शिक्षा का हक

तुड़वाया था अजमल कसाब के आतंकवादी हमलों के डर नें, परन्तु यह

हक पुन: बहाल करवाया था देशभक्त युवा संगठन ' अखिल भारतीय

विद्यार्थी परिषद् नें।" 


          यदि  अ.भा.वि.प. ना   होता तो कसाब के विरुद्ध कोर्ट में ग्वाही देनेंवाली शूरवीर बालिका


'देविका रोटवान' शिक्षा से वंचित रह जाती। ख़ुशी की बात है कि सुप्रीम कोर्ट, विद्यार्थी परिषद् और


बहादुर देविका; सबनें अपना - अपना धर्म निभाया है।  क्या आप भी भ्रष्टाचार के विरुद्ध सड़क पर


उतरकर अपना धर्म निभायेंगे ?


          क्या आप ऐसे बहादुर बालिका और देशभक्त  अ.भा.वि.प. की 

तरह निर्भीकता से कार्य करते हुवे भारत की समृद्धि और संरक्षण

करनेंवाले ' यूथअगेस्ट करप्शन ', अण्णा हजारे प्रणित  भ्रष्टाचार विरोधी जन-

आन्दोलन न्यास, '' इंडिया अगेंस्ट करप्शन," विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

समावेशित भ्रष्टाचारमुक्त भारत निर्माण आन्दोलन, " भारत स्वाभिमान

ट्रस्ट एवं बाबा रामदेव के कालाधन वापस लाओ आन्दोलन या अर्थक्रांती

आदि संगठनो का सच्चा साथ नहीं देंगे ?  क्या आप डरपोक रहकर देश

को भ्रष्टाचार की दीमक लगानें वाले चंद राजनीतिज्ञों का साथ देंगे? उन्हें

वोट देंगे ? या वोट ना देकर चोट पहुंचाएंगे ? क्या है आपका कर्तव्य ?


             प्रिय देशवासियो फैसला आपके हाथ मे है,सोचिये आपको

क्या करना है।  " महामहिम राष्ट्रपति जी को भी हाथ जोड़कर विनम्र

प्रार्थना है कि कृपया सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अजमल कसाब को

तुरंत फांसी ही  दी जावे, उस निर्मोही हत्यारे को दया याचिका अंतर्गत

किसी भी सूरत में जीवन दान ना मिले । "


..................   चंद्रकांत वाजपेयी, जेष्ठ नागरिक आणि सामाजिक कार्यकर्ता. औरंगाबाद।

     chandrakantvjp@gmail.com    +९१९७३०५००५०६ 




Monday 27 August 2012

संसद के गतिरोध को दूर करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय, एक अति महत्वपूर्ण सुझाव |


२७ / ०८ / २०१२.
निवेदन है की  आम जनता कृपया निम्न पत्र पर  अपनी राय अवश्य देवे | 
विषय :- संसद के गतिरोध को दूर करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय  |
                   एक अति महत्वपूर्ण सुझाव |

मान्यवर,




मा. सभापती जी ( लोकसभा एवं राज्यसभा )


मा. प्रधानमंत्री जी,  मा. दोनो सदनो के सभी राजनीतिक दलो के नेतागण,
              सभी को विनम्र नमस्कार |    

मान्यवर,

                    दु:ख के साथ लिखा जाता है कि विगत 

संपूर्ण साप्ताह और आज दि. २७/०८/२०१२ को भी 

लोकसभा व राज्यसभा स्थगित हुई है, जो निश्चित 

ही निकृष्ट संसदीय कार्य पद्धती की सूचक है |

सत्तापक्ष और विपक्ष कि जिद के कारण देश का 

अपार आर्थिक नुकसान होने के साथ आम जनता का 

लोकतंत्र पर स्थापित विश्वास खंडित हुआ है |

                   यदि सत्तापक्ष और विपक्ष को तनिक 

भी देशप्रेम व अपने कर्तव्य का बोध हो जिससे कभी

भी देश का कोई नुकसान ना हो तो  " प्रधानमंत्री जी 

आप कृपया आज बारह बजे अथवा दोपहर दो बजे   

लोकसभा में केवल ४०दिन तक की अवधी के लिये

प्रधानमंत्री पद दायित्व से दूर हो जावे और उन सभी

राज्यो के मुख्यमंत्री जिन्होने नीलामी नही करने का

पत्र प्रधानमंत्रीजी को लिखा था, वे सभी मा. प्रधान -

मंत्री जी की तऱ्ह ४० दिनो तक के लिये अपने पद

दायित्व से दूर हो जावे | मुख्यमंत्रियो के ४० दिन

तक इस्तीफे का लिखित वचन संसद के दोनो सदन

के सभी दलो के प्रमुख देवे और दोनो सदनो के सभी

संसद सदस्य एकमत से ज्यादा से ज्यादा तीन दिनो

के  अंदर  तीन रिटायर्ड जजो की एक  जाच कमेटी

स्वीकृत करे जो ४०दिनो में "कोयला घोटाले के सभी

आरोपो की निष्पक्ष जांच कर ४१ वे दिन अनिवार्यत: 

निर्णय दे | उस निर्णय के आधार पर मा. प्रधानमंत्री 

जी सहित सभी संबंधित मुख्यमंत्री जी की भविष्य 

में संबंधित पदो पर पुन: स्थापना होवे या नही यह 

तय होवे | 

क्या संसद द्वारा इस सुझाव को स्वीकार कर देश पर 

उपकार किया जायेगा  ? 

आदरणीय सभापती महोदय कृपया उक्त सुझाव पर 

कार्यवाही कर उपकृत करे, मै सदैव आभारी रहूंगा | 
     
                                                                                 विनम्र निवेदक 
                                       चंद्रकांत वाजपेयी, जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता.
                                       chandrakantvjp@gmail.com  +919730500506        

Tuesday 21 August 2012

ईमानदार मंत्रीजी, आरोपों से बचनें के लिए इस प्रकार काम करे|

२१ / ०८ / २०१२. 
  
 नस्ती आते ही मंत्रीजी एक कमेटी बना दे, नस्ति के कमेटी से क्लीयर होने पर उसे वे फाईनेंस 

विभाग में भिजवा दे और क्लीयरन्स लेवे | फिर उसके बाद उसे लॉ डिपार्टमेंट से क्लीयर करवाए

और बाद में नस्ती को अपनी टेबिल पर रखवाकर उपरोक्त क्लीयरन्स के आधार पर  विषय की

स्वीकृति अथवा अस्वीकृति प्रदान करे | इस प्रकार सुरक्षित रूप से प्रकरण पर आदेश देकर 

हस्ताक्षर करें । अंत मे उपरोक्त आदेश की अच्छी तरह जांच परख करके मंत्रालय की वेबसाईट 

पर अपलोड करें / करवाये ।


यह सुस्पष्ट रहे कि प्रकरण सिटिजन चार्टर के अनुसार निर्धारित अवधि में पूर्ण हो, इसलिए मंत्रीजी

प्रत्येक विभाग के क्लियरेंस हेतु कार्य अवधि का निर्धारण प्रारंभ में ही करे तथा इस विषय पर स्वयं

गंभीर रहे।

.................... चन्द्रकांत  वाजपेयी [जेष्ठ नागरिक व सामाजिक कार्यकर्ता] 


chandrakantvjp@gmail.com  + 919730500506.